Wednesday, November 20, 2024
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तीन दिन से भूखी लड़कियों ने PMO में किया फोन, घंटे भर में भोजन लेकर दौड़े अधिकारी, पड़ोसियों ने भी नहीं दिया साथ

गौरी कहती है कि उसको इस बात का यकीन ही नहीं होता था कि वो फोन करेगी और कुछ ही देर बाद सरकार उसके लिए खाने का इंतजाम कर देगी। जगदीशपुर के सीओ सोनू भगत ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से बिहार आपदा प्रबंधन विभाग को फोन आया और इन तीनों लड़कियों को तत्काल मदद करने का निर्देश दिया गया।

घटना बिहार के भागलपुर जिले की है पर मरी हुई संवेदनाओं की ऐसी नजीरें हमारे आसपास भी खूब मौजूद हो सकतीं हैं जहाँ बिन माँ बाप की कुछ बच्चियाँ जो दूसरों के घरों में चूल्हा-चौका और बर्तन साफ करके स्वाभिमान पूर्वक अपना जीवन यापन करती आईं हों, आजकल लॉकडाउन जैसी विषम परिस्थितियों में काम न कर पाने के कारण भूख से मरने को अभिशप्त छोड़ दी गईं हों।

लेकिन भला हो वर्तमान सरकारों का जिन्होंने अपनी तरफ से कोई कसर बाकी रख नहीं छोड़ी है ऐसे लोगों की मदद करने में जिनके पास फिलहाल सरकार के अलावा कोई नहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह कहानी 18 साल की गौरी और उसकी दो छोटी बहनें आशा और कुमकुम की है। जो जिले के खंजरपुर इलाके में रहतीं हैं। ये बहनें पिछले तीन दिनों से भूखी थीं, काम आजकल था नहीं, माँ-बाप इनके अब जीवित हैं नहीं, और पड़ोसियों ने इन्हें जिन्दा रहने भर को भी रोटी देना गँवारा नहीं समझा था।

भूख से मरने की आई इस नौबत के बीच देवदूत की तरह काम आई विदेश मंत्रालय की वो हेल्पलाइन डेस्क जिसके कांटेक्ट नंबर को इन लड़कियों ने बृहस्पतिवार को अख़बार में छपा देखा था। जिसके बाद तीन दिन से भूखी इन बच्चियों ने काेविड-19 के लिए जारी केंद्र सरकार की हेल्प डेस्क 1800118797 पर फोन कर अपनी स्थिति के बारे में जानकारी दी। और जैसे चमत्कार ही हो गया। एक घंटे भीतर ही इन बच्चियों के पास अधिकारी भोजन लिए दौड़े-दौड़े आए।

तस्वीरों से साफ़ पता चलता है कि बच्चियों के चेहरे पर न सिर्फ भोजन पाने की ख़ुशी चमक रही है बल्कि वे सरकार के इस कदम से अनुग्रहीत भी मालूम देतीं हैं। तीन बहनों में सबसे बड़ी 18 वर्षीय गौरी बताती है कि उनके माँ-बाप कपड़े धोने का काम करते थे जिससे किसी प्रकार परिवार का जीवन-यापन हो जाया करता था पर उनकी मृत्यु के बाद उस पर ही खुद को तथा खुद की बहनों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी आ गई। गौरी बताती है कि वह तबसे चौका-बर्तन कर के गुजारा कर रही है जिसमें कभी कभार उसकी छोटी बहन उसकी सहायता कर दिया करती है। लॉकडाउन के बाद जहाँ एक दो दिन पड़ोसियों ने उनकी मदद की फिर उसके बाद उन्होंने भी अपने हाथ खींच लिए।

गौरी कहती है कि उसको इस बात का यकीन ही नहीं होता था कि वो फोन करेगी और कुछ ही देर बाद सरकार उसके लिए खाने का इंतजाम कर देगी। जगदीशपुर के सीओ सोनू भगत ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से बिहार आपदा प्रबंधन विभाग को फोन आया और इन तीनों लड़कियों को तत्काल मदद करने का निर्देश दिया गया। जिसके बाद वे आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देश पर इन बहनों से मिले। ये लड़कियाँ भूखी थीं जिनके पास घर में खाने को कुछ भी नहीं था। सीओ ने बताया कि लड़कियों को राशन आदि भी उपलब्ध करवाया जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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