कोरोना के प्रकोप के बीच नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों पर एक दूसरा कहर टूटा है। खबर है कि वहाँ हजारों की संख्या में सुअर मरने लगे हैं। इसका कारण अफ्रीकन स्वाइन फीवर है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये खतरनाक बीमारी चीन के तिब्बत से होते हुए अरुणाचल प्रदेश आई है।
इस बीमारी के कारण असम और मेघालय के अलावा कुछ अन्य राज्यों की सरकारों ने भी अपने प्रदेश के लोगों को अलर्ट पर रखा है। साथ ही सुअर पालने वालों को खासतौर पर चेताया है कि वे इस समय सुअरों को इधर-उधर ले जाने से बचें।
असम के कृषि और पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा ने इस संबंध में कहा कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF) के संदिग्ध होने के कारण राज्य के 6 जिलों में 2,260 से अधिक सुअर मारे गए हैं। अब अधिकारियों ने इनके सैंपल भोपाल में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई-सिक्योरिटी एनिमल डिसीज को भेजे हैं। पुष्टि के लिए रिपोर्ट्स का इंतजार कर रहे हैं। बोरा ने कहा, “सूअर एक विदेशी वायरस से मर रहे हैं और हम अनुमान लगाते हैं कि यह चीन के तिब्बत से आया होगा।”
बोरा ने बताया कि एएसएफ धेमाजी, शिवसागर, लखीमपुर, जोरहाट, डिब्रूगढ़ और बिश्वनाथ जिलों में भी बीमारी के फैलने की बात कही जा रही। उनकी मानें तो 25 अप्रैल को 1964 से, केवल तीन दिनों में असम में सुअरों के मृत्यु का आँकड़ा 2262 तक पहुँच गया।
ताजा जानकारी के मुताबिक, असम ने अब प्रभावित जिलों में सुअर व सुअर के माँस की खरीद-बिक्री पर और आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही बूचड़खानों को बंद कर दिया है।
मेघायल में भी लगा बैन
इस कहर के मद्देनजर मेघालय सरकार ने असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ जिलों के हालात देखते हुए बाहर से सुअरों की आवाजाही पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया है। बुधवार को मेघालय के उपमुख्यमंत्री प्रिस्टोन तिनसॉन्ग ने इस संबंध में जानकारी दी कि राज्य ने अन्य राज्यों से सुअरों की फेरी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अधिसूचना जारी की है। इसमें सरकारी व निजी सुअर फार्मों और सुअर मालिकों को स्वच्छता और जैव सुरक्षा के लिए पर्याप्त व सख्त उपाय करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इसके अलावा उपमुख्यमंत्री ने लोगों को ये भी सलाह दी कि वे पोर्क को खाने से पहले कम से कम 20 मिनट (70 डिग्री के ऊपर) पकाएँ।
त्रिपुरा, नागालैंड भी हाई अलर्ट पर
त्रिपुरा के पशु संसाधन विकास विभाग के निदेशक और अतिरिक्त सचिव दिलीप चकमा ने भी अपना बयान दिया। उन्होंने कहा कि असम के छह जिलों और अरुणाचल प्रदेश के नौ जिलों में एएसएफ के प्रकोप के बाद, उनके विभाग ने सभी सरकारी और निजी सुअर फार्मों और सुअर मालिकों को सतर्क किया है कि वे रोकथाम के लिए पर्याप्त उपाय करें।
इसके अलावा कि नगालैंड में, अफ्रीकी स्वाइन बुखार के कथित प्रकोप के मद्देनजर, राज्य के बाहर से सुअरों के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बता दें, सुअरों की बड़ी संख्या में हो रही मौत पर पशु संसाधन विशेषज्ञों के अनुसार, सूअर आमतौर पर ASF के अलावा क्लासिकल फीवर, पोर्सिन रिप्रोडक्टिव एंड रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (PRRS) से प्रभावित होते हैं।