उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर अवैध धर्मांतरण का रैकेट चलाने और 1 हजार से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के आरोपित मौलाना कलीम सिद्दीकी को जमानत मिल गई है। बुधवार (4 अप्रैल, 2023) को लखनऊ हाईकोर्ट के 2 सदस्यीय बेंच ने मौलाना कलीम की याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत देने का फैसला दिया। कलीम सिद्दिकी को साल 2021 में गिरफ्तार किया गया था।
कलीम सिद्दीकी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अता-उर-रहमान मसूदी और जस्टिस सरोज यादव की खंडपीठ ने उन्हें जमानत दे दी। मौलाना कलीम ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष हैं साथ ही जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट भी चलाते हैं। यूपी एटीसएस ने कलीम सिद्दीकी को मोहम्मद उमर गौतम, मुफ्ती काजी जहाँगीर कासमी सहित अन्य मुस्लिम धर्म प्रचारकों के साथ एंटी लव जिहाद कानून के तहत धर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
Maulana Kaleem Siddiqui is the chairman of Global Peace Center.
— Shashank Shekhar Jha (@shashank_ssj) April 5, 2023
He runs Jamia Imam Waliullah Trust.@Uppolice found that:
His trust gets money from abroad to carry out religions conversions. They found his trust receiving ₹3 Crore from abroad during investigation.
2/3 pic.twitter.com/ePYoFEYTBI
साल 2021 में यूपी एटीएस ने दावा किया था कि कलीम सिद्दीकी ने मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहाँगीर के साथ मिलकर जबरन धर्मांतरण के लिए लोगों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाते थे। मौलाना पर आरोप है कि उसके ट्रस्ट को विदेशों से करोड़ों का फंड मिलता था। इन रुपयों का इस्तेमाल धर्मांतरण के कामों में किया जाता था। यूपी एटीएस के मुताबिक वह धर्मांतरण के लिए कई मदरसों को पैसे देता था।
कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार करने के बाद उत्तर प्रदेश के एडीजी प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि मौलाना सिद्दीकी के अवैध धर्मांतरण रैकेट के साथ लिंक हैं। उन्होंने कहा था कि सिद्दीकी के ट्रस्ट को 1.5 करोड़ रुपये बहरीन से मिलने के साथ पूरे 3 करोड़ रुपये विदेशों से मिले हैं। मौलाना कलीम सिद्दीकी पर आरोप है कि वह शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की आड़ में देश भर में धर्मांतरण के अवैध काम में लिप्त था इसके लिए उसे विदेशों से पैसे मिलते थे।