Friday, April 26, 2024
Homeदेश-समाजउत्पादों के मूल निर्माता देश व अन्य जानकारी का जिक्र ना करने पर फ्लिपकार्ट,...

उत्पादों के मूल निर्माता देश व अन्य जानकारी का जिक्र ना करने पर फ्लिपकार्ट, अमेजन को सरकार का नोटिस, 15 दिन में माँगा जवाब

नियम के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों को अनिवार्य रूप से वस्तु की 'ऑरिजिन कंट्री' समेत अन्य जरूरी जानकारी देनी होती है। उन्हें इसके बारे में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर सूचना देनी है, जिसके जरिए वे लेन-देन करते हैं।

भारत सरकार ने फ्लिपकार्ट व अमेजन जैसे ई-कॉमर्स समूहों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए उन्हें नोटिस भेजा है। केंद्र सरकार ने देश और विदेश के कई ई-कॉमर्स समूहों के प्लेटफॉर्म पर बिकने वाले सामानों पर उनके मूल उत्पत्ति वाले देश की जानकारी तथा अन्य जरूरी सूचनाएँ नहीं दिए जाने को लेकर यह नोटिस जारी किया है, जिसमें अमेरिका की ऑनलाइन रिटेल कंपनी अमेज़न (Amazon) और भारत में वालमार्ट (WalMart) की सहयोगी कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) भी शामिल है। 

इनके अलावा भी सरकार ने देश की लगभग सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को नोटिस भेजा है। नोटिस में सरकार ने पूछा है कि वह जितने भी उत्पाद अपने प्लेटफॉर्म से बेचते हैं उन पर ‘कंट्री ऑफ़ ओरिजिन’ (उत्पाद की बिक्री किस देश में हो रही है) यानी, उनके मूल उत्पत्ति वाले देश की जानकारी समेत कई अहम जानकारी का उल्लेख क्यों नहीं होता है? यह जानकारी पूरी तरह से क़ानूनी हैं और इनकी उत्पाद पर मौजूदगी अनिवार्य है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह सूचना खाद्य मंत्रालय के उपभोक्ता मामलों वाले विभाग की तरफ से जारी की गई है। साथ ही साथ यह भी आदेश दिया है कि ई कॉमर्स कंपनी 15 दिन के भीतर इस मुद्दे पर जवाब दें। केंद्र सरकार की तरफ से जारी किए गए नोटिस के अनुसार देश की कई बड़ी ई कॉमर्स कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जाने वाले उत्पादों से जुड़ी वैधानिक जानकारियाँ उपलब्ध नहीं करा रही हैं। 

नोटिस में कहा गया है, “विज्ञापनों की जाँच में पाया गया कि जो जरूरी घोषणाएँ हैं, वे नहीं की जा रही हैं।” नियम के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों को अनिवार्य रूप से वस्तु की ‘ऑरिजिन कंट्री’ समेत अन्य जरूरी जानकारी देनी होती है। उन्हें इसके बारे में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर सूचना देनी है, जिसके जरिए वे लेन-देन करते हैं।

सरकार ने अमेज़न डेवलपमेंट सेंटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और फ्लिपकार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को जारी किए गए नोटिस में कहा कि वह ई कॉमर्स इकाइयाँ हैं, ऐसे में उन्हें अनिवार्य रूप से उत्पादों की क़ानूनी जानकारी उपलब्ध करानी होगी। नोटिस में इस बात का भी स्पष्ट उल्लेख है कि क्योंकि अमेज़न और फ्लिपकार्ट ने इस तरह की क़ानूनन बाध्यकारी जानकारी मुहैया नहीं कराई, इसका सीधा मतलब है कि इन्होंने संबंधित नियमों का उल्लंघन किया है। 

मामले में सबसे अहम बात यह है कि केंद्र सरकार ने जितनी ई कॉमर्स कंपनी को सूचना जारी की है उन सभी को 15 दिन के भीतर इस मुद्दे पर अपनी तरफ से स्पष्टीकरण देना होगा।  

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण की 89 सीटों पर मतदान, 1198 उम्मीदवारों का फैसला करेंगे मतदाता, मैदान में 5 केंद्रीय मंत्री और 3 राजघरानों...

दूसरे चरण में 5 केंद्रीय मंत्री चुनाव मैदान में हैं, जिसमें वी. मुरलीधरन, राजीव चंद्रशेखर, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे चुनाव मैदान में हैं।

कॉन्ग्रेस ही लेकर आई थी कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण, BJP ने खत्म किया तो दोबारा ले आए: जानिए वो इतिहास, जिसे देवगौड़ा सरकार की...

कॉन्ग्रेस का प्रचार तंत्र फैला रहा है कि मुस्लिम आरक्षण देवगौड़ा सरकार लाई थी लेकिन सच यह है कि कॉन्ग्रेस ही इसे 30 साल पहले लेकर आई थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe