Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजखाना खा घर से निकले आलोक तिवारी फिर लौटे नहीं, चंदा इकट्ठा कर हुआ...

खाना खा घर से निकले आलोक तिवारी फिर लौटे नहीं, चंदा इकट्ठा कर हुआ अंतिम संस्कार: ग्राउंड रिपोर्ट

आलोक एक गत्ते की फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। घर में इकलौते कमाने वाले थे। उनके चले जाने के बाद परिवार के सामने रोटी का संकट पैदा हो गया है। सिर झुकाए कविता बस एक ही बात बोलती है- पता नहीं अब मेरा और मेरे बच्चों का क्या होगा।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों ने न जाने कितनी माँ की गोद को सूना कर दिया। न जाने कितनी सुहागिनों की माँग उजाड़ दी। न जाने कितनी बहनों के हाथ से उनका प्यारा भाई छीन लिया। दिल्ली दंगों की आग भले ही बुझ सी गई हो, लेकिन हिंदुओं को मिले जख्म शायद ही कभी भर पाएँ। कुछ ऐसा ही हुआ प्रेम विहार में रहने वाले आलोक तिवारी के साथ।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे रविवार को शुरू हुए थे। शनिवार को भी दंगा प्रभावित इलाकों में बाजार पूरी तरह से बंद थे। सड़कों पर अब थोड़ी बहुत चहलकदमी दिखती है। पुलिस फोर्स बड़ी संख्या में तैनात है। ऐसे ही माहौल में हम शिव विहार पहुँचे। हम उस परिवार के पास पहुँचे जिसने दंगों में अपनों को खोया है। हमने देखा कि दंगों में मारे गए आलोक तिवारी की पत्नी बदहवास अवस्था में माथे पर हाथ लगाकर जमीन पर पैर फैलाए बैठी थी। पास में बैठी कुछ आस-पास की महिलाएँ आलोक की पत्नी को सांत्वना देने में लगी हुई थीं। हमें देखते ही पत्नी ने खुद को संभाला। कुछ देर तक तो हम आस-पास के लोगों से ही बात कर जानकारी लेते रहे इस बीच आलोक की पत्नी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुई।

हमारे अनुरोध के बाद आलोक तिवारी की पत्नी कविता तिवारी ने बताया, “बुधवार (26 फरवरी) सुबह के करीब दस बजे थे वह घर से खाना खाकर बाहर घूमने की बात कहकर निकले। हम निश्चिंत थे क्योंकि बाहर के माहौल के बारे में जरा भी खबर नहीं थी। करीब आधा घंटे बाद ही उनके नंबर से मेरे पास फोन आया और उधर से कोई और बोला और हमसे पूछा कि यह किसका नंबर है? जिस पर मैंने बताया कि ये नंबर मेरे पति का है। तो उधर से उन्होंने बताया कि आप यहाँ आ जाओ इनके सिर में चोट लगी है। मैं कुछ लोगों को लेकर घटनास्थल की ओर दौड़ी तो देखा कि एक दुकान के सामने वह घायल पड़े हुए हैं मैं देखते ही बेहोश हो गई।”

इसके बाद पास में खड़े चश्मदीद आगे का घटनाक्रम बताते हैं, “आलोक के सिर में चोट लगी थी, जिससे लगातार खून बह रहा था। हम लोगों की मदद से आलोक को घर ले आए। इसके बाद एम्बुलेंस को फोन किया, लेकिन 1:30 बजे जाकर एम्बुलेंस घर पर आई तब तक घायल आलोक के सिर से खून बहुत ज्यादा बह चुका था। GTB में भर्ती कराया गया, लेकिन देर रात आलोक को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।” इसकी जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। कड़ी मशक्कत और थाने चौकी के सैकड़ों चक्कर काटने के बाद पुलिस ने बीते दिन (28 फरवरी) आलोक का शव परिजनों को सौंप दिया। परिवार की हालत इतनी दयनीय है कि मोहल्ले के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर आलोक तिवारी का अंतिम संस्कार किया, जिसे 4 साल के आरुष तिवारी ने मुखाग्नि दी।

हिंदू विरोधी दंगों के शिकार हुए आलोक तिवारी

घटना के बाद से एक तरफ पत्नी कविता का रो-रोकर बुरा हाल है तो वहीं दूसरी और आलोक के दो बच्चे सोनाक्षी और आरुष तिवारी अपने पिता की मौत से अनजान हैं और अपने खेल में लगे हुए हैं। यूपी के हरदोई जिले के गांव बनमऊ के मूल निवासी आलोक करीब आठ साल से अपने बीबी-बच्चों को लेकर दिल्ली के शिव विहार में रह रहे थे। आलोक एक गत्ते की फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। घर में इकलौते कमाने वाले आलोक तिवारी के चले जाने के बाद परिवार के सामने रोटी का संकट पैदा हो गया है। सिर झुकाए कविता बस एक ही बात बोलती है- पता नहीं अब मेरा और मेरे बच्चों का क्या होगा।

