9 नवंबर को अयोध्या मामले पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाने के बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायधीशों से साथ गुवाहाटी पहुँचे। यहाँ वह ‘कोर्ट्स ऑफ इंडिया’ के लोकार्पण के दौरान उपस्थित रहे। वहॉं लोगों को संबोधित करते हुए वे भावुक नजर आए। उन्होंने कहा, “यह शायद मेरा आखिरी सार्वजनिक समारोह है। मैं किसी भी विवादास्पद मुद्दे पर नहीं जाना चाहता, यह अवसर भी नहीं है। मैं जीवन के दूसरे चरण में आपकी शुभकामनाएँ चाहता हूँ।”
हालाँकि इस दौरान भले ही सीजेआई अपने सुनाए फैसले पर कुछ भी कहने से बचे , लेकिन अन्य न्यायधीशों ने उनकी खुलकर तारीफ की। सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश जस्टिस ह्रषिकेश रॉय ने कहा, “सीजेआई रंजन गोगोई ने मिशन असंभव को संभव बना दिया हैं। उनके नेतृत्व में ये हुआ। जिसकी झलक अयोध्या विवाद पर फैसले में पूरी तरह दिखी। आज भारत माता CJI गोगोई को आशीर्वाद दे रही होंगी।”
इसके बाद जस्टिस रवीन्द्र भट ने मंच सँभालते हुए अयोध्या फैसले पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा, “शनिवार को भारतीय अदालत ने एक इतिहास देखा, जब अदालत ने एक आवाज में फैसला सुनाया। जहाँ हमने किसी एक न्यायाधीश की आवाज नहीं सुनी, बल्कि सभी ने एक आवाज में फैसला दिया।”
समारोह में मौजूद असम मुख्यमंत्री सर्बानंनद सोनोवाल ने भी इस दौरान सीजेआई की प्रशंसा की और उन्हें असमवासियों के गर्व का कारण बताया। उन्होंने कहा कि यह एक महान दिन है। सीजेआई पर हर असमवासी को गर्व होता है। ऐतिहासिक निर्णय देने के कारण अब हर कोई जस्टिस गोगोई से खुश हैं और असम के लोग बहुत गर्व कर रहे हैं। गौरतलब है सीजेआई रंजन गोगोई आगामी 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। इसके बाद वह अपने गुवाहाटी स्थित आवास में ही रहेंगे।
सभी जजों को लंच पर लेकर गए सीजेआई
अयोध्या मामले पर फैसला सुनाने के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पीठ के अन्य न्यायधीशों को रात में डिनर के लिए लेकर गए। जिनमें न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एसए नजीर, न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़़ शामिल थे। खबरों के मुताबिक सीजेआई ने डिनर की घोषणा फैसला सुनाने के तुरंत बाद कर दी थी। जिसके बाद वह सभी जजों को ताज मानसिंह होटल ले गए।
पाँचों जजों की एहतियातन बढ़ाई गई सुरक्षा
ऐतिहासिक फैसला सुनाने के बाद संवैधानिक पीठ में मौजूद पाँचों जजों की सुरक्षा को बढ़ाने का भी ऐलान कर दिया गया है। हालाँकि जजों की सुरक्षा जिम्मा संभाल रहे अधिकारियों का कहना है कि गंभीर खतरे की कोई सूचना नहीं है, लेकिन एहतियातन ये कदम उठाया गया है। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि पाँचों न्यायधीशों के आवास पर सुरक्षा ड्रिल के तहत अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक अधिकारी ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि सुरक्षा को सिर्फ इसलिए बढ़ाया गया है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटा जा सके। एहतियात के तौर पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। जजों को किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है।