Wednesday, October 9, 2024
Homeदेश-समाज'निजामुद्दीन मरकज में जारी रहेगी तालाबंदी, ये जाँच का हिस्सा': दिल्ली HC से बोली...

‘निजामुद्दीन मरकज में जारी रहेगी तालाबंदी, ये जाँच का हिस्सा’: दिल्ली HC से बोली मोदी सरकार, वक्फ बोर्ड ने डाली थी याचिका

"मस्जिद बँगलेवाली मरकज, काशिफ उल-उलूम मदरसा और बस्ती निजामुद्दीन के प्लॉट्स को लेकर नोटिस जारी किए जा चुके हैं और इसके स्वामित्व के डॉक्युमेंट्स को तलब कर के इसकी जाँच की जा रही है।"

केंद्र सरकार ने सार्वजनिक एंट्री के लिए दिल्ली में स्थित निजामुद्दीन मरकज को खोले जाने से इनकार कर दिया है। मोदी सरकार ने कहा कि निजामुद्दीन मरकज अभी जाँच का हिस्सा है और इस मामले के दुष्प्रभाव सीमा पार भी पड़े हैं, इसीलिए कूटनीतिक रूप से विचार-विमर्श भी इसमें शामिल है। ‘दिल्ली वक्फ बोर्ड’ ने हाईकोर्ट में एक याचिका डाल कर कहा था कि मरकज का प्रांगण तालाबंद नहीं रखा जाना चाहिए।

‘दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड’ ने ये भी कहा कि तबलीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज की वास्तविक प्रकृति को पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए। हालाँकि, अमित शाह के प्रभार वाले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में प्रतिक्रिया दाखिल करते हुए इस माँग का विरोध किया। मंत्रालय ने कहा कि मरकज, मस्जिद और इसके संचालक जाँच का हिस्सा हैं, जो अभी चल ही रही है। इस मामले में FIR भी दर्ज हुई थी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, मस्जिद बँगलेवाली मरकज, काशिफ उल-उलूम मदरसा और बस्ती निजामुद्दीन के प्लॉट्स को लेकर नोटिस जारी किए जा चुके हैं और इसके स्वामित्व के डॉक्युमेंट्स को तलब कर के इसकी जाँच की जा रही है। 31 मार्च, 2021 से ही मरकज़ तालाबंद है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार व पुलिस से जवाब माँगा था। अब इस मामले की अगली सुनवाई नवंबर में होगी।

दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से भी कहा कि वो हमेशा के लिए किसी संपत्ति को नहीं रख सकती, क्योंकि FIR होने के बाद इसे सीज किया गया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से पूछा कि वो कब तक इस संपत्ति को रखना चाहती है और उसने किससे इसका स्वामित्व लिया। उच्च-न्यायालय ने कहा कि इसे आपको कभी न कभी तो लौटाना होगा। केंद्र के अनुसार, तबलीगी जमात के 1300 विदेशी इसमें रहते हुए पाए गए थे।

इसीलिए, इस मामले में अब अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के हिसाब से भी काम किया जा रहा है और इसके प्रभाव सीमा पार भी पड़ेंगे। इसीलिए, तर्क दिया गया कि जाँच की प्रक्रिया सही हो इसके लिए संपत्ति को सही स्थिति में रखना आवश्यक है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि 5 लोगों को रोजाना 5 समय नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई है, इसीलिए इसमें मूलभूत अधिकारों के हनन का सवाल नहीं उठता। 15 अप्रैल को अदालत ने 50 लोगों को नमाज पढ़ने की इजाजत दी थी।

गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना की शुरुआत के समय जब सरकार इन कोशिशों में जुटी थी कि किसी प्रकार से ये कोरोना चेन टूट जाए उस समय दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में तबलीगी जमात के मजहबी कार्यक्रम हुए, जिसमें प्रशासन के दिशा-निर्देशों और लॉकडाउन का खुला उल्लंघन किया गया। इसके बाद हज़ारों लोग अलग-अलग राज्यों में जाकर छिप गए। उन्हें खोजने गए पुलिसकर्मियों और उनकी स्क्रीनिंग के लिए गई मेडिकल टीम पर हमले हुए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PR कंपनी ने दिया आदेश, ‘द हिंदू’ ने केरल CM के इंटरव्यू में खुद से घुसेड़ दी लाइन: वामपंथी अखबार ने कबूली कारस्तानी, नीरा...

द हिन्दू ने कहा 30 सितंबर के अंक में प्रकाशित केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के इंटरव्यू में पीआर एजेंसी के कहने पर कुछ लाइनों को जोड़ा गया था।

कॉन्ग्रेस के हारते ही शुरू हो गई दिल्ली को ब्लॉक करने की साजिश, बरेली के जहरीले मौलाना ने खोला ‘टूलकिट’: तौकीर रजा ने कहा-...

इस्लामी संगठन इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के प्रमुख और बरेली के रहने वाले मौलाना तौकीर रजा ने एक बार फिर धमकी दी है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -