दिल्ली पुलिस ने एक बुजुर्ग महिला के गायब होने की गुत्थी सुलझाते हुए उनकी हत्या का चौंकाने वाला खुलासा किया है। महिला की पहचान 72 वर्षीय कविता ग्रोवर के तौर पर हुई है। वह द्वारका के मोहन गार्डेन में रहती थीं। उनकी हत्या उसी दंपती ने की थी, जिसकी लॉकडाउन के दौरान उन्होंने मदद की। आरोपित दंपती को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपितों ने बुजुर्ग महिला की हत्या के बाद शव के करीब 15 से 18 टुकड़े कर दिए और उसे तीन बैग में डालकर नजफगढ़ नाले में फेंक दिया था।
पुलिस ने आरोपित दंपती को यूपी के बरेली से गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान रानीखेत, उत्तराखंड निवासी कामिनी आर्य उर्फ तन्नू और उसके पति अनिल आर्य के रूप में हुई है। आरोपितों की निशानदेही पर नाले से शव के अवेशष, वारदात में इस्तेमाल चाकू और बुजुर्ग महिला कविता ग्रोवर (72) का बैग, बुजुर्ग की आईडी, चेकबुक व अन्य कागजात भी बरामद कर लिए हैं। तीन दिन की रिमांड पर लेकर पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।
जानकारी के मुताबिक आरोपित पति-पत्नी ने बुजुर्ग महिला से एक लाख रुपए उधार लिए थे। अब वह अपने पैसे वापस माँग रही थीं। इससे नाराज होकर दंपती ने उनका कत्ल कर दिया। हत्या के बाद उन्होंने बुजुर्ग महिला का वह बैग भी ले लिया, जिसमें चेक बुक, आईडी और अन्य कागजात थे। साथ ही कुछ जूलरी और मोबाइल फोन भी ले लिया। आरोपितों ने लूटी हुई ज्वेलरी गिरवी रख 70 हजार रुपए लिए। इन पैसों से कामिनी ने पहले से गिरवी रखे अपने गहने छुड़ाए। पुलिस के मुताबिक आरोपित दंपती ने ज्वैलरी के बदले एक फर्म से कर्ज लिया था।
दिल्ली के मोहन गार्डेन में यह वारदात 30 जून को हुई थी। जब बुजुर्ग महिला ने आरोपित दंपति से उधार का पैसा माँगा तो आर्य ने महिला को एक मुक्का मारा जिससे वह बेहोश हो गईं। इसके बाद नायलॉन की रस्सी से महिला का गला दबा दिया। रसोई के चाकू से महिला के टुकड़े किए।
लाश के टुकड़े करने के बाद आरोपितों ने 3 बैग में उन्हें डाला और नजफगढ़ के नाले में फेंक दिया। वारदात अंजाम देने के बाद 3 जुलाई तक अपने घर में रहे, ताकि किसी को कोई शक न हो। इसके बाद दोनों उत्तराखंड चले गए थे। जब महिला के परिजन वापस लौटे तो देखा कि वह घर पर नहीं हैं। फिर पुलिस में मिसिंग कंप्लेन दर्ज कराई गई। पुलिस ने खोजबीन शुरू की। आरोपितों ने अपराध के निशान को मिटाने के लिए घर की कई बार अच्छी तरह से सफाई की थी। लेकिन, वे फ्रिज पर खून की कुछ बूँदों के छींटे नहीं देख पाए, जिससे पुलिस को सुराग मिल गया।
पुलिस ने टीम बनाकर महिला को ढूँढना शुरू किया। पुलिस टीम ने टेक्निकल सर्विलांस और सीसीटीवी से पड़ताल की। जाँच के दौरान पुलिस को एक जुलाई को दंपती बुजुर्ग महिला के घर के पास से तीन भारी बैग लेकर निकलते दिखे। पुलिस बुजुर्ग महिला के घर से दो गली छोड़कर रहने वाले दंपती के घर पहुँची तो वहाँ ताला लगा मिला।
जाँच के दौरान पता चला कि वे एक ऑटो से फरार हुए थे। पुलिस ने ऑटो वाले को ढूँढ निकाला। ऑटो चालक ने बताया कि दंपती उनके रेगुलर ग्राहक हैं। एक जुलाई को उन्होंने उसे अपने घर बुलाया था। बैग से खून निकल रहा था। पूछने पर बताया कि इसमें चिकन है। एक दोस्त के फार्म हाउस में पार्टी के लिए चिकन ले जाना है। दंपति को नजफगढ़ नाला रोड पर छोड़कर ऑटो वाला वापस आ गया।
पुलिस को आरोपितों की आखिरी लोकेशन उत्तराखंड के रानीखेत की मिली। पुलिस जब वहाँ पहुँची तो आरोपित लगातार लोकेशन बदलते रहे। आखिरकार पुलिस को उनकी लोकेशन बरेली में मिली। जहाँ दोनों ने अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया था। एक टोल नाके पर जिस कार से आरोपित सफर कर रहे थे उसका नम्बर सीसीटीवी से मिला। इसके बाद पुलिस उस नंबर पर रजिस्टर्ड पते पर पहुँची जहाँ दोनों आरोपित छुपे हुए थे। पुलिस ने बरेली पहुँचकर दोनों पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया। एक अधिकारी ने बताया कि पीड़ित के सिर और शरीर के कुछ भाग मिले हैं, लेकिन धड़ अभी भी गायब है। मिले हुए टुकड़े भी गल गए हैं, उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, जल्द ही डिटेल की पुष्टि होगी।