Sunday, September 1, 2024
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‘जानबूझकर रामनवमी पर दंगा, पुलिस-प्रशासन असली दोषी’: बंगाल हिंसा पर पूर्व HC जज वाली फैक्ट फाइंडिंग टीम ने बताया, कहा- NIA करे जाँच

टीम के सदस्यों के एक बार नहीं बल्कि बार-बार और कम-से-कम तीन पर रोका गया। इस दौरान पुलिस ने समिति के सदस्यों के साथ बदतमीजी भी की थी। तब समिति के सदस्यों ने कहा था कि इलाके में धारा 144 जैसी स्थिति नहीं दिख रही है। इसका बहाना बनाकर पुलिस उन्हें जाने से रोक रही है, ताकि सच्चाई बाहर ना आ सके।

देशवासी इस बात अंदेशा जता रहे थे कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार नहीं चाहती कि रामनवमी पर हुई हिंसा की सही जानकारी सामने आए। इसके पीछे प्रमुख वजह यह थी कि मानवाधिकार संगठन की फैक्ट फाइंडिंग टीम को घटनास्थल पर जाने से पुलिस बार-बार रोक रही थी।

अब टीम ने फैक्ट फाइंडिंग टीम ने अपनी रिपोर्ट में इस अंदेशा को सही साबित किया है। मानवाधिकार संगठन के 6 सदस्यीय टीम के अध्यक्ष पटना हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश नरसिम्हा रेड्डी ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा सुनियोजित थी। इसके लिए जानबूझकर उकसाया गया और दंगे भड़काए गए थे।

पूर्व जज ने रेड्डी ने रविवार (9 अप्रैल 2023) को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “रिशड़ा और शिबपुर हिंसा मामलों की NIA जाँच यह जानने के लिए जरूरी है कि क्या ये दंगे सुनियोजित तरीके से अंजाम किए गए थे। स्पष्ट बिंदु हैं कि दोनों मामलों में घटना के लिए पुलिस जिम्मेदार है।

फैक्ट फाइडिंग समिति के सदस्य और सेवानिवृत IG (क्राइम) राजपाल सिंह ने कहा, “असली अपराधी पुलिस और प्रशासन हैं। प्रशासन व्यवस्था सुधारने में नाकाम रहा है। निर्दोष लोगों पर मामला दर्ज किया जा रहा है और मुख्य अपराधियों को शरण दी जा रही है।”

दरअसल, जब यह टीम हिंसा प्रभावित इलाकों में लोगों से मिलकर सच्चाई जानने के लिए जा रही थी, तब पुलिस अधिकारियों ने इन्हें रास्ते में रोक दिया था। पुलिस अधिकारियों ने दावा किया था कि इलाके में CrPC की धारा 144 लगी हुई है। इसलिए वे आगे नहीं जा सकते।

टीम के सदस्यों के एक बार नहीं बल्कि बार-बार और कम-से-कम तीन पर रोका गया। इस दौरान पुलिस ने समिति के सदस्यों के साथ बदतमीजी भी की थी। तब समिति के सदस्यों ने कहा था कि इलाके में धारा 144 जैसी स्थिति नहीं दिख रही है। इसका बहाना बनाकर पुलिस उन्हें जाने से रोक रही है, ताकि सच्चाई बाहर ना आ सके।

टीम के एक सदस्य ने कहा था कि पुलिस ने उन्हें रोका था। उन्होंने कहा कि वे लोग घायलों से बात कर उनका आत्मविश्वास बढ़ाने जा रहे थे। टीम के सदस्यों ने ये भी कहा था कि 8 अप्रैल 2023 को भी रिसड़ा जाने के दौरान रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। समिति ने कहा था कि कहा कि बंगाल की ममता सरकार राज्य की जनता के बारे में कुछ नहीं सोचती।

मानवाधिकर संगठन की फैक्ट फाइंडिग समिति के अलावा, इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) को भी दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा करने से रोक दिया गया था। इस फ्रंट के सदस्यों ने भी कहा था कि कुछ राजनीतिक ताकतें तनाव और हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही हैं। कुछ लोगों ने यहाँ अशांति फैलाने की कोशिश की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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