उत्तरपूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के बीच काफी जान-माल का नुकसान हुआ। जाफराबाद, भजनपुरा, चाँदबाग, करावल नगर, कई ऐसे दंगा प्रभावित इलाके रहे जहाँ से दंगाइयों ने गुजरने के बाद केवल बर्बादी के मंजर की कहानी अपने पीछे छोड़ी। ऐसी ही कहानियाों के बारे में पता करने जब हम उत्तरपूर्वी दिल्ली के हालातों का जायजा लेते-लेते खजूरी खास इलाके की ओर बढ़े तो हमारी नजर गिरी ऑटोमोबाइल्स वर्कशॉप पर पड़ी। ये दुकान आप निगम पार्षद ताहिर हुसैन के घर से थोड़ी दूरी पर स्थित थी। अंदर जाकर देखा तो इसके अंदर जली हुई गाड़ियों का ढेर था, काली दीवारें थी, टूटी छत थी।
हालाँकि, माहौल देखकर समझ आ रहा था कि यहाँ किस तरह दंगाइयों ने क्या-क्या किया होगा, लेकिन हमने फिर भी और जानकारी जुटाने के लिए दुकान के मालिक दिलीप से बात की।
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दिलीप ने बताया, उस दिन पथराव 2 बजे से शुरू हुआ था। लेकिन, हम अपनी दुकान को 1 बजे बंद कर चुके थे। हम उस समय दुकान में ताला मारकर अंदर बैठे थे, जब दंगाइयों ने हमपर अचानक हमला किया। उनके मुताबिक 2 से ढाई बजे के बीच 40-50 ऐसे लोग उनकी दुकान का ताला तोड़कर अंदर घुस आए। जिनके हाथ में 20 लीटर के पेट्रोल के कैन थे।
दंगाइयों ने उनसे पूछा, बता…ये पेट्रोल तुझपर छिड़कें या फिर गाड़ियों पर। दंगाइयों की बात सुनकर वर्कशॉप के मालिक ने उनके आगे बड़ी मिन्नतें की और अपनी जान को किसी तरह उनसे छुड़वाया। मगर, अपनी दुकान और वहाँ रखे सामान को वह उनसे न बचा सके। उनके सामने उपद्रवियों ने सर्विसिंग के लिए आई 15 गाड़ियो पर पेट्रोल डाला और सबको आग के हवाले कर दिया। इसके बाद वे दिलीप से बोले बता तेरे पास मोबाइल है क्या? तूने रिकॉर्डिंग तो नहीं की। जब मालिक ने रिकॉर्डिंग करने की बात से मना किया, तो फिर उनसे उनका मोबाइल फोन ले लिया गया।
ऑपइंडिया से बातचीत करते हुए गिरी ऑटोमोबाइल वर्कशॉप के मालिक दिलीप ने बताया कि दंगाइयों ने उनसे करीब 30-40 हजार रुपए की लूटपाट की। उनके अलावा एक प्रधानजी के भी ढाई लाख रुपए छीन ले गए। भारी मन से बात करते हुए दिलीप ने अपने नुकसान का अंदाजा करोड़ो में बताया और कहा कि उनकी सारी जमा पूँजी दंगाइयों ने जलाकर खाक कर दी। आज इन सबके कारण वो 20 साल पीछे चले गए। उनके पास कुछ नहीं बचा।
गिरी ऑटोमोबाइल के साथ व्यापार मंडल ऑफिस भी फूँक दिया गया:
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