अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में गणतंत्र दिवस CAA-विरोधी छात्रों के हंगामे की भेंट चढ़ गया। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में 71वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान कुछ छात्रों ने परिसर में हंगामा कर व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की। इस दौरान हंगामा कर रहे छात्रों ने कुलपति वापस जाओ (VC Go Back) के नारे लगाए और उन्हें अपना भाषण देने से रोका। इसके बाद वहाँ मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उपद्रवी छात्रों को पकड़कर समारोह स्थल से बाहर कर दिया।
Aligarh: Students, during Aligarh Muslim University VC Professor Tariq Mansoor’s #RepublicDay speech today, raised slogans of ‘Go Back’ against police entry into the campus on Dec 15, 2019. The protesters were taken out of the campus by AMU’s internal security personnel. pic.twitter.com/SMphTaGD8p
— ANI UP (@ANINewsUP) January 26, 2020
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गणतंत्र दिवस के समारोह के दौरान कुछ AMU के कुछ छात्रों ने बाधा डालने की कोशिश की और हंगामा किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यूनिवर्सिटी के कुलपति तारिक मंसूर स्ट्रेटची हॉल पहुँचे थे। उनके साथ रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद सहित यूनिवर्सिटी के अन्य लोग भी वहाँ मौजूद थे।
इस कार्यक्रम में ध्वजारोहण के बाद जैसे ही कुलपति तारिक मंसूर ने बोलना शुरू किया, छात्रों के एक गुट ने उनके भाषण को बाधित करते हुए काले झंडे दिखाकर ‘वीसी गो बैक’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। कड़ी सुरक्षा के बीच यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कुलपति तारिक मंसूर जब अपना भाषण समाप्त कर रहे थे, तभी कुछ छात्रों ने उन्हें हटाने की माँग करते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान छात्रों के दो गुटों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।
कुलपति ने अपने भाषण में कहा कि वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के दर्जे को संरक्षित करने की कसम लेते हैं। उन्होंने कहा कि परिसर में हाल में हुई घटनाएँ दुर्भाग्यपूर्ण थीं लेकिन वह हमेशा अपने छात्रों के साथ रहे हैं और आगे भी रहेंगे।
बताया जा रहा है कि छात्रों ने यह नारेबाजी तब शुरू की जब कुलपति ने अपने भाषण के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में गत 15 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में AMU के छात्रों के उग्र प्रदर्शन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
कार्यक्रम में हंगामा करने और काले झंडे दिखाने की कोशिश करने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी की प्रोक्टोरियल टीम ने दौड़कर पकड़ा। सभी विरोध कर रहे छात्रों को टीम अपनी गाड़ियों में भरकर ले गई। इस मामले पर कुलपति तारिक मंसूर से जब इस विरोध प्रदर्शन के बारे में सवाल किए गए, तो उन्होंने इस पर कुछ न बोलते हुए सिर्फ सभी को 71वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी।
स्टूडेंट्स कोआर्डिनेशन कमेटी के प्रवक्ता अनसब आमिर ने संवाददाताओं को बताया कि कुलपति के भाषण के दौरान विरोध जताने वाले छात्रों को विश्वविद्यालय के सुरक्षा स्टाफ ने पकड़ कर जबरन पुलिस थाना पहुँचा दिया। हालाँकि ताहिर आजमी, रफीउद्दीन, सुधीर गुलाटी और एएम फराज नाम के छात्रों को अब रिहा कर दिया गया है।
बता दें कि कल ही AMU में शरजील इमाम को देशद्रोही बयान देने के लिए देश के विभिन्न राज्यों में देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है। उसने असम और नार्थ-ईस्ट को भारत से अलग कर देने की बात कही थी। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 15 दिसंबर को एएमयू में जमकर हिंसा हुई थी। तब से छात्रों का एक समूह परिसर में धरना दे रहा है। पुलिस कार्रवाई के विरोध में छात्र कुलपति के इस्तीफे की माँग कर रहे हैं।