कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ ही दिल्ली के अस्पतालों की पोल भी खुलती जा रही है। पीड़ितों की आपबीती केजरीवाल सरकार के दावों के एकदम उलट हैं।
एक टीवी चैनल से बातचीत में मरीजों के परिजनों ने लोकनायक जयप्रकाश हॉस्पिटल (LNJP) में बदइंतजामी की कलई खोल दी है। यह अस्पताल दिल्ली सरकार के अधीन आता है।
Listen in: While @ArvindKejriwal has reserved 10,000 beds for Delhiites in the hospitals of Delhi, patients list ‘discrepancies’ of the hospitals. | #DelhiForAll pic.twitter.com/Z8xXRXrunm
— TIMES NOW (@TimesNow) June 8, 2020
टाइम्स नाउ से बात करते हुए एक मरीज की बहन ने बताया, “मेरे भाई को अस्पताल में भर्ती हुए 10 दिन हो गए हैं, लेकिन जब से वह भर्ती हुए हैं तब से उनको दूध के अलावा कुछ नहीं दिया जा रहा है। अगर हम लोग उनके लिए घर से खाना लाते हैं, तो उसके लिए अस्पताल प्रशासन के लोग आनाकानी करते हैं।” बहन के मुताबिक दूसरी बार सैंपल लिए हुए चार दिन हो गए हैं, लेकिए उनकी अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है।
दूसरे मरीज के बेटे ने बताया कि उसकी माँ को खाना-पीना ढंग से नहीं दिया जाता। अस्पताल के अंदर गंदगी बहुत ज्यादा है। वह बेड से उठ भी नहीं सकती खाना ले जाना तो दूर की बात है, जिसके कारण उनका खाना उन तक पहुँचता भी नहीं है। वो बेड पर पड़ी हुई हैं, लेकिन उनकी न कोई सुनने वाला है और न ही कोई उन्हें वहाँ पूछने वाला है।
तीसरे मरीज के परिजन के बेटे ने बताया कि मैंने अपने फादर को 30 मई में माताचरण अस्पताल में भर्ती कराया था, जहाँ पर उनकी रिपोट पॉजिटिव आई। लेकिन उस अस्पताल में उन्हें कोई इलाज नहीं मिला। वहाँ से मेरे फादर को LNJP में रेफर कर दिया गया।
उसने आगे बताया कि मैं अपने फादर को LNJP में 1 जून को लेकर आया। इसके बाद उसी शाम में मैंने डॉक्टर से पूछा कि मेरे फादर को किस वार्ड में एडमिट किया गया है तो उन्होंने बताया कि उन्हें वार्ड नंबर 31 में शिफ्ट किया गया है। वार्ड 31 में जाकर देखा तो वहाँ वे नहीं मिले। पूछताछ में पता चला कि इस नाम का कोई व्यक्ति है ही नहीं उस वार्ड में। मरीज के बेटे ने बताया कि वह 2 से लेकर 6 जून तक अपने फादर को अस्पताल के अलग-अलग वार्ड में जाकर खोजता रहा, लेकिन वह कहीं नहीं मिले।
इसके बाद बताया कि वे सर्जिकल वार्ड में हैं फिर बताया कि वे ऑर्थो वार्ड में हैं, लेकिन आखिर में वह आईसीयू में बैठे हुए मिले। अगर उस समय मेरे साथ मीडिया नहीं होती तो शायद मैं अपने फादर को नहीं खोज पाता।
आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं कि जब दिल्ली के अस्पतालों की बदहाल स्थित को मरीजों ने या फिर उनके परिजन सामने लेकर आए हैं। इससे पहले भी दिल्ली के एक अस्पताल से लापरवाही का एक वीडियो सामने आया था, जहाँ शवों के पास ही कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा था और कई मरीजों को कोरोना का इलाज भी नहीं मिल रहा था।
वीडियो को भाजपा नेता नंदिनी शर्मा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया था। वीडियो में एक शख्स जानकारी दे रहा था कि अस्पताल में शवों को घंटों तक ऐसे ही पड़े हुए छोड़ दिया जा रहा है।