कोरोना मरीजों के उपचार में लापरवाही और संक्रमण से मरे लोगों के शव के साथ दुर्व्यवहार पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार को फटकार लगाते हुए उससे जवाब मॉंगा है।
शीर्ष अदालत ने कहा है कि दिल्ली के अस्पतालों का बुरा हाल है। शवों के साथ अनुचित व्यवहार किया जा रहा है। कुछ शव कूड़े में मिले हैं। यह बताता है कि लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पताल शवों का तरीके से रखरखाव नहीं कर रहे। कोरोना संक्रमितों की मौत के बाद उनके परिजनों को सूचना नहीं दी जा रही। कुछ मामलों में परिजन अपनों के अंतिम संस्कार में शामिल तक नहीं हो पाए। दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश हॉस्पिटल (LNJP) की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने उससे भी जवाब तलब किया है।
Supreme Court says that the Government hospitals in Delhi aren’t giving due care and concern to the bodies. The patients’ families aren’t even informed about deaths. In some cases, families haven’t been able to attend the last rites too. https://t.co/493yw5xZVS
— ANI (@ANI) June 12, 2020
जस्टिस एमआर शाह ने कहा, “लाशें किस तरह से रखी जा रही हैं? ये क्या हो रहा है? अगर लाशों के साथ ऐसा सलूक हो रहा है, अगर लाशें कचरे के ढेर में मिल रही हैं तो यह इंसानों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक है।”
शीर्ष अदालत ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह की पीठ को सौंपा था। शुक्रवार (12 जून, 2020) को पीठ ने शव के रखरखाव के तरीके पर दिल्ली सरकार पर सख्त टिप्पणी की। कहा कि होम मिनिस्ट्री की गाइडलाइंस का अनुपालन नहीं हो रहा है। अस्पताल डेड बॉडी का सही तरह से रखरखाव और निपटारा नहीं कर रहे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें शवों से ज्यादा जिंदा मरीजों की चिंता है। उनकी भी काफी दुर्दशा हो रही है, उन्हें शवों के साथ रहना पड़ रहा है, यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में कोरोना टेस्ट की संख्या कम करने पर भी चिंता जताई। कहा कि सरकारी अस्पताल में बेड खाली पड़े हैं, लेकिन लोगों को मरीजों को लेकर इधर-उधर भागना पड़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को भी इस मामले में नोटिस जारी किया है। इन राज्यों के मुख्य सचिव से कोरोना संक्रमितों के उपचार की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मॉंगी गई है। मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी। शीर्ष अदालत ने संक्रमितों की मौत के बाद उनके शव रखरखाब को लेकर आई मीडिया रिपोर्टों के बाद इस मामले पर संज्ञान लिया था।