Friday, April 26, 2024
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अरुणाचल प्रदेश: लॉकडाउन में BRO ने 27 दिन में नदी पर बना दिया ब्रिज, चीन सीमा से सटे गाँव तक पहुँचेगी खाद्य सामग्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर BRO की तारीफ की और लिखा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में BRO बहुत अच्छा काम कर रहा है। मैं महानिदेशक BRO और उनकी पूरी टीम को उनके सराहनीय कार्य के लिए बधाई देता हूँ।

अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी नदी पर देश में जारी लॉकडाउन के बीच बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने मात्र 27 दिनों में डेपोरिजो पुल बनाकर एक नई मिशाल कायम की है। इसके बाद अब भारत चीन सीमा से सटे गाँव तक खाद्य सामग्री, दवाईयाँ जैसी जरूरी वस्तुएँ पहुँचाना अब आसान हो जाएगा। इतना ही नहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किए गए पुल के उद्घाटन के बाद सरकार ने इसे आम लोगों के लिए खोल दिया है।

दरअसल सुबनसिरी नदी पर बनाए गए 430 फीट लंबे पुल का सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खाँडू ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुल का उद्घाटन किया। इसके बाद यह पुल भारत-चीन सीमा पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) तक 40 टन वजनी वाहनों को पहुँचाने में मददगार साबित होगा। इतना ही नहीं पुल की क्षमता को देखते हुए अब सैन्य सामग्री भी LAC तक आसानी से भेजी जा सकेगी।

वहीं पुल की आवश्यकता को देखते हुए सरकार ने BRO को पुल बनाने के लिए दो महीने का समय दिया गया था, लेकिन BRO की टीम ने देश में जारी लॉकडाउन के बीच ही रात-दिन कार्य करके इसे मात्र 27 दिन में ही पूरा कर दिया। 17 मार्च से शरू हुआ निर्माण कार्य 14 अप्रैल को पूरा हो गया। खास बात यह कि पुल निर्माण के दौरान पूरी टीम ने लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन भी किया। पुल के निर्माण का कार्य 23 बीआरटीएफ ने किया।

आपको बता दें कि दापोरिजो पर पुल बनाना आसान नहीं था। यहाँ पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के दो विवाविद एरिया आसफिला और माजा हैं। वहीं दापोरिजो पर एक पुराना पुल था जो 1992 में बना था, लेकिन वह पूरी तरह से जर्जर हो चुका था। इसके ऊपर से सिर्फ 9 टन का भार ही गुजर सकता था। यह पुल मुख्य रूप से पूरे अरुणाचल प्रदेश को दो मुख्य मार्गों लीकाबली-बसर-बामे-दापोरिजो और ईटानगर-जीरो-रागा-दापोरिजो को जोड़ता था।

वहीं BRO द्वारा किए गए इस कार्य पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर BRO की तारीफ की और लिखा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में BRO बहुत अच्छा काम कर रहा है। मैं महानिदेशक BRO और उनकी पूरी टीम को उनके सराहनीय कार्य के लिए बधाई देता हूँ।

गौरतलब है कि भारत-चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश में असफिला क्षेत्र को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। 8 अप्रैल 2018 को चीन ने भारतीय सेना द्वारा अरुणाचल प्रदेश के असफिला क्षेत्र में पेट्रोलिंग पर आपत्ति जताई थी और इस क्षेत्र पर अपना हक जताया था। चीन ने कहा था कि भारत द्वारा इस क्षेत्र में की जा रही पेट्रोलिंग अतिक्रमण है। यह क्षेत्र चीन का हिस्सा है।

हालाँकि, भारतीय सेना ने इस दावे को खारिज कर दिया था। भारत ने कहा था कि असफिला अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी क्षेत्र का हिस्सा है, और हम यहाँ लगातार पेट्रोलिंग करते आ रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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