Tuesday, March 19, 2024
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13 साल के नाबालिग का जबरन लिंग परिवर्तन करवाकर होता रहा बलात्कार, स्टेशन पर मँगवाई गई भीख: केस दर्ज

"ये मामला बेहद ही संगीन और दिल दहलाने वाला है। 13 वर्ष की उम्र में ही छोटे से बच्चे का जबरन लिंग परिवर्तन करवाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया जाने लगा एवं उसे जिस्मफरोशी के व्यापार में धकेल दिया गया। ये एक बहुत बड़ा रैकेट नजर आता है। पुलिस को जल्द से जल्द सभी आरोपितों को गिरफ्तार करना चाहिए और उन्हें..."

दिल्ली के गीता कॉलोनी इलाके से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने लोगों को अंदर तक झकझोर कर रख दिया है। यहाँ कुछ दरिंदो ने मिलकर 13 साल के बच्चे का जबरन लिंग परिवर्तन करवाया और लंबे समय तक उसके साथ सामूहिक बलात्कार करते रहे। पुलिस को मामले की जानकारी तब हुई जब पीड़ित बच्चा आरोपितों के चंगुल से किसी तरह भागा और एक अंजान शख्स से मदद की गुहार लगाई।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बच्चे की मुलाकात आरोपितों से लगभग 3 साल पहले लक्ष्मी नगर में एक डांस इवेंट में हुई थी। वहाँ आरोपितों ने शुभम ( बदला गया नाम) से दोस्ती की और डांस सिखाने के बहाने उसे मंडावली ले गए। मंडावली में कुछ समय रह कर शुभम ने डांस प्रोग्राम में हिस्सा लिया, जिसके लिए आरोपित उसे पैसे देते थे।

थोड़े वक्त बाद आरोपित शुभम से मंडावली रहने की ही जिद्द करने लग गए। धीरे-धीरे वे लोग शुभम को नशीले पदार्थ देने लगे और कुछ ही दिनों में उसका जबरन लिंग परिवर्तन के लिए ऑपरेशन करवा दिया गया। उस समय शुभम की उम्र बस 13 वर्ष थी। शुभम ने पुलिस को बताया कि उसे ऑपरेशन के बाद हार्मोनल दवाएँ भी दी गईं, जिससे वो पूरी तरह से लड़की दिखने लगा।

शुभम का लिंग परिवर्तन करवाने के बाद आरोपितों ने मिलकर उसका सामूहिक बलात्कार किया और पैसे के बदले दूसरे लोगों से भी उसका बलात्कार करवाया। रेप के बाद दरिंदों ने उसे किन्नर बनाकर स्टेशन पर उससे भीख भी मँगवाई। शुभम ने बताया कि अभियुक्त स्वयं भी महिलाओं के वस्त्र पहनकर जिस्मफरोशी करते थे और आने वाले कस्टमरों को मार पीटकर उनके पैसे छीन लेते थे।

रिपोर्ट्स के अनुसार, शुभम और उसका दोस्त मार्च 2020 में लॉकडॉउन लगने के बाद किसी तरह से आरोपितों के चुंगल से भाग निकले। इसके बाद शुभम अपने दोस्त के साथ अपने घर पहुँचा। जहाँ शुभम की माँ ने दोनों को एक किराए के घर में रहने की जगह दिलवाई और वह खुद (माता-पिता) भी उनके साथ रहने लगे। लेकिन आरोपितों की नजरों से दोनों पीड़ित ज्यादा दिन तक बच नहीं पाए।

दिसंबर में आरोपितों को शुभम के घर का पता चल गया। उन्होंने उसके घर पहुँचकर उसके साथ खूब मारपीट की। उनके पैसे इत्यादि भी छीनकर उन्हें वापस अपने साथ ले गए। इस दौरान शुभम की की माँ को बंदूक दिखा कर चुप रहने की धमकी भी दी गई। शुभम ने बताया कि वापस ले जाने के बाद चार लोगों ने फिर से उनके साथ बारी-बारी दुष्कर्म किया।

हालाँकि, दो दिन बाद फिर दोनों पीड़ित वहाँ से भाग निकले और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जाकर छिप गए। इस दौरान उन्हें एक ऐसा वकील मिला जिसने इंसानियत की असली मिसाल पेश की। वकील ने दोनों के हालात देखकर उन्हें दिल्ली महिला आयोग के दफ्तर ले गया। जहाँ से उन्हें बचा लिया गया।

दिल्ली महिला आयोग की सदस्य सारिका चौधरी ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए केस को धारा 377, 363, 326, 506, 341 और पॉक्सो के तहत मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने अब तक 2 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है और बाकी की तलाश जारी है। वहीं शुभम ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष से मुलाकात की और उन्हें भी अपनी दर्द भरी कहानी सुनाई।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “ये मामला बेहद ही संगीन और दिल दहलाने वाला है। 13 वर्ष की उम्र में ही छोटे से बच्चे का जबरन लिंग परिवर्तन करवाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया जाने लगा एवं उसे जिस्मफरोशी के व्यापार में धकेल दिया गया। ये एक बहुत बड़ा रैकेट नजर आता है। किस्मत से दोनों पीड़ित वहाँ से बच निकले और दोनों की जिंदगी बच सकी। पुलिस को जल्द से जल्द सभी आरोपितों को गिरफ्तार करना चाहिए और उन्हें ऐसी सजा मिले जो वो कभी भूल ना पाएँ।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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