ग्राउंड रिपोर्ट: बृजपुरी मस्जिद की तरफ से आए दंगाई और राहुल को मार दी गोली…

जो हिंदू लड़की करती थी दुआ सलाम, उसी की शादी को जला कर राख कर डाला: चाँद बाग ग्राउंड रिपोर्ट

‘हमारी बेटियों को नंगा करके भेजा दंगाइयों ने, कपड़े उतारकर अश्लील हरकतें की’ – करावल नगर ग्राउंड रिपोर्ट

पहले से जमा कर रखे थे पत्थर, हिंदुओं पर हमले के लिए बहू-बेटियों को भी दे रहे थे लाठी: महिला चश्मदीद

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Searched termsशिव विहार आलोक तिवारी, दिल्ली दंगे में मरे आलोक तिवारी, दिल्ली दंगा विडियो, कांग्रेस दिल्ली दंगा, आनंद शर्मा दिल्ली दंगा, शिव विहार हिन्दू, केजरीवाल फ्री बिजली पानी, आप फ्री बिजली पानी, दिल्ली फ्री बिजली पानी, विधायक हाजी युनूस, आप विधायक हाजी युनूस, दिल्ली बृजपुरी, दिल्ली ब्रजपुरी, बृजपुरी राहुल ठाकुर, बृजपुरी मस्जिद, दिल्ली दंगा क्रोनोलॉजी, अंग्रेज मुसलमान, ब्रिटिश मुसलमान, कांग्रेस मुसलमान, एएमयू, लॉर्ड कर्जन, बंगाल विभाजन, बंगाल में दंगे, भारत में दंगे, हिंदू मुस्लिम दंगे, बंग भंग, अलग मुस्लिम देश की मांग, अब्दुल्ला शुहरावर्दी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, हिस्ट्री ऑफ फ्रीडम मूवमेंट इन इंडिया, सर सैयद अहमद, पाकिस्तान की मांग, दिल्ली दंगा, दिल्ली दंगा लिबरल गैंग, दिल्ली दंगा लिबरल मीडिया, दिल्ली दंगा हिंदूफोबिया, दिल्ली दंगा प्राइम टाइम, रवीश कुमार प्राइम टाइम, दिल्ली दंगा एनडीटीवी, दिल्ली दंगा सेकुलर मीडिया, दिल्ली दंगा की खबरें, दिल्ली दंगों में कौन शामिल, दंगा और मुसलमान, दिल्ली में मुसलमानों का दंगा, पीएम मोदी, नरेंद्र मोदी, दिल्ली दंगा मोदी, दिल्ली हिंसा मोदी, उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा मोदी, आईबी कॉन्स्टेबल की हत्या, अंकित शर्मा की हत्या, चांदबाग अंकित शर्मा की हत्या, दिल्ली हिंसा विवेक, विवेक ड्रिल मशीन से छेद, विवेक जीटीबी अस्पताल, विवेक एक्सरे, दिल्ली हिंदू युवक की हत्या, दिल्ली विनोद की हत्या, दिल्ली ब्रहम्पुरी विनोद की हत्या, दिल्ली हिंसा अमित शाह, दिल्ली हिंसा केजरीवाल, दिल्ली हिंसा उपराज्यपाल, अमित शाह हाई लेवल मीटिंग, दिल्ली पुलिस, दिल्ली पुलिस रतनलाल, हेड कांस्टेबल रतनलाल, रतनलाल का परिवार, ट्रंप का भारत दौरा, ट्रंप मोदी, बिल क्लिंटन का भारत दौरा, छत्तीसिंह पुरा नरसंहार, दिल्ली हिंसा, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, दिल्ली पुलिस, करावल नगर, जाफराबाद, मौजपुर, गोकलपुरी, शाहरुख, कांस्टेबल रतनलाल की मौत, दिल्ली में पथराव, दिल्ली में आगजनी, दिल्ली में फायरिंग, भजनपुरा, दिल्ली सीएए हिंसा, शाहीन बाग, शाहीनबाग प्रदर्शन, शाहीन बाग वायरल वीडियो, CAA NRC शाहीन बाग, CAA NRC असम, शाहीन बाग मास्टरमाइंड, cab and nrc hindi, CAA मुसलमान, नागरिकता कानून मुसलमान, नागरिकता कानून हिंसा, भारत विरोधी नारे, मुस्लिम हरामी क्यो होते है, nrc ke bare mein muslim mulkon ki rai, मुसलमान डरे हुए हैं या डरा रहे हैं, हिंसा में शामिल pfi और सीमी मुसलमान, हिन्दुत्व के विरोध का भूत, हमें चाहिए आजादी ये कैसा नारा है, हिंदुओं से चाहिए आजादी, rambhakt gopal, ram bhakt gopal, jamia violence, जामिया हिंसा, राम भक्त गोपाल

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -