Tuesday, March 18, 2025
Homeव्हाट दी फ*'गंगा से यमुना के बीच सारी जमीन हमारी': हाई कोर्ट ने 'बेसवान के राजा'...

‘गंगा से यमुना के बीच सारी जमीन हमारी’: हाई कोर्ट ने ‘बेसवान के राजा’ पर लगाया ₹10 हजार जुर्माना, कुतुबमीनार पर भी ठोक चुका है दावा

कुँवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह नाम के इस शख्स ने दिल्ली हाई कोर्ट के सामने याचिका लगाकर दावा किया था कि आगरा, गुरुग्राम, अलीगढ़, दिल्ली और उत्तराखंड में यमुना किनारे वाली जमीन उसकी है। वह बेसवान अविभाजित राज्य का कानूनी वारिस है। उसका कहना था कि उसके पिता ने इस राज्य का विलय कभी भी भारत के साथ नहीं किया।

गंगा से जमुना के बीच की सभी जमीन को अपना बताने वाले एक शख्स पर दिल्ली हाईकोर्ट ने ₹10000 का जुर्माना लगाया है। यह व्यक्ति आगरा, मेरठ, गुरुग्राम, दिल्ली और अलीगढ़ जैसे शहरों में 65 राजस्व जमीनों अपना मालिकाना हक बता रहा था। उसका कहना था कि उसके पिता राजा थे और उन्होंने भारत में अपनी रियासत का विलय नहीं किया था।

कुँवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह नाम के इस शख्स ने दिल्ली हाई कोर्ट के सामने याचिका लगाकर दावा किया था कि आगरा, गुरुग्राम, अलीगढ़, दिल्ली और उत्तराखंड में यमुना किनारे वाली जमीन उसकी है। वह बेसवान अविभाजित राज्य का कानूनी वारिस है। उसका कहना था कि उसके पिता ने इस राज्य का विलय कभी भी भारत के साथ नहीं किया।

उसका कहना था कि आज भी उसकी रियासत बरकरार है और सरकार को यह आदेश दिया जाए कि अब इन्हें वह भारत में वैध रूप से मिला ले। उसने यह भी कहा कि भारत में इस जमीन के विलय के सरकार उसे 1950 से लेकर अब तक एकत्रित किया गया राजस्व भी दे।

उसने यह भी माँग कर डाली कि जब तक उसके राज्य का आधिकारिक विलय भारत के साथ नहीं हो जाता, तब तक यहाँ कोई भी लोकसभा, विधानसभा या निकाय चुनाव ना करवाए जाएँ। उसकी माँग को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए जुर्माना लगाया।

इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि उसने केवल कुछ नक़्शे अपने तर्क के समर्थन में दिए हैं। ऐसे में उसका दावा नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि इन कागजों से उसका कोई भी दावा पुख्ता नहीं होता। कोर्ट ने इसी के साथ उसकी याचिका खारिज कर दी।

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस अटपटी याचिका के लिए उस पर ₹10,000 का जुर्माना भी ठोंका। कोर्ट ने यह धनराशि सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष में चार हफ़्तों के भीतर जमा करने को कहा है। हालाँकि कुँवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह द्वारा दायर यह कोई पहली अजीब याचिका नहीं थी। इससे पहले उसने खुद को तोमर वंश का राजा घोषित करते हुए क़ुतुब मीनार पर दावा ठोक दिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

गजराज पर सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक, कहा- मंदिर में हाथियों का उपयोग हमारी संस्कृति: जानिए क्या है...

गज सेवा समिति ने आरोप लगाया है कि हाथियों पर रोक लगाने की माँग करने वाले कथित एक्टिविस्ट हिन्दुओं की 2 हजार साल से अधिक पुरानी परमपराएं बंद करवाना चाहते हैं।

ठाणे की अवैध मस्जिद गिराने में देरी से उखड़ा हाई कोर्ट, श्री स्वामी समर्थ हाउसिंग की जमीन पर खड़ा कर रखा है ढाँचा: पुणे...

न्यू श्री स्वामी समर्थ बोरिवडे हाउसिंग कंपनी ने कोर्ट से गुहार लगाई थी। कंपनी के पास कासरवडवली के बोरिवडे गाँव में 18,000 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन है।
- विज्ञापन -