उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सोमवार को हुई हिंसा ने दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की जान ले ली। दंगाइयों की फायरिंग में उनकी मौत हो गई। बुराड़ी में तीन बच्चों और पत्नी के साथ रहने वाले 42 वर्षीय रतनलाल परिवार में कमाने वाले इकलौते सदस्य थे। वे मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले थे और 1998 में दिल्ली पुलिस में बहाल हुए थे।
दिल्ली के मौजपुर, जाफराबाद व अन्य इलाकों में रविवार (फरवरी 23, 2020) से भड़की हिंसा के बारे में परिवार को रतनलाल ने ही जानकारी दी थी। सोमवार (फरवरी 24, 2020) को जब वह ड्यूटी पर गए तो पत्नी ने खैरियत जानने के लिए फोन भी किया था। तब सब कुछ ठीक था। दोपहर बाद जैसे ही रतनलाल की पत्नी ने टीवी पर हेडलाइन देखी तो वह परेशान हो उठीं। उन्होंने पति को फोन मिलाया लेकिन रिंग जाती रही। कुछ ही समय में पुष्टि हुई कि अब रतनलाल इस दुनिया में नहीं रहे। परिवार में चीख-पुकार मच गई। पत्नी पूनम बेसुध होकर गिर पड़ीं, जबकि बच्चे मम्मी को देखकर बुरी तरह बिलखने लगे। इस बीच रतनलाल के गाँव में उनके परिवार को इसके बारे में सूचना दी गई।
रतनलाल मूल रूप से राजस्थान के सीकर में तिहावली गाँव के रहने वाले थे। दिल्ली में वे बुराड़ी में पत्नी पूनम, दो बेटियों सिद्धि, कनक, और बेटे राम के साथ रहते थे। उनकी बड़ी बेटी सिद्धि 12 साल की, छोटी बेटी कनक 10 साल की और सबसे छोटा बेटा राम 7 साल का है। सिद्धि 7वीं, कनक 5वीं और राम पहली कक्षा में पढ़ते हैं। तीनों बच्चे एनपीएल स्थित दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल में हैं। पूनम गृहिणी हैं। रतनलाल की माँ और छोटा भाई दिनेश गाँव में रहते हैं। पिता बृजमोहन की ढाई साल पहले ही मृत्यु हो गई थी। रतन ने दो दिन पहले ही माँ संतरा देवी व भाई दिनेश से फोन पर बात की थी। उन्होंने माँ से हाल-समाचार पूछने के साथ ही इस बार होली पर गाँव आने का वादा किया था, लेकिन बेबस माँ को क्या पता था कि उनकी बेटे से आखिरी बार बात हो रही है। घटना से पूरा परिवार सदमे में है।
Delhi Police Head Constable Rattan Lal lost his life today during clashes between two groups in Delhi’s Gokulpuri. He was a native of Sikar, Rajasthan. He joined Delhi Police as Constable in’98. He was posted in the office of ACP/Gokalpuri.He is survived by his wife & 3 children. pic.twitter.com/6ldKt3nsbb
— ANI (@ANI) February 24, 2020
वह दिल्ली पुलिस में 1998 में शामिल हुए थे। वह एसीपी गोकलपुरी के ऑफिस में तैनात थे। साल 2004 में जयपुर की रहने वाली पूनम से उनका विवाह हुआ था। साेमवार काे बुखार होने के बावजूद वह ड्यूटी पर गए थे। हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की मौत पूरे परिवार को गहरा आघात दे दिया। रतन लाल का कभी किसी से लड़ाई-झगड़े की बात तो दूर, ‘तू तू मैं मैं’ से भी वास्ता नहीं रहा। फिर भी उपद्रवियों ने उन्हें मार डाला और हँसते-खेलते परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा।