योगी सरकार के अभियान के कारण उत्तर प्रदेश के माफियाओं में बौखलाहट दिख रही है। मऊ जिले में एक के बाद एक मुख्तार अंसारी और उसके करीबियों की अवैध सम्पत्तियों को जब्त किया जा रहा है। अब उसके गुर्गे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मार डालने की धमकी दे रहे हैं। एक नंबर से पुलिस हेल्पलाइन 112 पर मैसेज भेज कर यह धमकी दी गई।
पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय के अनुसार पुलिस हेल्पलाइन के व्हाट्सएप नंबर पर कई मैसेज भेज कर धमकी दी गई। इसके बाद लखनऊ स्थित हजरतगंज थाने के इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडेय ने मुकदमा पंजीकृत कराया। बुधवार (सितम्बर 23, 2020) की सुबह 9:56 से लेकर 10:11 के बीच धमकी भरे मैसेज मिले थे। इनमें सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था।
धमकी देते हुए कहा गया था कि मऊ से 5 बार विधायक रहे मुख़्तार अंसारी को 24 घंटे के भीतर रिहा किया जाए। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो शुक्रवार (सितम्बर 25, 2020) को सरकार ‘मिटा’ दी जाएगी। पुलिस ने उस नंबर के डिटेल्स पता कर लिए हैं, जिससे ये मैसेज भेजे गए थे। पुलिस की एक टीम आरोपित की गिरफ़्तारी के लिए गठित कर दी गई। गुरुवार देर एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
आरोपित का नाम अमरपाल बताया जा रहा है, जो कि ट्रक ड्राइवर है। वह एटा का रहने वाला है। उसके आपराधिक इतिहास की जाँच की जा रही है। साथ ही ये भी पता लगाया जा रहा है कि माफिया मुख़्तार अंसारी के साथ उसके क्या सम्बन्ध हैं। पुलिस ने बताया है कि पूछताछ पूरी होते ही इस घटना का पर्दाफाश किया जाएगा। उसने सरकार मिटाने की बात करते हुए धमकी दी थी कि ‘योगी आदित्यनाथ को भी नहीं छोड़ा जाएगा’।
इससे पहले भी मुख्यमंत्री योगी धमकियाँ मिलती रही हैं। गोंडा के एक युवक ने भी इसी तरह की करतूत की थी। उसने सीएम योगी को मुस्लिम समाज के लिए ख़तरा बताते हुए पुलिस को धमकी भरे मैसेज भेजे थे, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। लखनऊ में स्थित मुख़्तार अंसारी के अवैध निर्माण को गिराने के साथ ही उसके पत्नी-बेटों पर भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।
मुख्तार अंसारी को जेल से न छोड़ने पर सीएम #YogiAdityanath को जान मारने की धमकी, यूपी 112 पर आया मैसेज https://t.co/uyV2Ltix9Y
— Hindustan (@Live_Hindustan) September 26, 2020
प्रतिदिन उसके किसी न किसी गुर्गे के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, जिससे उसके गैंग में हड़कंप मचा हुआ है। हाल ही में पता चला है कि तीन बड़े बिल्डरों और कई वकीलों के जरिए मुख़्तार अंसारी के कालाधन को सफ़ेद करने का कारनामा चल रहा है। ऐसे बिल्डरों और वकीलों के 42 मोबाइल नंबर पुलिस के हाथ लगे हैं। ये जमीन पर अवैध कब्ज़ा करने का ठेका लेते हैं और अदालत में उसकी ओर से पैरवी करते हैं।
इनमें से 21 को थाने में हाजिरी लगाने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है। लखनऊ में रेलवे के ठेकों, मिट्टी का खनन, टोल पर वसूली और जमीन की खरीद-फरोख्त में इसी माफिया नेटवर्क का वर्चस्व रहा है। ट्रांस गोमती की कई सम्पत्तियों पर उसकी नज़र है। 3 साल पहले माड़ीगगाँव गुडम्बा में जमीन पर कब्जे को लेकर गोलीबारी भी हुई थी। 2019 में मिट्टी खनन को लेकर एक ठेकेदार पर गोलीबारी हुई थी। अब पुलिस इन मामलों में कार्रवाई कर रही है।
हाल ही में योगी सरकार ने मऊ सदर से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के नजदीकी व मुन्ना सिंह हत्याकांड में नामजद हिस्ट्रीशीटर एवं पूर्व सभासद रजनीश सिंह की 39 लाख रुपए की सम्पत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की है। पिछले दो दशकों के दौरान रजनीश कुमार सिंह मुख्तार अंसारी गिरोह का मुख्य शरणदाता व आर्थिक मददगार रहा है।