Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाज'लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक': दिल्ली में कोरोना पर SC सख्त,...

‘लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक’: दिल्ली में कोरोना पर SC सख्त, केजरीवाल सरकार को फटकारा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पताल शवों का तरीके से रखरखाव नहीं कर रहे। कोरोना संक्रमितों की मौत के बाद उनके परिजनों को सूचना नहीं दी जा रही। कुछ मामलों में परिजन अपनों के अंतिम संस्कार में शामिल तक नहीं हो पाए।

कोरोना मरीजों के उपचार में लापरवाही और संक्रमण से मरे लोगों के शव के साथ दुर्व्यवहार पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार को फटकार लगाते हुए उससे जवाब मॉंगा है।

शीर्ष अदालत ने कहा है कि दिल्ली के अस्पतालों का बुरा हाल है। शवों के साथ अनुचित व्यवहार किया जा रहा है। कुछ शव कूड़े में मिले हैं। यह बताता है कि लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पताल शवों का तरीके से रखरखाव नहीं कर रहे। कोरोना संक्रमितों की मौत के बाद उनके परिजनों को सूचना नहीं दी जा रही। कुछ मामलों में परिजन अपनों के अंतिम संस्कार में शामिल तक नहीं हो पाए। दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश हॉस्पिटल (LNJP) की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने उससे भी जवाब तलब किया है।

जस्टिस एमआर शाह ने कहा, “लाशें किस तरह से रखी जा रही हैं? ये क्या हो रहा है? अगर लाशों के साथ ऐसा सलूक हो रहा है, अगर लाशें कचरे के ढेर में मिल रही हैं तो यह इंसानों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक है।”

शीर्ष अदालत ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह की पीठ को सौंपा था। शुक्रवार (12 जून, 2020) को पीठ ने शव के रखरखाव के तरीके पर दिल्ली सरकार पर सख्त टिप्पणी की। कहा कि होम मिनिस्ट्री की गाइडलाइंस का अनुपालन नहीं हो रहा है। अस्पताल डेड बॉडी का सही तरह से रखरखाव और निपटारा नहीं कर रहे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें शवों से ज्यादा जिंदा मरीजों की चिंता है। उनकी भी काफी दुर्दशा हो रही है, उन्हें शवों के साथ रहना पड़ रहा है, यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में कोरोना टेस्ट की संख्या कम करने पर भी चिंता जताई। कहा कि सरकारी अस्पताल में बेड खाली पड़े हैं, लेकिन लोगों को मरीजों को लेकर इधर-उधर भागना पड़ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को भी इस मामले में नोटिस जारी किया है। इन राज्यों के मुख्य सचिव से कोरोना संक्रमितों के उपचार की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मॉंगी गई है। मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी। शीर्ष अदालत ने संक्रमितों की मौत के बाद उनके शव रखरखाब को लेकर आई मीडिया रिपोर्टों के बाद इस मामले पर संज्ञान लिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -