उत्तर प्रदेश के बदायूँ में 19 मार्च 2024 को 2 हिन्दू बच्चों का गला रेतने के मुख्य आरोपित साजिद को पुलिस ने अगले दिन एक मुठभेड़ में मार गिराया। साजिद का भाई और घटना का दूसरा आरोपित जावेद गिरफ्तार हो चुका है और उसे पुलिस ने जेल भेज दिया है। इस पूरे मामले में आरोपितों और उनके परिजनों के बयानों में काफी विरोधाभास निकल कर सामने आया है।
अगर आरोपित जावेद और उसके घर वालों के बयानों के आधार पर जाँच की जाए तो कातिलों के रोजा रखने, साजिद की बीवी और जावेद की लोकेशन पर अलग-अलग निष्कर्ष निकल कर सामने आएँगे। इन सभी के बयानों और पुलिस के खुलासे में भी काफी अंतर है। आरोपित जावेद की लोकेशन पर भी संशय है।
जावेद की लोकेशन पर अलग-अलग दावे
FIR के अलावा, मृतकों के पड़ोसियों का दावा है कि दोनों मासूमों की हत्या के समय जावेद घर के ही नीचे था। IG राकेश कुमार सिंह ने भी अपने बयान में जावेद के घटनास्थल पर मौजूदगी की बात कही है, जो वारदात के बाद फरार हो गया था। पुलिस और FIR कॉपी के उलट, जावेद की लोकेशन के मामले में उसके परिजनों और सखानू गाँव के कुछ निवासियों के अलग ही दावे हैं।
जावेद की दादी ने ऑपइंडिया को बताया कि घटना के समय जावेद अपने गाँव में ही था और मिट्टी खोद रहा था। हमें एक जगह भी दिखाई गई, जहाँ गड्ढा था। जावेद की दादी ने हमें बताया, “वो अपने घर पर मिट्टी खोद रहा था। उसे किसी ने फोन करके बताया कि भाई साजिद का झगड़ा हो गया है। वो काम छोड़कर बदायूँ भागा और वहाँ पुलिस ने उसे पकड़ लिया।”
जावेद की रिश्तेदार रुखसाना और पड़ोसी मुजफ्फर ने भी जावेद द्वारा मिट्टी खोदे जाने की बात दोहराई। जिस जगह मिट्टी खोदी गई है उसे देख कर लगता है कि उसकी अधिक-से-अधिक 1 घंटा पहले खुदाई हुई होगी। अब सवाल यह ये कि जावेद ने महज 1 घंटे ही मिट्टी खोदी होगी? महज एक घंटे के काम को दिन भर का काम बताने के पीछे क्या मंशा रही होगी। शायद भविष्य में यह भी जाँच का विषय बने।
जावेद का बरेली में गिरफ्तारी से पहले एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में उसने घटनास्थल पर भीड़ देखकर डर के मारे भाग जाने का दावा किया था। जावेद के गाँव सखानू की बदायूँ शहर से दूरी लगभग 15 किलोमीटर है। दोनों के बीच सिंगल सड़क है, जो व्यस्त है और बाजार से होकर जाती है।
अगर जावेद बाइक से भी अपने भाई के पास घटनास्थल पर जाता तो उसे वहाँ पहुँचने में कम-से-कम 40 मिनट का समय लगता है। इतने समय में आक्रोशित भीड़ घटनास्थल के बजाय पुलिस चौकी पहुँच चुकी थी। ऐसे में तमाम सवाल ऐसे खड़े होते हैं कि घटना के समय जावेद था कहाँ ?
साजिद की बीवी मायके या ससुराल में ?
