असम के सिपाझार में अवैध अतिक्रमणकारियों से 7000 बीघा जमीन खाली कराने गई पुलिस पर हमले के बाद से ही वहाँ अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा जमीन पर कब्जे का मुद्दा चर्चा में है। 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने भी असम के धौलपुर का दौरा किया था। वहाँ जाकर उन्होंने इलाके में बसे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रति सहानुभूति जताई थी और उन्हें अपना समर्थन दिया था।
ये वो समय था जब असम का माहौल गर्म था और वहाँ आंदोलन व विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। वहाँ के स्थानीय लोगों में घुसपैठियों के प्रति उबाल था, लेकिन कॉन्ग्रेस पार्टी ने आदिवासियों का साथ देने की बजाए अवैध घुसपैठियों पर अपना हाथ रखा। आज भी यही कॉन्ग्रेस बदरुद्दीन अजमल की पार्टी AIUDF के साथ गठबधन करती है और वो इन्हीं अवैध घुसपैठियों के साथ खड़ी है। कॉन्ग्रेस राज में ही सारा अतिक्रमण भी हुआ।
The same Congress stood today for the illegals who encroached Dholpur.
— Voice of Assam (@VoiceOfAxom) September 26, 2021
Congress settled illegal Bangladeshi in Assam much earlier and even today they are supporting them. This is how their vote bank politics works.
Assam is destroyed by Congress.
‘वॉइस ऑफ असम’ नाम के ट्विटर हैंडल ने आरोप लगाए हैं कि काफी पहले से ही कॉन्ग्रेस ने असम में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाना शुरू कर दिया था। उन्होंने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए ऐसा किया। असम की आज जो स्थिति है, उसमें कॉन्ग्रेस का ही योगदान है। एक सरकारी समिति की रिपोर्ट में भी इसका जिक्र था कि कैसे भ्रष्ट अधिकारियों और मुस्लिम तुष्टिकरण वाले नेताओं ने वोट बैंक की राजनीति के लिए घुसपैठियों को खुला अतिक्रमण करने दिया।
कई ऐसे वीडियोज भी सामने आए हैं, जहाँ कॉन्ग्रेस नेताओं को धौलपुर के अतिक्रमणकारियों के यहाँ दौरा करते हुए देखा जा सकता है। आखिर जहाँ जमीन खाली कराई जानी थी, वहाँ कॉन्ग्रेस नेताओ ने दौरा क्यों किया? क्या उन्होंने वहाँ जाकर उनसे कहा होगा कि वो सरकारी कार्य में सहयोग करें? न कॉन्ग्रेस का चरित्र ऐसा है और न ही सबूत ऐसा कहते हैं। उन्होंने वहाँ जाकर लोगों को भड़काया और विरोध प्रदर्शन करने लगे।
They instigated the people & started protesting against the Govt of Assam.
— Koustav Saharia (@koustav_saharia) September 25, 2021
During the Imperialism of Indira Gandhi, immigrants have been planted in the land of Dholpur, Sipajhar.
Now, Congress leaders are trying to protect their Vote Banks.
Are the immigrants peace seeker? pic.twitter.com/lDYd8rBOfH
इस दौरान उन्होंने एक बड़ा बैनर भी लिया था। साफ़ है कि इंदिरा गाँधी के कार्यकाल और तानाशाही वाले दौर में बसाए गए इन अवैध बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों के साथ कॉन्ग्रेस आज भी खड़ी है। वो अपना वोट बैंक बचा रहे हैं। 1983 में इन्हीं घुसपैठियों ने असम के 8 स्थानीय नागरिकों को मार डाला था, क्योंकि वो अपनी जमीनें इन अतिक्रमणकारियों से वापस लेने के प्रयास में लगे थे। तब वो 60 थे, आज 12,000 परिवार हैं।
अब उन्होंने असम पुलिस के जवानों पर हमला किया है। असम के स्थानीय नागरिकों का इतिहास 5000 वर्ष से भी अधिक पुराना है। जहाँ तक धौलपुर अतिक्रमण की बात है, 70 के दशक में नगाँव से 37 परिवार यहाँ आए थे। 1981 के अंत तक 100 परिवार यहाँ बस गए। यहाँ के शिव मंदिर को निशाना बनाया गया। इंदिरा गाँधी के समय जब असम जल रहा था, तब कॉन्ग्रेस की मदद से मंदिर की 180 बीघा जमीन हथिया ली गई।
The encroachers’ first targeted the age-old Shiv temple and its land. By 1981 when the Assam agitation was on the pick, 100s of families were brought to Dholpur by Congress leaders. They first encroached the 180 bighas of land that belongs to the Shiv temple. 2/n pic.twitter.com/Vix2L5uYv4
— Voice of Assam (@VoiceOfAxom) September 25, 2021
इसके बाद पूरे क्षेत्र में 77,000 बीघा जमीन अतिक्रमणकारियों के कब्जे में चली गई। धौलपुर का 5000 वर्ष पुराना शिव मंदिर ब्रह्मपुर नदी के बीच में स्थित धौलपुर की पहाड़ी पर विद्यमान है। इसे किरात समुदाय द्वारा बनवाया गया था। अहोम और नेपाली राजाओं ने भी इसे संरक्षण दिया। 14वीं शताब्दी में प्राकृतिक आपदाओं से इसे नुकसान पहुँचा था। दरंग जिले का ये काफी सुंदर स्थल है। 1979 तक यहाँ हिन्दुओं के ही केवल खेत थे और गौशाला हुआ करते थे।
फरवरी 1983 में असामाजिक तत्वों ने शिव मंदिर के पुजारी शिवा दास की हत्या कर दी। एक अन्य पुजारी कार्तिक दास को बगल के गाँव में भगा दिया गया। असम में हुए आंदोलन में 855 लोग बलिदान हो गए थे। ‘वॉइस ऑफ असम’ के अनुसार, 2011 में पुजारी कार्तिक दास के निधन के बाद उनकी विधवा को एक मुस्लिम व्यक्ति से निकाह करने को मजबूर किया गया। उनके अलावा उनके बच्चों को भी इस्लाम में धर्मांतरित कर दिया गया।
अब पता चला है कि भारत के सबसे छोटे राज्य गोवा के क्षेत्रफल का दोगुना इलाका तो असम में सिर्फ अतिक्रमण की जद में है। कुल मिला कर 49 लाख बीघा, अर्थात 6652 स्क्वायर किलोमीटर की भूमि पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। असम के जूनियर राजस्व मंत्री पल्लव लोचन दास ने इस संबंध में 2017 में जानकारी दी थी। ये क्षेत्र सिक्किम के क्षेत्रफल से कुछ ही कम है। 3172 स्कववायर किलोमीटर के जंगल की भूमि पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है।