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Friday, April 11, 2025
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दिल्ली के दंगाइयों और CAA विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा करने वालों से हो नुकसान की वसूली: केंद्र-राज्य और पुलिस को हाई कोर्ट ने दिया नोटिस

याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से दिल्ली के विभिन्न स्थानों का दौरा किया। दिल्ली दंगों के दौरान हुए नुकसान को देखकर हैरान और दुखी थे।

दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार (21 मार्च 2022) एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। यह याचिका साल 2020 में दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर हुए विरोध-प्रदर्शन से संबंधित है। इसमें विरोध-प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई आरोपितों से करने का निर्देश देने की माँग की गई है।

यह याचिका वकील हिनू महाजन और लॉ के छात्र अमनदीप सिंह गहलोत ने दायर किया है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से दिल्ली के विभिन्न स्थानों का दौरा किया। दिल्ली दंगों के दौरान हुए नुकसान को देखकर हैरान और दुखी थे। इस पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने नोटिस जारी किया

इस बीच, याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील युद्धवीर सिंह चौहान ने नुकसान के दावों की जाँच और मुआवजा देने के लिए अलग से मशीनरी स्थापित करने की भी माँग की। मामले में अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी। रिपोर्टों के अनुसार याचिकाकर्ता वकील हिनू महाजन भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा की सदस्य भी हैं और उन्होंने मामले में कई राजनीतिक दलों को प्रतिवादी बनाया था। हालाँकि, अदालत ने उन्हें हटाने के लिए कहा। इसके साथ ही कोर्ट ने पार्टियों के एक संशोधित ज्ञापन दायर करने की माँग की।

CAA विरोधी और दंगाइयों के खिलाफ यूपी सरकार की कार्रवाई

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में हुए दंगों के मामले में अपने इरादों को लेकर काफी स्पष्ट रहे हैं। उन्होंने दंगाइयों को चेतावनी दी थी कि कानून को अपने हाथ में लेना, आगजनी करना उन्हें परेशानी में डाल सकता है। वर्ष 2020 में, यूपी सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टीज ऑर्डिनेंस, 2020’ को मँजूरी दी। इससे राज्य में दंगों के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुँचाने में शामिल व्यक्तियों की संपत्तियों को जब्त करने में मदद मिली। इसमें सीएए विरोधी दंगे भी शामिल हैं।

मार्च 2020 में यूपी सरकार ने राज्य की राजधानी लखनऊ में प्रमुख चौराहों पर उपद्रवियों के होर्डिंग लगाए थे। होर्डिंग्स में उन प्रदर्शनकारियों के नाम, पते और तस्वीरें थीं, जिन्होंने दिसंबर 20202 में दंगों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया था। दंगाइयों को एक महीने के भीतर जुर्माने की राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया था। इस साल 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से दंगाइयों से ‘उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी एक्ट, 2020’ के तहत वसूली के निर्देश दिए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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