ऑपइंडिया की एडिटर-इन-चीफ नुपुर जे शर्मा ने 26 जुलाई को हाल ही में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में टीएमसी की जीत के बाद पार्टी के अत्याचारों की शिकार हुई रितु (बदला हुआ नाम) से बात की। रितु ने पुलिस की उदासीनता के कारण बढ़ रही अपनी पीड़ा और राज्य में पीड़ितों की बेबसी के बारे में खुलकर बताया था।
टीएमसी के गुंडों ने पिता के सामने ही रितु के साथ सामूहिक बलात्कार किया था और इस मामले में मदद करने की बजाय पुलिस ने उसे और उसके पिता को ही लगातार परेशान किया। पिता-बेटी पर घटना को अलग रूप देने और इसे रिकॉर्ड में दर्ज करने का दबाव डाला गया। रितु ने ऑपइंडिया की एडिटर नुपुर जे शर्मा को बताया कि उसे धमकी भरे फोन भी आए हैं। फोन पर धमकाया गया कि अगर वह पुलिस के पास जाने की कोशिश की तो पुलिस भी उसके साथ बलात्कार करेगी।
रितु ने कल (28 जुलाई, बुधवार) को दावा किया कि उसे जबरदस्ती स्थानीय टीएमसी बदमाश मामून शेख के पास ले जाया गया, जिसके इशारे पर 2 मई 2021 को टीएमसी के गुंडों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया था। उन लोगों ने रितु पर एनएचआरसी में दर्ज बलात्कार की शिकायत को वापस लेने का दबाव डाला और टीएमसी में शामिल नहीं होने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी।
Ritu (name changed) narrates her story to me. How she was gang-raped in front of her father. How the police is intimidating her, her complaint to NHRC and the entire saga..
— Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) July 26, 2021
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(full story) https://t.co/PuYrOD1XLj
Update: Ritu (name changed) was taken today to the very people who raped her. They threatened her to either join TMC or face dire consequences. She narrated her plight to @advmonikaarora and a subsequent complaint to NHRC has been filed by her.
— Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) July 28, 2021
I have no words. pic.twitter.com/xuphjZttn2
पीड़ितों ने सुप्रीम कोर्ट की वकील मोनिका अरोड़ा को अपनी दुर्दशा के बारे में बताया। उसके बाद एनएचआरसी को शिकायत दर्ज कराई गई।
28 जुलाई को दर्ज शिकायत में रितु (बदला हुआ नाम) ने NHRC में अपनी पहली शिकायत दर्ज करने के बाद से मिल रही धमकियों और उसके एवं उसके पिता पर की गई बर्बरता का विवरण संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है।
एनएचआरसी की शिकायत में रितु ने लिखा है कि उसने 23 जुलाई को एनएचआरसी के समक्ष अपनी पहली शिकायत दर्ज करवाई, उसके बाद से ही उस पर पुलिस और स्थानीय टीएमसी गुंडों द्वारा शिकायत वापस लेने और अपना बयान बदलने के लिए लगातार दबाव डाला गया।
23 जुलाई को उसने कहा कि कुछ पुलिसकर्मियों ने उसके पिता को गाली दी और उसे (पीड़िता को) उसके सामने पेश करने के लिए कहा। रितु ने अपनी शिकायत में लिखा कि उनकी बॉडी लैंग्वेज से यह स्पष्ट था कि वे उसे नुकसान पहुँचाना चाहते थे। उन्होंने उस दिन कुछ जाने-माने लोगों को फोन करके खुद को बचाया, जिन्होंने एनएचआरसी से संपर्क किया।
26 और 27 जुलाई को टीएमसी नेताओं ने उसके परिवार और रिश्तेदारों से संपर्क किया। रितु के शिकायत वापस नहीं लेने और अपना बयान वापस नहीं लेने पर उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। रितु ने अपनी शिकायत में कहा कि टीएमसी के गुंडों ने उसके परिवार और रिश्तेदारों पर काफी दबाव डाला।
‘मेरा एकमात्र अपराध यह है कि मैं हिंदू हूँ और मैंने BJP को वोट दिया’
फिर 28 जुलाई (बुधवार) को उसे जबरदस्ती टीएमसी के मामून शेख के पास ले जाया गया, जिसने उससे कहा कि वो टीएमसी में शामिल हो जाए वरना उसे और उसके परिवार को मार दिया जाएगा। रितु ने अपनी शिकायत में कहा, “उन्होंने मुझे स्पष्ट रूप से कहा कि मुझे बचाने वाला कोई नहीं है, इसलिए मुझे टीएमसी में शामिल हो जाना चाहिए।”
उसने कहा, “मैं बेहद डरी हुई हूँ। पुलिस और टीएमसी दोनों एक साथ हैं और मुझ पर अपनी शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। मेरा एकमात्र अपराध यह है कि मैं एक हिंदू हूँ और मैंने भाजपा को वोट दिया। कृपया मुझे और मेरे परिवार की जान बचा लीजिए।”
NHRC में अपनी पहली शिकायत में रितु ने 7 टीएमसी गुंडों द्वारा उस पर की गई बर्बरता के बारे में बताया था। इन लोगों ने उसे नग्न किया और उसके पिता के सामने बारी-बारी से उसका बलात्कार किया। उसने अपनी शिकायत में यह भी उल्लेख किया था कि टीएमसी के गुंडे पिता-पुत्री को टीएमसी में शामिल होने और भाजपा छोड़ने की धमकी दे रहे थे।
बंगाल पीड़िता के साथ ऑपइंडिया का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
26 जुलाई को ऑपइंडिया से बात करते हुए रितु ने खुलासा किया कि कैसे टीएमसी के गुंडों ने राज्य पुलिस की मिलीभगत से बंगाल के अंदरूनी हिस्सों के कई गाँवों और कस्बों में उन पर और कई अन्य भाजपा पीड़ितों के साथ अत्याचार किया। कथित तौर पर टीएमसी के लिए काम करने वालों द्वारा उनके इलाके के कई घरों पर बेरहमी से हमला किया गया था।
टीएमसी के गुंडों द्वारा कुछ महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार की खबर भी जंगल की आग की तरह फैली थी। ऑपइंडिया से बात करते हुए रितु कहती हैं कि जहाँ गाँव जल गया और महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ, वहाँ पुलिस नजर नहीं आई। उनका कहना है कि जब मदद के लिए फोन किया जा रहा था तो पुलिस ने फोन तक नहीं उठाया।
ऑपइंडिया की एडिटर-इन-चीफ नुपुर जे शर्मा के साथ रितु का इंटरव्यू यहाँ पर पढ़ा जा सकता है।