दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की सक्रियता के कारण राजधानी को दहलाने की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। राजधानी के दो अलग-अलग इलाकों में महीने भर के अंतराल पर मिले विस्फोटों के कारण इस्लामिक आतंकियों के मंसूबों का पता चलता है। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर विस्फोट करने के लिए इनका इस्तेमाल होना था और ये स्थानीय लोगों के सहयोग के बिना संभव नहीं है।
An IED was recovered in Ghazipur on Jan 17, a similar IED was recovered & neutralized in Old Seemapuri y'day. As per probe, these IEDs were prepared to blast in public places… such activities are not possible without local support: Delhi Police Commissioner Rakesh Asthana pic.twitter.com/eiXosLTMyP
— ANI (@ANI) February 18, 2022
पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा, “17 जनवरी को गाजीपुर में एक IED बरामद किया गया था। इसी तरह की एक आईईडी पुरानी सीमापुरी में बरामद कर उसे निष्क्रिय कर दिया गया है। जाँच में पता चला है कि ये आईईडी सार्वजनिक स्थानों पर विस्फोट करने के लिए तैयार किए गए थे। इस तरह की गतिविधियाँ स्थानीय समर्थन के बिना संभव नहीं हैं।”
बता दें कि गुरुवार कोदिल्ली (Delhi) के सीमापुरी इलाके के एक घर से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 2.2 किलोग्राम आईईडी विस्फोटक बरामद किया था। एक महीने के अंदर लगातार दूसरी बार ऐसा हुआ है कि जब यमुनापार इलाके में बम मिला है। बम मिलने के तुरंत बाद राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की टीम को बुलाया गया। स्पेशल रोबोट की मदद से संदिग्ध बैग उठाया और बैग में विस्फोटक होने की पुष्टि के बाद उसे निष्क्रिय कर दिया गया। बम को हटाने के लिए आसपास के करीब 200 घर खाली कराए गए।
दरअसल, इससे पहले दिल्ली के ही गाजीपुर इलाके में मिले आईईडी विस्फोटक मामले की जाँच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही थी। उसी दौरान उसे ओल्ड सीमापुरी इलाके में एक मकान में कुछ संदिग्ध लोगों के छिपे होने को लेकर जानकारी मिली थी। इसके बाद सेल की टीम ने गुरुवार (17 फरवरी 2022) शाम घर पर छापा मारा और घर का ताला तोड़कर करीब 2.2 किलो आईडी और कुछ दस्तावेज बरामद किए। हालाँकि, छापेमारी से पहले ही संदिग्ध मौके से फरार हो गए।
इस मामले में पुलिस ने घर के मालिक को हिरासत में ले लिया है। उसके घर में उसकी माँ, पत्नी और चार बच्चे हैं। आरोप है कि उसने किराएदारों का पुलिस वेरिफिकेशन कराए बिना ही उसे किराए पर कमरा दे दिया था। संदिग्धों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर घर किराए पर लिया था। दरअसल, घर के मालिक का सीमापुरी में दो घर है। एक में वो खुद अपने परिवार के साथ रहता है, जबकि दूसरे को किराए पर उठा रखा है। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि वो घर में रहने वाले किसी को भी नहीं जानते थे, क्योंकि किराए पर रहने वाले अपने कमरे से कम ही बाहर निकलते थे।
इस मामले में स्पेशल सेल ने 3-4 संदिग्ध युवकों की पहचान की है। उनकी तस्वीरें भी हाथ लगी है। वे कहाँ के रहने वाले इसकी भी जानकारी मिल गई है। सेल को शक है कि संदिग्ध किसी आतंकी संगठन के स्लीपर सेल से हो सकते हैं। इन चार संदिग्धों ने उस घर को कुछ समय पहले ही किराए पर लिया था। पहले एक आया था, उसके बाद तीन और आकर साथ रहने लगे। मकान मालिक कासिम ठेकेदार बताया जा रहा है और उसने शकील नाम के प्रोपर्टी डीलर के जरिए मकान की दूसरी मंजिल को किराए पर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 29 जनवरी की रात हिमाचल प्रदेश के कल्लू में पार्किग में खड़ी एक कार में धमाका हुआ था। इसके तार गाजीपुर में बरामद RDX से जुड़े हैं। FSL की टीम ने कूल्लू की कार से जो ट्रेसेस बरामद किए थे, वो गाजीपुर से बरामद विस्फोटक से मेल खाते हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को शक है कि इन विस्फोटकों को स्थानीय स्लीपर सेल की मदद से पाकिस्तान की ISI ने प्लांट करवाया है।
गौरतलब है कि 14 जनवरी को गाजीपुर फूलमंडी में स्कूटी से सामान लेने के लिए आया एक व्यक्ति अपनी स्कूटी और बैग रखकर चला गया। बाद में सूचना मिलने पर पहुँची पुलिस ने जाँच की तो आरडीएक्स बरामद हुआ। इसके बाद एनएसजी की टीम ने उसे डीफ्यूज किया। बाद में पता चला कि यह बम पाकिस्तान की आईएसआई और उसकी जिहादी सेल इसमें शामिल है। जाँच में ये पता चला था कि यह आईडी 24 बम की खेप का हिस्सा था, जिसे सीमा पार से या तो जमीन के जरिए या समुद्री मार्ग से पाकिस्तान द्वारा स्थानीय आतंकवादियों को भेजा गया था।