केरल विमान हादसे का शिकार होने वाले दो मृतक पायलट्स में से एक कैप्टन डीवी साठे भी थे, जो कि इंडियन एयरफोर्स में विंग कमांडर रह चुके थे। एयर इंडिया में शामिल होने से वह पहले भारतीय वायुसेना में एक प्रायोगिक परीक्षण पायलट थे।
कैप्टन दीपक साठे मिग 21 के भी पायलट थे, जो 17 स्क्वाड्रन (गोल्डन एरो) अंबाला में रहे। स्क्वाड्रन 1999 कारगिल युद्ध में भी गया था। कैप्टन साठे वायुसेना प्रशिक्षण अकादमी में प्रशिक्षक भी रहे।
गौरतलब है कि केरल में शुक्रवार (अगस्त 07, 2020) शाम दुबई से आ रहा एयर इंडिया का विमान क्रैश हो गया था। इस विमान में 190 लोग सवार थे। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार हादसे में 18 लोगों की मौत हुई है।
मृतकों में दो पायलट भी शामिल हैं और हादसे में घायल 127 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाकी लोगों को घर जाने दिया गया है। केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी जानकारी दी। वह फिलहाल, केरल के लिए रवाना हो गए हैं।
उड्डयन मंत्री पुरी ने हादसे का संभावित कारण बताते हुए कहा कि ‘वंदे भारत मिशन’ के अंतर्गत यह विमान 190 यात्रियों को दुबई से लेकर आ रहा था। पायलट ने टेबलटॉप एयरपोर्ट के रन-वे के अंत तक विमान को रोकने की कोशिश की होगी, जहाँ मानसून से बनी स्थिति के कारण विमान फिसल गया होगा।
Our task would have been much more difficult if the plane had caught fire. I am going to the airport (Kozhikode International Airport in Karipur): Hardeep Singh Puri, Civil Aviation Minister #Kerala https://t.co/4jXb4PAxQI
— ANI (@ANI) August 8, 2020
पुरी ने कहा, “हादसे में हुई एक भी मौत दुखद होती है। शुक्र है कि विमान में आग नहीं लगी। जाँच के लिए दो टीमें रवाना हो गई हैं। मैं खुद भी वहाँ जा रहा हूँ। हादसे में राहत और बचाव कार्य पूरा हो चुका है। मलबे को हटाने और ब्लैक बॉक्स की खोज की तैयारी हो रही है।”
ग्लोबल फ्लाइट ट्रैकर वेबसाइट ‘फ्लाइटरडार24‘ के अनुसार, केरल में एयर इंडिया के विमान ने कोझिकोड एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले कई बार ऊपर चक्कर लगाए थे और दो बार और उतरने की भी कोशिश की थी, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई थी। विमान रन-वे पर फिसल गया और घाटी में गिरने से उसके दो टुकड़े हो गए।