राजस्थान के अलवर में हनुमंत कथा कह रहे बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री शुक्रवार (6 अक्टूबर 2023) को पूर्व मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह के आवास फूल बाग पैलेस पहुँचे। वहाँ चाँदी के सिंहासन पर बैठकर उन्होंने धर्म सभा की। इस दौरान शास्त्री ने कहा कि जितेेंद्र सिंह समस्त प्रजा को भगवत तुल्य मानते आए हैं। हिंदू राष्ट्र की बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर हिंदू जागृत नहीं हुए तो कश्मीर जैसा हाल हो जाएगा।
पैलेस में पहुँचकर धीरेंद्र शास्त्री ने वहाँ बने ठाकुरजी के मंदिर में दंडवत प्रणाम किया। वहाँ जुटे लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हिंदुओं जाग जाओ, वरना हालात कश्मीर जैसे हो जाएँगे। तुम्हारी बहन-बेटी का हाल भी साक्षी जैसा होगा। तुम्हारे घर भी जलाए जाएँगे। इसलिए जाग जाओ। किसी को नीचा मत दिखाओ, लेकिन सनातन को आगे बढ़ाओ।”
हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना को लेकर बागेश्वर धाम के पीठाश्वर ने कहा, “हिंदू हो तो अपने घरों पर ध्वज फहराओ। सिर पर तिलक लगाओ। देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए अड़ जाओ। मैं जिंदा रहा तो हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प जल्दी पूरा होगा। मेरे पागलों, तुम मेरा साथ दो, हम मिलकर तुम्हें हिंदू राष्ट्र देंगे। तुम्हें घर से बाहर निकलना पड़ेगा।”
शास्त्री ने आगे कहा, “वीर बजरंगी जब लंका में राम नाम का झंडा गाड़ सकते हैं तो हम क्या अपने दिलों में राम नाम की भक्ति नहीं जगा सकते हैं? लोग सोचते हैं कि राम नाम लेंगे तो लोग सनातनी कहेंगे। राम नाम लेकर हम किसी की बुराई नहीं कर रहे हैं। हमें केवल राम नाम की भक्ति से मतलब है।”
उन्होंने कहा कि अगर कुंभकर्ण से ज्यादा कोई सोया है तो सनातनी सोया है। धर्म परिवर्तन करने वालों को उन्होंने मूर्ख कहा। उन्होंने कहा कि अगर वे दीर्घायु हुए तो हिंदू राष्ट्र का सपना साकार होते अपनी आँखों से देखेंगे। अपनी शादी को लेकर उन्होंने कहा कि ‘शेरवानी तैयार रखिए। जल्दी शादी करूँगा।’
इस दौरान उन्होंने खुद को साधारण इंसान बताया। शास्त्री ने कहा कि वे कोई महात्मा या भगवान नहीं हैं। वे बस बाला जी के हैं। उन्होंने कहा है, “धर्म परिवर्तन जो करता है, वह मूर्ख है। जो बहकावे में आ जाते हैं, उनका घर वापसी होनी चाहिए।” उन्होंने हिंदुओं से एकजुट होने की अपील की।
राजनीतिक पार्टी के समर्थन के सवाल पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, “मेरा किसी पार्टी से कोई नाता नहीं है। यह तो आपकी नजर का खेल है। साधु, सूर्य, चंद्रमा किसी भी पार्टी का नहीं होता, सबका होता है।”