गणतंत्र दिवस के मौके पर सम्मानित किए जाने वाले लोगों में एक नाम बछेंद्री पाल का भी है। जिन्हें सरकार द्वारा पद्म भूषण देने की घोषणा की गई।
बछेंद्री पाल का इस सम्मान पर कहना है कि यह पद्म भूषण का मिलना उनके लिए बेहद हैरान करने वाला है। उन्होंने मोदी सरकार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी किसी अवार्ड के लिए आवेदन नहीं किया था। उन्होंने इस अवार्ड को अपने माता-पिता को सादर समर्पित किया।
Mountaineer Bachendri Pal on being conferred with the Padma Bhushan: I was really shocked, it was a surprise for me as well, and I want to thank Modi govt. I haven’t ever applied for any award. I would like to dedicate this award to my parents. (ANI) pic.twitter.com/QpYhK22Mh7
— Times of India (@timesofindia) January 26, 2019
बता दें कि सरकार द्वारा जारी की गई पद्म पुरस्कारों की सूची में उन नागरिकों का नाम शामिल है जिन्होंने देश में तमाम क्षेत्रों में अपना अहम योगदान दिया है।
पद्म पुरस्कारों की सूची में भारतीय खिलाड़ियों का नाम भी शामिल है। इसी सूची में दिग्गज पर्वतरोही बछेंद्री पाल का नाम भी है। बछेंद्री पाल पहली भारतीय महिला है जिन्होंने 1984 में माउंट एवरेस्ट की ऊँचाईयों को छुआ वहीं विश्व में उनका नम्बर पाँचवाँ है।
24 मई 1954 को जन्मी बछेंद्री इस समय 64 वर्ष की हैं। वर्तमान में वे टाटा स्टील में कार्यरत हैं। यहाँ वह चुने हुए कर्मचारियों को रोमाँचक अभियानों का प्रशिक्षण देती हैं।
आपको बता दें कि बछेंद्री को अपने जीवन में सर्वप्रथम पर्वतरोहण का मौका 12 साल की उम्र में मिला था। उस समय उन्होंने अपने स्कूल के साथियों के साथ 400 मीटर की चढ़ाई की थी। 1984 में जब भारत का चौथा एवरेस्ट अभियान शुरू हुआ तो बछेंद्री उस टीम का हिस्सा थी।
इस टीम में 7 महिलाओं के साथ 11 पुरूष थे। एक तरफ जहाँ 23 मई 1984 में दोपहर 1:07 मिनट पर 29,028 फुट की ऊँचाई पर इस टीम ने एवरेस्ट पर भारत का झंडा फहराया था, वहीं इस चढ़ाई के साथ एवरेस्ट पर भारतीय महिला के रूप में सागरमाथे पर पहला कदम रखने वाली बछेंद्री पहली भारतीय महिला बन गई थीं।