सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में उनके खिलाफ दायर सभी मामलों को एक साथ करने और उसे दिल्ली में स्थानांतरित करने की माँग वाली भाजपा की पूर्व नेता की याचिका को खारिज करते हुए उन पर तीखी टिप्पणी की। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने उदयपुर में कन्हैया लाल की क्रूर हत्या सहित देश भर में इस्लामवादियों द्वारा की गई हिंसा के लिए उन्हें दोषी ठहराया था। अब इस टिप्पणी के खिलाफ मुख्य न्यायाधीश के यहाँ याचिका दाखिल की गई है।
हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने यह टिप्पणी मौखिक की है और अपने औपचारिक लिखित आदेश में इसे शामिल नहीं किया है। फिर भी जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की अवकाश पीठ ने सुनवाई करते हुए हिंसा के लिए पूरी तरह नूपुर शर्मा को दोषी ठहराया था।
BREAKING: None of the scathing oral observations made by the Supreme Court today against Nupur Sharma have made it to the actual order passed by the Court. The bench has simply dismissed the petition as withdrawn in a two-line order. pic.twitter.com/45xE0GXZJq
— Nalini (@nalinisharma_) July 1, 2022
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा था, “जिस तरह से उन्होंने पूरे देश में भावनाओं को भड़काया है … देश में जो हो रहा है उसके लिए यह महिला अकेले जिम्मेदार है।” अदालत ने यह भी कहा कि उन्हें पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है और उन्होंने आम नागरिकों के लिए उपलब्ध न्यायिक अधिकार खो दिया है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला वाली सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने अपने आदेश में नूपुर शर्मा को कानून के तहत उपलब्ध वैकल्पिक उपायों का लाभ उठाने की स्वतंत्रता के तहत अपनी याचिका को वापस लेने की अनुमति दी। बता दें कि नूपुर ने पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी को लेकर देश भर में उनके खिलाफ दर्ज सभी FIR को क्लब करने और उसे दिल्ली स्थानांतरित करने की माँग की थी। इसी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह टिप्पणी की थी।
Supreme Court in its order permits Nupur Sharma to withdraw her plea, seeking transfer to Delhi of all the FIRs registered against her across the country for the controversial remarks on Prophet Mohammad, with liberty to avail the alternate remedies available under the law. pic.twitter.com/JpL7gZOWS7
— ANI (@ANI) July 1, 2022
जस्टिस सूर्यकांत की इस टिप्पणी को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के समक्ष एक याचिका दायर की गई है, जिसमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ को नूपुर शर्मा के खिलाफ की गई मौखिक टिप्पणी को वापस लेने का निर्देश देने की माँग की गई है। गौ महासभा के नेता अजय गौतम ने अपनी याचिका में न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नेतृत्व वाली पीठ द्वारा की गई टिप्पणी को अनुचित घोषित करने की माँग भी की।
Letter petition moved by Gau Mahasabha leader Ajay Gautam seeking to declare that observations made by bench led by Justice Surya Kant against #NupurSharma are uncalled for. pic.twitter.com/1e7guo59x5
— Live Law (@LiveLawIndia) July 1, 2022
वहीं, लेखक मिनहाज मर्चेंट ने ट्वीट कर कहा, न्यायमूर्ति कांत, “जिन्होंने ये भयावह टिप्पणियाँ कीं, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। अच्छा है कि CJI के पास एक याचिका दायर की गई है, जिसमें 1) मामले को दूसरी बेंच को ट्रांसफर करने और 2) जस्टिस कांत से अपनी टिप्पणियों को वापस लेने के लिए कहा गया है।”
Justice Kant who made these appalling observations must face disciplinary action. Good that a plea has been filed with #CJI to 1) transfer case to another bench & 2) ask Justice Kant to withdraw his observations https://t.co/j6wy0I5TqL
— Minhaz Merchant (@MinhazMerchant) July 1, 2022