Monday, November 4, 2024
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बेगूसराय: मस्जिद की दीवार फाँद घर में घुसा मोहम्मद छोटू, चाकू खाकर भी नहीं डरी हिंदू महिला; पर पुलिस के रवैए से टूटी

21 दिसंबर 2020 को हुई इस घटना में गुंजन देवी को चाकू लगने से काफी चोट आई है। गुंजन ने बताया कि उस रात वह अपने 3 बच्चों के साथ अपने घर में सो रही थी। तभी, मस्जिद की तरफ से मोहम्मद छोटू उनके घर में घुसा और सोते में उन्हें दबोच लिया।

बिहार में एक हिंदू महिला के घर में घुसकर मोहम्मद छोटू ने दुष्कर्म करने की कोशिश की। विरोध करने पर 30 वर्षीय महिला पर चाकुओं से ताबड़तोड़ वार किए। घटना बेगूसराय जिले के गढहारा थाना क्षेत्र के बारो रामपुर टोला गाँव की है।

मोहम्मद छोटू मस्जिद की दीवार फाँद महिला के घर में घुसा था। महिला ने हिम्मत जुटाकर किसी तरह ग्रामीणों को इकट्ठा किया और आरोपित को पकड़वाया। इसके बाद पुलिस पीड़िता को इलाज के लिए अस्पताल ले गई। बाद में आरोपित को रिहा कर दिया गया। अब महिला अपने लिए इंसाफ माँग रही है।

21 दिसंबर 2020 को हुई इस घटना में पीड़ित महिला गुंजन देवी को चाकू लगने से काफी चोट आई है। गुंजन ने बताया कि उस रात वह अपने 3 बच्चों के साथ अपने घर में सो रही थी। तभी, मस्जिद की तरफ से मोहम्मद छोटू उनके घर में घुसा और सोते में उन्हें दबोच लिया।

इसके बाद वह उनकी साड़ी खोलने का प्रयास करने लगा, जिसके चलते वह अर्धनग्न हो गईं। उन्होंने चिल्ला कर छोटू का विरोध किया और ग्रामीणों को आवाज़ देने लगी। इतने में बच्चे भी उठे और घर का दरवाजा जाकर खोल दिया। जब छोटू ने मनसूबों में खुद को नाकामयाब पाया तो वह घर से भागने का प्रयास करने लगा। लेकिन तब तक महिला ने उसका पाँव कसके पकड़ लिया था। खुद को छुड़ाने के लिए छोटू ने चाकू निकाल कर गुंजन देवी पर कई वार किए लेकिन ये उनकी हिम्मत थी कि जब तक ग्रामीण इकट्ठा नहीं हुए तब तक उन्होंने उसका पाँव नहीं छोड़ा।

ग्रामीणों के इकट्ठा होने के बाद घटना की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस आई और घटनास्थल से मोहम्मद छोटू को अपने साथ ले गई। इसके बाद महिला ने थाने में आधिकारिक रूप से अपनी शिकायत लगाई और वहाँ से उसे अस्पताल भेजा गया।

3 दिन पुरानी घटना की बाबत गुंजन देवी का कहना है कि पहले पुलिस ने उन्हें मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया। हालाँकि, जब अगले दिन वो दोबारा थाने पहुँची तो पुलिस का ढुलमुल रवैया देखने को मिला। वह कहती हैं कि उन्होंने आरोपित को दो दिन तो अपने पास रखा मगर बाद में उसे छोड़ दिया और जब उन्होंने इस रिहाई पर सवाल खड़े किए तो उन्हें भी डाँट-डपटकर थाने से भगा दिया गया। 

अब गुंजन देवी की चिंता उनकी सुरक्षा को लेकर अधिक बढ़ गई है। वह कहती हैं कि अपने घर में वह तीन बच्चों के साथ अकेले रहती है। सारे बच्चे छोटे हैं। उनका पति यूपी में नौकरी करता है। वे लोग अभी एक साल पहले ही गाँव में आए हैं।

शिकायत की कॉपी

बीजेपी कार्यकर्ता ने पूछा- इनकी हिम्मत ऐसे बढ़ेगी तो हिंदू कैसे रहेंगे?

ऑपइंडिया ने इस संबंध में इलाके के वार्ड पार्षद और भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता कृष्णानंद से बात की। उन्होंने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि उनके गाँव के मस्जिद से सटे एक घर की यह घटना है। महिला का पति रेलवे में काम करता है और वह अकेले अपने बच्चों के साथ रहती है। उसी के साथ इस घटना को अंजाम देने का प्रयास किया गया। कृष्णानंद बताते हैं कि घटना वाले दिन महिला की हिम्मत के कारण आरोपित घटनास्थल से पकड़ लिया गया था, मगर दो दिन के अंदर ही उसे पीआर बॉन्ड पर रिहा कर दिया गया।

वह कहते हैं कि आरोपित ने महिला को इतना पीटा था कि उसके मुँह, हाथ, पैर सब सूज गए थे। ये बहुत दुर्भाग्य की बात है। ये मुस्लिम बहुल इलाका है। उस महिला पर कुछ समय पहले भी ऐसा हमला हुआ था। तब भी मस्जिद से ही कोई युवक घर में आया था। वह कहते हैं कि उस घटना के बाद उन्होंने मस्जिद में शिकायत की थी, लेकिन तब छत का घेराव करके मामला शांत हो गया था। अब यह घटना दोबारा घटी है। वह पूछते हैं कि ऐसे ही दूसरे समुदाय के लोगों की हिम्मत बढ़ती रहेगी तो हिंदू इलाके में कैसे रह पाएँगे। पुलिस के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कृष्णानंद भी कहते हैं कि अगर आरोपित रिहा होना था तो कोर्ट से होता पुलिस को उसे छोड़ने का क्या मतलब था।

घटना से संबंधित प्रकाशित खबर

बता दें कि ऑपइंडिया ने इस मामले में पुलिस का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने का प्रयास किया था। लेकिन खबर लिखने तक पुलिस से बात नहीं हो पाई है। दूसरी ओर महिला की प्रार्थना है कि उसकी सुरक्षा सुनिश्चित हो और आरोपित के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में 3 मनचलों के घर में घुसने की बात लिखी जा रही है। हालाँकि, ऑपइंडिया से बात करते हुए महिला ने ऐसा कोई जिक्र नहीं किया और सिर्फ मोहम्मद छोटू पर इल्जाम लगाए।

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