Wednesday, April 24, 2024
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बंगाल के कुख्यात तस्कर अब्दुल बारी बिस्वास के खिलाफ NIA में शिकायत, करोड़ों रुपए के घोटाले में SIT ने दबोचा: TMC को फंडिंग और धर्मांतरण के भी आरोप

इससे पहले साल 2014 में CBI ने गो तस्करी के मामले में अब्दुल को गिरफ्तार किया था। मार्च 2015 में कस्टम ने उसके पास से 15 करोड़ रुपए की कीमत के 40 किलोग्राम सोना जब्त किया था। वहीं, साल 2015 में ED ने उसकी 20 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। अब्दुल बारी कुख्यात गो तस्कर, सोना तस्कर और मानव तस्कर है। उसके सत्ताधारी TMC के साथ भी गहरे संबंध हैं।

पश्चिम बंगाल के कुख्यात तस्कर और कथित बिजनेसमैन अब्दुल बारी बिस्वास को लेकर भाजपा नेता देवदत्त माँझी ने शनिवार (30 जुलाई 2022) राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) को पत्र लिखा है। माँझी ने अपने पत्र में अब्दुल पर पशु तस्करी, सोने की तस्करी और मानव तस्करी के साथ-साथ आतंकी संगठनों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग और धर्मांतरण के लिए फंडिंग करने का आरोप लगाया है।

बता दें कि पश्चिम बंगाल पुलिस की सीआईडी विभाग की SIT ने शुक्रवार की शाम को अब्दुल को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी करोड़ों रुपए के कोयला घोटाले के मामले में की गई है। इससे पहले अब्दुल बारी को CBI ने साल 2014 में तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था और पिछले साल उसके घर पर छापेमारी की थी। वहीं, ED उसकी 20 करोड़ रुपए की संपत्ति भी जब्त कर चुकी है।

NIA को लिखे अपने पत्र में 2021 के कोलकाता के चौरंगी विधानसभा से भाजपा के उम्मीदवार रहे माँझी ने कहा कि 5 जू 2022 को कुछ युवाओं ने दो वाहनों को रोका था, जिनमें 98 मवेशी भरे हुए थे। इस बारे में उन्होंने ड्राइवर से पूछा तो उसने बताया कि यह अब्दुल बारी के निर्देश पर बांग्लादेश भेजे जा रहे एक बड़े कन्साइनमेंट का हिस्सा है।

माँझी ने बताया कि पूछताछ के दौरान उन्हें पता चला कि कुछ अन्य वाहन पहले ही बांग्लादेश पहुँचने वाले हैं। उन्होंने पत्र में कहा कि मवेशियों की तस्करी सोने के बदले की जाती है। यानी बांग्लादेश से सोना लेकर वहाँ मवेशी भेजे जाते हैं।

माँजी ने आगे कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि अब्दुल का बांग्लादेश, पाकिस्तान एवं अन्य देशों के अंतरराष्ट्रीय कई आतंकी संगठनों के साथ भी लिंक हैं।” पत्र में माँझी ने कहा कि बशीरहाट और उसके आसपास के बेहद गरीब लोगों का इसने बैंकों खाता खोलवाया है और उसका इस्तेमाल वह खुद करता है।

धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता ने कहा कि इन बैंक खातों के जरिए वह मनी लॉन्ड्रिंग जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल है। इसके साथ ही अब्दुल इन पैसों का इस्तेमाल इस्लामी संस्थाओं को दान, इस्लाम में धर्मांतरण के लिए फंडिंग और समाज में दंगा एवं अराजकता फैलाने के लिए करता है।

माँझी का कहना है कि अब्दुल अपनी काली कमाई में से सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) को भी भारी मात्रा में चंदा देता है। इससे वह सुरक्षित रहता है और उसके खिलाफ कोई कार्रवाई होती है और वह अपनी गतिविधियों को आराम से अंजाम देता रहता है।

माँझी ने पत्र में अब्दुल बारी बिस्वास के नेटवर्क के बारे में लिखते हुए कहा कि उसका जाल फैला हुआ है और तस्करी से लेकर तमाम आपराधिक गतिविधियाँ उसके लोगों द्वारा सँभाली जाती है। इनमें उसके दो भाई गुलाम बिस्वास और खालिक बिस्वास भी शामिल हैं।

बता दें कि पश्चिम बंगाल सीआईडी की SIT ने शुक्रवार की रात में अब्दुल बारी बिस्वास को एयरपोर्ट के पास नारायणपुर इलाके से गिरफ्तार किया था। सीआईडी का कहना है कि अब्दुल के खिलाफ कोयला तस्करी को लेकर ईस्टर्न कोल फिल्ड (ECL) द्वारा बर्धमान में कई मामले दर्ज कराए गए हैं।

यह गिरफ्तारी जमुरिया पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले से संबंधित है। ईसीएल ने यह मामला साल 2020 में दर्ज कराया था। सीआईडी का कहना है कि इस मामले में और गिरफ्तारी हो सकती है।

बता दें कि उसके पहले साल 2014 में CBI ने गो तस्करी के मामले में अब्दुल को गिरफ्तार किया था। मार्च 2015 में कस्टम ने उसके पास से 15 करोड़ रुपए की कीमत के 40 किलोग्राम सोना जब्त किया था। वहीं, साल 2015 में ED ने उसकी 20 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। अब्दुल बारी कुख्यात गो तस्कर, सोना तस्कर और मानव तस्कर है। उसके सत्ताधारी TMC के साथ भी गहरे संबंध हैं।

अब्दुल बारी टीएमसी के नेता एनामुल हक का बेहद करीबी बताया जाता है। अप्रैल 2022 में ED ने बांग्लादेश में मवेशी तस्करी को लेकर एनामुल हक के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें एनामुल हक के साथ TMC यूथ विंग के नेता विनय मिश्रा और उसके भाई विकास मिश्रा को आरोपित बनाया गया था। तस्करी के मामले में एनामुल को CBI भी पहले गिरफ्तार कर चुकी है।

अब सवाल है कि जब टीचर भर्ती घोटाले में राज्य के मंत्री और उनके सहयोगी गिरफ्तार हो चुके हैं और कई लोग राडार पर हैं, ऐसे में दो साल पुराने मामले में CID ने आनन-फानन में अब्दुल को गिरफ्तार कर कुछ छुपाने का प्रयास कर रही है या मजबूर होकर कार्रवाई कर रही है। सवाल इसलिए जायज है कि पिछले दो सालों में राज्य की पुलिस ने अब्दुल के खिलाफ कार्रवाई करने की कोशिश नहीं की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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