इस दोहरे हत्याकांड में साजिद की बीवी सना का जिक्र मीडिया और सोशल मीडिया में पहले दिन से है। FIR में भी साजिद द्वारा अपनी बीवी को गर्भवती बताकर पैसे वसूलने का जिक्र किया गया है। 21 जनवरी को आजतक ने साजिद की ससुराल ददमई जाकर सना और साजिद की सास मिस्कीन से बात की थी। इस बातचीत में सना के गर्भवती न होने का भी खुलासा हुआ था।
तब साजिद की ससुराल वालों ने यह भी दावा किया था कि सना पिछले 15 दिनों से अपने मायके में ही है। ऑपइंडिया की टीम जब साजिद के गाँव सखानू में पहुँची तो वहाँ इन दावों के उलट ही बात पता चली। साजिद की दादी ने दावा किया कि घटना से कुछ घंटे पहले घर पर मौजूद साजिद ने अपनी बीवी से खाना बनाने के लिए कहा था।
साजिद की दादी के पास मौजूद रुखसाना और शानवाज आदि भी इस दावे के समर्थन में हाँ में हाँ मिलाते दिखे। हालाँकि साजिद की बीवी की लोकेशन के बारे में अभी तक प्रशासनिक स्तर पर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। पुलिस का दावा है कि घटना से जुड़े तमाम पहलुओं पर विचार-विमर्श चल रहा है।
दादी सही या बीवी ?
साजिद की बीवी ने 20 मार्च को एक अन्य न्यूज़ चैनल पर बताया था कि उसे अपने पति पर लगे हत्या के आरोप और उसके बाद उसके एनकाउंटर आदि की जानकारी नहीं है।
बदायूं – बदायूं में 2 बच्चों की बर्बरता से हत्या मामला
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) March 20, 2024
➡आरोपी साजिद की पत्नी का बयान आया सामने
➡गर्भवती होने की बात से साजिद की पत्नी का इंकार
➡हमें नहीं पता साजिद ने ऐसा क्यों किया-पत्नी
➡बिनावर थाने के ददमई में है साजिद का ससुराल.#Budaun | Crime | pic.twitter.com/qKm349euau
यदि साजिद की दादी के दावे सही मानें तो मासूमों की हत्या के तुरंत बाद घर पर फोन आया। इसी फोन के बाद जावेद गाँव से बदायूँ निकल गया। तब जाते समय उसने साजिद के साथ हुए विवाद की जानकारी घर में भी दी थी। ऐसे में सवाल उठता है कि सच साजिद की बीवी बोल रहीं है या उनकी दादी?
रोजा था तो रोटी क्यों माँगा?
जावेद ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि रमजान के महीने में साजिद ने छुरा खरीदा था। इस छुरे को रमजान के महीने में इफ्तारी के लिए गोश्त आदि काटने के लिए प्रयोग में होना बताया था। हमसे बातचीत के दौरान साजिद की दादी ने इसके उलट बातें कहीं। उसकी दादी ने कहा कि 19 मार्च की शाम लगभग 5 बजे साजिद ने बदायूँ निकलने से पहले अपनी बीवी से खाना माँगा था।
Sajid's family used to take him to a dargah in Badaun… His dadi calls this dargah by the name 'Sarkar'.
— OpIndia.com (@OpIndia_com) March 22, 2024
Since Sajid's childhood, this family has deeply believed in the Dargah of Badaun.#Badaun #BadaunHorror #OpIndiaGroundReport pic.twitter.com/rTAiRkELFe
बताते चलें कि इस्लामी मान्यताओं के मुताबिक, रमजान के महीने में रोजेदारों को सूर्यास्त होने तक खाना तो दूर पानी भी पीने की इजाजत नहीं होती। 5 बजे सूर्यास्त नहीं हुआ था। उर्दू पॉइंट के मुताबिक, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में इफ़्तारी का समय शाम 6:30 के बाद है। ऐसे में अगर साजिद का रोजा था तो उसने बीवी से खाना क्यों माँगा?
अगर साजिद ने रोजा नहीं रखा था तो उसका भाई एवं दूसरा आरोपित जावेद ने झूठ क्यों बोला? सवाल यह भी है कि क्या साजिद की दादी सही बोल रही है? फ़िलहाल निष्कर्ष के तौर पर यह माना जा सकता है कि साजिद के परिजनों के बयान पुलिस और FIR के विपरीत तो हैं ही और वे एक-दूसरे के बयान भी अलग हैं।