Tuesday, June 17, 2025
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हलाल बैंकिंग फर्म के सात निदेशक गिरफ्तार, सरगना ‘जगुआर’ से पहुँचा एयरपोर्ट, फरार

मंसूर खान निवेशकों का सैकड़ों करोड़ रुपया लेकर फरार हो गया है। उसके फरार होने के बाद महज 5 घंटों के अंदर हजारों शिकायतें दर्ज की गई थी, जिसमें से अधिकतर शिकायतकर्ता बेंगलुरु के मुस्लिम समुदाय के लोग थे।

बेंगलुरु में ‘आई मॉनेटरी एडवाइजरी’ (I Monetary Advisory) के नाम से फर्जी इस्लामिक बैंक चलाने वाले मोहम्मद मंसूर खान की फर्म के सात निदेशकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन निदेशकों को पुलिस ने बुधवार (जून 12, 2019) को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया। इस दौरान पुलिस को एक निदेशक के घर के बाहर से सफेद रंग की एसयूवी बरामद हुई है, जिसके बारे में बताया जा रहा है कि ये मंसूर खान की है। फर्म का मालिक मंसूर खान अभी भी फरार चल रहा है।

खबर के मुताबिक, कल शाम 6:45 तक खान का इमिग्रेशन क्लियर हो गया था और 8:45 पर उसने दुबई के लिए उड़ान भरी। इस दौरान खान अकेला था। इससे पहले, शनिवार (जून 8, 2019) को खुद अपनी पसंदीदा जगुआर से केम्पेगौड़ा हवाई अड्डे पर पहुँचा था। पुलिस ने बताया कि खान ने बिज़नेस क्लास की सीट बुक की थी। खान के जगुआर (KA 05 MW 41) और रेंज रोवर (PY 05 C777) को बुधवार को गिरफ्तार किए गए सात IMA निदेशकों में से एक, निजामुद्दीन अज़ीमुद्दीन के शिवाजीनगर निवास से जब्त किया गया।

मंसूर खान निवेशकों का सैकड़ों करोड़ रुपया लेकर फरार हो गया है। उसके फरार होने के बाद महज 5 घंटों के अंदर 3300 शिकायतें दर्ज की गई थी, जिसमें से अधिकतर शिकायतकर्ता बेंगलुरु के मुस्लिम समुदाय के लोग थे। वहीं, मामला के सामने आने के बाद  तीसरे दिन भी काफी संख्या में लोग शिवाजीनगर स्थित फर्म के ऑफिस पहुँचे और फर्म के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। अब तक इस फर्म के खिलाफ 26 हजार लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई है। इस शिकायत में मालिक और निदेशकों पर सख्त कार्रवाई की माँग की गई है।

गौरतलब है कि, साल 2006 में खाड़ी से लौटे मोहम्मद मंसूर खान ने इस्लामिक बैंकिंग और हलाल निवेश के नाम पर एक फर्म बनाई जिसका नाम रखा ‘आई मॉनेटरी एडवाइजरी’ (I Monetary Advisory)। इस्लामिक बैंकिंग के नाम पर मंसूर खान ने अपने समुदाय के लोगों से इस फर्म में निवेश करने को कहा। मंसूर खान ने लोगों को बड़े रिटर्न का वादा करके निवेश करने का लालच दिया और जब लोगों ने बड़ी संख्या में निवेश किया, तो उसने उस पैसे से ज्वेलरी, रियल एस्टेट, बुलियन ट्रेडिंग, फार्मेसी, प्रकाशन, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में जमकर व्यवसाय किया और धन कमाया और फिर देश छोड़कर फरार हो गया। फर्म में तकरीबन 10 हजार निवेशकों ने 2,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था। मंसूर खान ने लोगों से 14% से 18% तक के रिटर्न का वादा किया था।

मंसूर के फरार होने के 24 घंटे बाद ही एक ऑडियो क्लिप वायरल हो गई जिसमें मंसूर खान कह रहा था कि वो भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों को रिश्वत देते-देते थक चुका है, इसलिए आत्महत्या करने जा रहा है। साथ ही इस ऑडियो क्लिप में मंसूर खान ने ये भी कहा कि बेंगलुरु के एक कॉन्ग्रेसी विधायक रोशन बेग ने उसके 400 करोड़ रुपए हड़प लिए हैं। ऑडियो क्लिप के वायरल होने के बाद सैकड़ों की संख्या में निवेशक आईएमए के ऑफिस पहुँचे और हमला करने की कोशिश की। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने काफी संख्या में जवानों को तैनात किया, जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में आई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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