दंगाई किसानों द्वारा गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली स्थित लाल क़िले पर किए गए उत्पात के बीच दीप सिद्धू (Deep Siddhu) का नाम चर्चा में बना हुआ है। दरअसल, मंगलवार (जनवरी 26, 2021) के दिन जब लाल किले पर दंगाइयों ने काले-हरे-पीले झंडों को फ़हराया, तब दीप सिद्धू वहाँ मौजूद थे और वीडियो बना रहे थे।
इससे पहले, सिद्धू के किसान आंदोलन के शुरू होने के दौरान सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहे। दीप सिद्धू को तब लिबरल वर्ग द्वारा भी बड़े स्तर पर सराहा जा रहा था और उन्हें एक नायक की तरह पेश किया जाता रहा। लेकिन गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले में जो कुछ हुआ, उसके बाद से कॉन्ग्रेस क्यों दीप सिद्धू से किनारा करने की कोशिश कर रही है?
वास्तव में, किसान नेताओं से लेकर सोशल मीडिया का लिबरल गिरोह भी इस घटना के लिए अब दीप सिद्धू पर निशाना साधते हुए कल की घटना के लिए सिर्फ उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यह सब इसलिए क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की ओर से सनी देओल को लोकसभा हल्का गुरदासपुर से चुनाव मैदान में उतारा गया और तब सनी देओल के चुनाव प्रचार में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों में से दीप सिद्धू भी एक थे।
यही वजह है कि दीप सिद्धू का नाम अब विरोधियों द्वारा लगातार सनी देओल के साथ जोड़ा जा रहा है। जब नए कृषि कानूनों का विरोध जोर पकड़ ही रहा था, तब दीप सिद्धू भी इसका हिस्सा बन गए। लेकिन भाजपा नेता सनी देओल ने 6 दिसंबर को ही यह घोषणा कर दी थी कि उनका या उनके परिवार का अब दीप सिद्धू के साथ कोई संबंध नहीं है।
दीप सिद्धू को बलि का बकरा बना रहा है लिबरल गिरोह और कॉन्ग्रेस
एक समय किसान विरोध प्रदर्शनों को ‘क्रांति’ बताने वाले दीप सिद्धू को लिबरल गिरोह, कॉन्ग्रेस और किसान नेता भी अब अपनाने से इंकार कर रहे हैं। हंगामे की अगली सुबह से ही सोशल मीडिया दीप सिद्धू को लाल किले के उत्पात का दोषी साबित करते नजर आया। यहाँ तक भी कहा जा रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह के इशारों पर उसने भीड़ को भड़काया।
दीप सिद्धू को इसका जिम्मेदार ठहरा रहे लोगों ने महीनों से किसानों को भड़का रहे कॉन्ग्रेसी नेताओं, योगेंद्र यादव जैसे ‘प्रदर्शनकारियों’ और सोशल मीडिया पर जहर बो रहे वैचारिक दंगाइयों को एक किनारे करते हुए इस हंगामे का सारा श्रेय दीप सिद्धू के नाम कर दिया।
इस पर अब दीप सिद्धू ने सवाल किया है कि लाल किले के पास भारी तादाद में लोग पहुँचे तो क्या सभी काे मैंने ही भड़काया है? दीप सिद्धू ने इस प्रकरण पर सफाई दी है और लोगों को भड़काने के आरोप को गलत बताया है। सिद्धू ने इंटरनेट मीडिया पर लाइव होकर कहा कि इस घटना के लिए उन्हें विलेन बनाना गलत है।
इस सबके बीच, कॉन्ग्रेस जो दीप सिद्धू को किसान आंदोलन का नायक साबित करने के लिए उसके किसानों के समर्थन में दिए गए बयानों को जमकर अपने आधिकारिक वेब पोर्टल्स पर जगह देती आ रही थी, अब धड़ाधड़ उन्हें डिलीट कर रही है।
ट्विटर पर अनुकर सिंह ने कॉन्ग्रेस का एक ऐसा ही वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “तो कॉन्ग्रेस ने अपने यूट्यूब चैनल से दीप सिद्धू का समर्थन करने वाला वीडियो हटा दिया है।”
So Congress has deleted video supporting Deep Sidhu from its youtube channel.
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) January 27, 2021
Link of deleted video- So Congress has deleted video supporting Deep Sidhu from its youtube channel.
Link of deleted video- https://t.co/YC4mufQ53R pic.twitter.com/6U2AZcOoqH
इस ट्वीट में अंकुर सिंह ने हटाए गए वीडियो का लिंक भी शेयर किया है, लेकिन यह वीडियो अब कॉन्ग्रेस ने डिलीट कर दिया है। कुछ ट्विटर यूजर्स अब दीप सिद्धू के रोल को लेकर लिबरल्स पर व्यंग्य भी करते नजर आ रहे हैं –
Spot Deep Siddhu. Only he is responsible for rioting at Red Fort. pic.twitter.com/vqJ6HkhOET
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) January 27, 2021
इस वीडियो में दीप सिद्धू किसानों के समर्थन में कह रहे थे, “ये इंकलाब है सर (Ye inquilab hai sir), ये क्रांति है।” दीप सिद्धू का यह वीडियो नवंबर, 2020 का है। तब सिद्धू के सर पर क्रांति सवार थी, लेकिन अब उनका चेहरा लाल किले पर हुए उपद्रव में सबके सामने है तो उसके क्रांतिकारी साथी उससे किनारा कर रहे हैं।
अब सवाल ये है कि क्या एक अकेले लड़के में इतनी पावर है कि वो दस हज़ार से ज़्यादा लोग ले कर लाल किले पर चढ़ जाए? मतलब, हम ही मूर्ख बैठे हैं यहाँ? पुलिस को भी दौड़ा कर दीप सिद्धु ही मार रहा था? ट्रैक्टर से डीटीसी बस को हिलाने वाला भी वही था? क्रेन पर चढ़ने वाला भी वही था? ट्रैक्टर से स्टंट मारने वाला भी वही था? पुलिस पर पत्थरबाजी करने वाला भी वही था? पुलिस पर डंडा और तलवार चलाने वाला भी दीप सिद्धू ही था?