हरियाणा के पूर्व मंत्री और कॉन्ग्रेस नेता निर्मल सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में गोहत्या का मामला दर्ज किया गया है। गाय को गोली मारे जाने के प्रकरण में निर्मल सिंह के खिलाफ बेहट कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया। ये घटना 3 दिन पूर्व हुई थी, जिसके बाद हिन्दू संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। पुलिस ने पीड़ित द्वारा दी गई नामजद तहरीर को आधार बनाते हुए मामला दर्ज किया है।
‘दैनिक जागरण’ की खबर के अनुसार, ये मामला गुरुवार (नवंबर 11, 2020) के शाम की है। पुलिस को तत्काल इस घटना की सूचना दे दी गई थी। घटना की अगली सुबह पुलिस ने घटनास्थल का दौरा किया। हालाँकि, उस समय पुलिस ने बताया था कि ये घटना हरियाणा क्षेत्र का है और मुकदमा नहीं दर्ज किया जा सकता। इसके बाद हिन्दू संगठनों ने मोर्चा सँभाला और सीएम योगी आदित्यनाथ तक इस मामले को पहुँचाया।
शनिवार को बजरंग दल व विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता पीड़ित के साथ कोतवाली पहुँचे और तहरीर देकर गोहत्या का मुकदमा दर्ज कराने की माँग उठाई। उनका आरोप है कि पुलिस ने इसे हरियाणा क्षेत्र का मामला बता कर मुकदमा दर्ज करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद हिन्दू संगठनों और पीड़ित को वापस लौटना पड़ा। लेकिन, सोशल मीडिया के माध्यम से और जमीन पर कार्यकर्ताओं ने विरोध जारी रखा और पुलिस पर दबाव बनाया।
पूर्व मंत्री निर्मल सिंह का यह फार्म हाउस विवादित है। दो साल पहले मासूम बच्ची की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। तीन साल पहले यमुना नदी से रेत खनन के विवाद में पूर्व मंत्री समेत 11 पर एफआईआर हुई थी। कुल मिलाकर यहां अवैध गतिविधियां होती रहती हैं। #Saharanpur #Up
— Sachin Gupta | सचिन गुप्ता (@sachingupta787) November 15, 2020
अब इस मामले में ये संशय बना हुआ है कि पुलिस मुक़दमे को हरियाणा भेजेगी या फिर यूपी में ही कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित पक्ष ने पुलिस को बताया है कि निर्मल सिंह का घोड़ों का फार्म हाउस है, जो हरियाणा-यूपी सीमा पर ही स्थित है। आरोप है कि घटना के दिन तीन गायें यमुना में पानी पीने के लिए मंत्री के फार्म हाउस चली गईं। उस समय निर्मल सिंह वहीं मौजूद थे। आरोप है कि उन्होंने एक गाय की हत्या कर दी, जबकि 2 अभी भी गायब हैं।
पत्रकार सचिन गुप्ता ने लिखा है कि पूर्व मंत्री निर्मल सिंह का यह फार्म हाउस विवादित है। दो साल पहले मासूम बच्ची की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। तीन साल पहले यमुना नदी से रेत खनन के विवाद में पूर्व मंत्री समेत 11 पर एफआईआर हुई थी। कुल मिलाकर यहाँ अवैध गतिविधियों के होने के आरोप लगते रहे हैं। कुछ ख़बरों में ये भी कहा जा रहा है कि दो गायों की हालत गंभीर है और उन्हें भी गोली लगी है।
ज्ञात हो कि इससे पहले गोहत्या के आरोपित 7 साल के कारावास की सज़ा के प्रावधान के कारण जमानत पाने में सफल हो जाते थे। इसे ध्यान में रखते जून 2020 हुए सज़ा को अधिकतम 10 साल कर दिया गया था। क़ानून में संशोधन कर गोहत्या पर लगने वाले जुर्माने को भी 3 लाख रुपए से बढ़ा कर 5 लाख रुपए कर दिया गया। उत्तर प्रदेश में अब जो भी गोहत्या या गोतस्करी में संलिप्त होगा, उसके फोटो भी सार्वजनिक रूप से चस्पा किए जाएँगे।