Saturday, April 27, 2024
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दिल्ली हिन्दू विरोधी दंगा: वकीलों की फ़ौज के साथ चेहरा ढक कर कोर्ट पहुँचा ताहिर हुसैन, 4 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया

दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को 4 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। उसे आईबी में कार्यरत अंकित शर्मा की हत्या के आरोप में कस्टडी में भेजा गया। पुलिस ने बताया कि हत्या और दंगों के पीछे की बड़ी साजिश को बेनकाब करने के लिए उसे कस्टडी में लेना आवश्यक था।

दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों में आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद (अब निलंबित) ताहिर हुसैन की बड़ी भूमिका थी। चाँदबाग़ के खजुरी खास इलाके में उसने अपने बहुमंजिला ईमारत में सैकड़ों दंगाइयों को शरण दे रखी थी, जहाँ से हिन्दुओं पर बमबारी और पत्थरबाजी की गई। उसकी ईमारत में ही ले जाकर आईबी में कार्यरत अंकित शर्मा को मार डाला गया था। अंकित शर्मा की हत्या काफ़ी बेरहमी से की गई थी। उन्हें नंगा कर के चाकुओं से कई बार गोदा गया था, जिसके बाद उनकी लाश को नाली में फेंक दिया गया। चाँदबाग़ की नाली से और भी कई लाशें मिली थीं, जिनकी हत्या के पीछे ताहिर हुसैन के गुंडों के नाम सामने आए थे।’

अब उसे दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार (मार्च 16, 2020) को 4 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। उसे आईबी में कार्यरत अंकित शर्मा की हत्या के आरोप में कस्टडी में भेजा गया। पुलिस ने बताया कि हत्या और दंगों के पीछे की बड़ी साजिश को बेनकाब करने के लिए उसे कस्टडी में लेना आवश्यक था। हुसैन को पहली बार चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह राजावत के समक्ष पेश किया गया।

इससे पहले उसे जज के आवास पर ही दंगों से जुड़ी सुनवाई के मामलों में पेश किया जाता रहा है। हुसैन जब कोर्ट में पेश हुआ, तब उसके साथ उसकी लीगल टीम भी थी। उसने एक शॉल से अपना चेहरा छिपा रखा था। कोर्टरूम में ही उससे लगभग एक घंटे तक पूछताछ की गई, जिसके बाद कस्टडी वाले एप्लीकेशन को दायर किया गया। अंकित शर्मा की हत्या के केस में सलमान को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है। हुसैन इस मामले का मुख्य अभियुक्त है।

कोर्ट ने माना कि पूरी साजिश को बेनकाब करने के लिए हुसैन को रिमांड में भेजना ज़रूरी है। हालाँकि, हुसैन के वकीलों ने उसे पुलिस रिमांड में भेजे जाने का विरोध किया। उसके वकील जावेद अली ने कहा कि ताहिर को जुडिशल कस्टडी में भेजा जाना चाहिए क्योंकि पुलिस रिमांड में भेजने के लिए एक मजबूत कारण होना चाहिए। कोर्ट ने उनकी बातों को नकार दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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