किसान आंदोलन को लेकर बनाई गई सुप्रीम कोर्ट की चार सदस्यीय कमेटी से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को अलग कर लिया है। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने 12 जनवरी, 2021 को नए कृषि कानूनों पर रोक लगाते हुए चार समिति सदस्यों को नामित किया था, जो किसानों के मुद्दों को सुलझाने के उपायों पर काम करेंगे और शीर्ष अदालत में इसकी एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
S. Bhupinder Singh Mann Ex MP and National President of BKU and Chairman of All India Kisan Coordination Committee has recused himself from the 4 member committee constituted by Hon’ble Supreme Court pic.twitter.com/pHZhKXcVdT
— Bhartiya Kisan Union (@BKU_KisanUnion) January 14, 2021
भूपिंदर सिंह मान ने पत्र लिखकर खुद को समिति से दूर करने की जानकारी दी। उनके मुताबिक उन्होंने किसान एवं जनभावना को देखते हुए यह फैसला लिया। मान ने पत्र में लिखा, “मैं अपने किसानों और पंजाब के प्रति वफादार हूँ। इनके हितों से कभी कोई समझौता नहीं कर सकता। मैं इसके लिए कितने भी बड़े पद या सम्मान की बलि चढ़ा सकता हूँ। मैं कोर्ट की ओर से दी गई जिम्मेदारी नहीं निभा सकता। मैं खुद को इस कमेटी से अलग करता हूँ।”
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), एसए बोबड़े और जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यम की तीन- न्यायाधीश पीठ ने उक्त समिति का गठन किया था। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नामित इस समिति में तीन अन्य सदस्य डॉ प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी (कृषि अर्थशास्त्री) और अनिल घणावत (शेटकरी संगठन के अध्यक्ष) हैं।
बता दें कि पिछले दिनों ऐसी खबरें सामने आई थीं कि सुप्रीम कोर्ट की चयनित समिति के सदस्यों ने कृषि कानूनों में सुधार के लिए समर्थन दिखाया। लेकिन यह बात ध्यान देने योग्य है कि भारतीय किसान यूनियन के नेता भूपिंदर सिंह मान और बीकेयू ने 2019 के आम चुनावों में कॉन्ग्रेस पार्टी का समर्थन किया था। यहाँ तक कि भारतीय किसान यूनियन ने भूपेंद्र सिंह मान का एक वीडियो भी साझा किया था, जिसमें उन्होंने कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए अपने समर्थन की घोषणा की।