सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मध्य प्रदेश के कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा भोपाल के जेपी अस्पताल में वरिष्ठ डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव के साथ बदतमीजी करते हुए दिखाई दे रहे हैं। शर्मा के साथ एक स्थानीय पार्षद गुड्डू भी है। इस घटना के बाद डॉक्टर श्रीवास्तव ने अपना इस्तीफा दे दिया है। डॉक्टर श्रीवास्तव जेपी अस्पताल में कोविड-19 वार्ड के नोडल अधिकारी भी थे।
घटना कुछ ऐसी है कि जेपी अस्पताल में एक कोविड-19 पॉजिटिव मरीज को गंभीर अवस्था में लाया गया। मरीज का ऑक्सीजन का स्तर लगभग 30% हो चुका था। अस्पताल में तुरंत ही उसे प्रारंभिक इलाज दिया गया किन्तु आईसीयू बेड्स की कमी के कारण उसे भर्ती नहीं किया जा सका। अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के रिश्तेदारों को उसकी गंभीर स्थिति और अस्पताल में बेड्स की कमी की जानकारी दे दी थी।
गंभीर स्थिति में लाए गए मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद कॉन्ग्रेस नेता और उनके समर्थक अस्पताल पहुँच गए, जहाँ उन्होंने मरीज की मृत्यु के लिए वरिष्ठ डॉक्टर पर आरोप लगाए। वीडियो में पार्षद गुड्डू को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि डॉक्टरों ने गंभीर परिस्थितियों का मजाक बना दिया है।
जेपी अस्पताल में सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने पीटीआई को जानकारी देते हुए कहा, “कुछ नेताओं की बदतमीजी के चलते हमारे वरिष्ठ डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव ने इस्तीफा दे दिया है। सुबह ही एक मरीज को गंभीर हालत में ट्रॉमा वार्ड में भर्ती किया गया था। डॉ. योगेंद्र ने मरीज के परिजनों को उसकी गंभीर हालत की सूचना दे दी थी। इलाज के दौरान ही मरीज की मृत्यु हो गई, जिसके बाद कुछ नेताओं ने डॉ. योगेंद्र के साथ बदतमीजी की।”
इस पूरी घटना पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करके खेद जताया और कहा, “आज हमारे डॉक्टरों के साथ जैसा बर्ताव किया गया, वह शर्मनाक है और किसी को भी डॉक्टरों के साथ बदतमीजी करने का कोई अधिकार नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि हमें राजनीति से ऊपर उठ कर एक साथ मिलकर कोरोना वॉरियर्स की सहायता करनी चाहिए। वो अपनी जान को जोखिम में डाल कर हमारी सेवा करते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने भी डॉक्टर के इस्तीफे की जानकारी साझा की।
आज भोपाल के जेपी अस्पताल में जिस प्रकार कुछ लोगों ने डॉक्टर्स और वहाँ मौजूद स्टाफ के साथ अभद्र व्यवहार किया, हंगामा खड़ा किया, वह बेहद शर्मनाक है। किसी भी व्यक्ति को हमारे डॉक्टर्स के साथ दुर्व्यवहार करने का कोई अधिकार नहीं है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 10, 2021
आज की घटना के कारण जेपी अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने अत्यंत व्यथित होकर इस्तीफा तक सौंप दिया है। हम एक सभ्य समाज में रह रहे हैं, इस समय जब साथ मिलकर खड़े होने की ज़रूरत है, ऐसे में हंगामा करना न तो जनहित में है और न ही इससे #COVID19 का मुकाबला किया जा सकता है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 10, 2021
न्यू इंडियन एक्स्प्रेस ने जब कॉन्ग्रेस नेता पीसी शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा, “मेरे क्षेत्र के एक मरीज की अस्पताल में मौत हो गई। ऐसे में एक संवेदनशील व्यक्ति क्या गुस्सा नहीं होगा? गरीब मरीज को निजी अस्पताल में जाने के लिए बोला गया। इसकी बात कोई नहीं कर रहा है। मेरे एक समर्थक ने डॉक्टर से चिल्ला कर बात की, जिसके लिए मैं माफी माँग चुका हूँ।”
घटना के वीडियो में डॉक्टर का बयान
एक सोशल मीडिया यूजर ने घटना का वीडियो शेयर किया है, जहाँ डॉक्टर घटना की जानकारी देते हुए देखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नेताओं के द्वारा बदतमीजी किए जाने के बाद अब वो आगे अपनी सेवा नहीं देना चाहते हैं। उन्होंने यह भी चिंता जताई कि भविष्य में स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों पर उन परिस्थितियों के लिए हमले भी किए जा सकते हैं, जो उनके नियंत्रण में ही नहीं हैं।
This is the way they treat us,happened today while I was at duty ..In this video they are shouting at Dr.Yogendra Shrivastav Sir who is working day and night from past 1 year in Covid.He is the nodal officer incharge of Covid.He resigned today from his duties .. https://t.co/01FipRPQBR pic.twitter.com/TQTS8CbGAm
— Ritika Pandey (@DrRitikaPandey) April 10, 2021
— Ritika Pandey (@DrRitikaPandey) April 10, 2021
मध्य प्रदेश में 60 घंटे का लॉकडाउन
पिछले 24 घंटों में मध्य प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के 4882 नए मरीज मिले। कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक ऑक्सीजन और रेमडेसिविर नामक दवा की कमी के बाद राज्य में 60 घंटे का लॉकडाउन लगा दिया गया है, जो शुक्रवार (09, अप्रैल) को शाम 6 बजे से शुरू होकर सोमवार (12, अप्रैल) को सुबह 6 बजे तक रहेगा। कैबिनेट के साथ वर्चुअल मीटिंग में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाइ को तीन गुण किया जाएगा और हर महीने एक लाख रेमडेसिविर के इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएँगे।