Saturday, April 20, 2024
Homeदेश-समाजकोशिकाओं में ऊर्जा स्रोत की खोज करने वाले महान वैज्ञानिक डॉ सुब्बाराव का भी...

कोशिकाओं में ऊर्जा स्रोत की खोज करने वाले महान वैज्ञानिक डॉ सुब्बाराव का भी आज है जन्मदिन

डॉ येल्लप्रगडा सुब्बाराव के बारे में पत्रकार डोरोन एट्रिम ने लिखा था, "आपने शायद डॉ सुब्बाराव का नाम नहीं सुना होगा जबकि वे इसलिए जिए ताकि आप जीवित रह सकें।"

आज स्वामी विवेकानंद का जन्मदिवस है जो सदैव विज्ञान की वकालत करते थे और धर्म को भी एक प्रकार का विज्ञान मानते थे। दैवयोग से आज एक महान वैज्ञानिक डॉ येल्लाप्रगडा सुब्बाराव का भी जन्मदिन है जिनका नाम बहुत कम लोगों ने सुना है। सुब्बाराव का जन्म 12 जनवरी 1895 को तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी के भीमावरम नगर में हुआ था। स्कूली शिक्षा के दौरान ही उनके परिजनों की मृत्यु हो जाने के कारण उन्होंने मैट्रिकुलेशन तीन साल में पास किया था। उसके बाद उनकी शिक्षा मित्रों के सहयोग से पूरी हुई।

डॉ येल्लाप्रगडा सुब्बाराव ने Adenosine Triphosphate (ATP) मॉलिक्यूल की कार्यप्रणाली का पता लगाया था जिससे कोशिकाओं को ऊर्जा मिलती है। हम हाई स्कूल में विज्ञान की पुस्तकों में पढ़ते हैं कि कोशिकाओं में ऊर्जा तब उत्पन्न होती है जब उसमें कार्बोहायड्रेट ऑक्सीजन के साथ जलता है। कोशिकाओं में माईटोकोन्ड्रिया होता है जहाँ यह ऊर्जा ATP मॉलिक्यूल के रूप में उत्पन्न होती है। हमारे शरीर की मांसपेशियाँ इस ऊर्जा की मदद से कार्य करती हैं। डॉ सुब्बाराव की यह खोज उन्हें डीएनए की खोज करने वाले वाटसन और क्रिक जैसे वैज्ञानिकों के समतुल्य ला खड़ा करती है।

परन्तु दुर्भाग्य से अधिकांश भारतीयों ने पाठ्यपुस्तकों में डॉ सुब्बाराव का नाम तक नहीं पढ़ा होगा। डॉ सुब्बाराव की प्रारंभिक अकादमिक पढ़ाई मद्रास मेडकल कॉलेज में हुई थी। सुब्बाराव राष्ट्रवादी विचारधारा के व्यक्ति थे और गाँधी के विचारों से प्रभावित होकर खादी का लैबकोट पहनते थे, इसीलिए अंग्रेज प्रोफेसर उनसे नाराज थे। पढ़ाई में अच्छा होने के बावजूद सुब्बाराव को MBBS के स्थान पर LMS की कमतर डिग्री दी गई थी जिसके कारण उन्हें मद्रास मेडिकल सर्विस में दाख़िला नहीं मिला था।

लक्ष्मीपति आयुर्वेदिक कॉलेज में एनाटोमी पढ़ाते हुए उनकी रुचि आयुर्वेद में बढ़ी और उन्होंने इस विषय पर काफ़ी रिसर्च भी किया। उनकी आगे की पढ़ाई का खर्च उनके होने वाले श्वसुर कस्तूरी सत्यनारायण मूर्ति ने वहन किया। बाद में जब वे हार्वर्ड पढ़ने गए तब भी उनके श्वसुर ने उनकी सहायता की। डॉ सुब्बाराव ने 1930 में पीएचडी की डिग्री अर्जित की थी।

उन दिनों अमेरिका में बाहर से आने वालों को सरलता से वीसा नहीं मिलता था। डॉ सुब्बाराव ‘फिज़िशियन’ बनकर अमेरिका गए और उन्होंने वहाँ उन्होंने सायरस फिस्के के साथ मिलकर ATP की खोज की। हमारे शरीर को जब ऊर्जा की आवश्यकता होती है तब वह ATP को Adenosine Diphosphate (ADP) में कन्वर्ट करता है। डॉ सुब्बाराव के शोध ने शरीर में मौजूद फॉस्फोरस के महत्व को समझाया था। उन्होंने विभिन्न प्रकार के एंटीबायोटिक पर भी काम किया था जिसके फलस्वरूप ऑरियोमाइसीन नामक शक्तिशाली एंटीबायोटिक बना।

डॉ सुब्बाराव ने कैंसर के इलाज के लिए मेथोरेक्सेट नामक केमिकल को भी सिन्थेसाइज़ किया था जिससे कीमोथेरेपी के लिए सबसे पहला एजेंट निर्मित हुआ। भारत के स्वतंत्र होने के एक वर्ष पश्चात ही 1948 में डॉ सुब्बाराव का देहांत हो गया था। उनके बारे में पत्रकार डोरोन एट्रिम ने लिखा था “आपने शायद डॉ सुब्बाराव का नाम नहीं सुना होगा जबकि वे इसलिए जिए ताकि आप जीवित रह सकें।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘PM मोदी की गारंटी पर देश को भरोसा, संविधान में बदलाव का कोई इरादा नहीं’: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- ‘सेक्युलर’ शब्द हटाने...

अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने जीएसटी लागू की, 370 खत्म की, राममंदिर का उद्घाटन हुआ, ट्रिपल तलाक खत्म हुआ, वन रैंक वन पेंशन लागू की।

लोकसभा चुनाव 2024: पहले चरण में 60+ प्रतिशत मतदान, हिंसा के बीच सबसे अधिक 77.57% बंगाल में वोटिंग, 1625 प्रत्याशियों की किस्मत EVM में...

पहले चरण के मतदान में राज्यों के हिसाब से 102 सीटों पर शाम 7 बजे तक कुल 60.03% मतदान हुआ। इसमें उत्तर प्रदेश में 57.61 प्रतिशत, उत्तराखंड में 53.64 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe