दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों को एक साल पूरे हो चुके हैं। अब भी उत्तर-पूर्वी दिल्ली के उन इलाकों में हिन्दुओं के मन में मुस्लिम भीड़ की हिंसा का मंजर ज्यों का त्यों हैं। वो आज भी डर के साए में जी रहे हैं। एक प्रत्यक्षदर्शी ने ऑपइंडिया को बताया कि हिन्दुओं के मन में अभी भी भय व्याप्त है कि उनके साथ कभी भी कुछ भी हो सकता है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ही हिन्दुओं को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया था।
उक्त प्रत्यक्षदर्शी ने हमें बताया, “इस क्षेत्र में रह रहे हिन्दू अभी भी मुस्लिमों के प्रभाव वाले या मुस्लिम बहुल इलाकों में जाने से या उस तरफ से गुजरने से डरते हैं। उनके मन में भय बना रहता है कि खून की प्यासी भीड़ उन पर कभी भी हमला कर सकती है, जैसे फरवरी 2020 के अंतिम हफ्ते में हुआ था।” उक्त प्रत्यक्षदर्शी खुद पिछले साल के दंगों का पीड़ित भी है। वो उन दंगों मे बाल-बाल बच गए थे, कई अन्य हिन्दुओं की तरह।
उन्होंने बताया, “लियाकत खान और रियासत खान के परिवार वाले अभी भी हमें धमकी देते हैं। दोनों बाप-बेटों को पिछले साल पत्थरबाजी और दंगों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दोनों मुझे जान से मार डालने की धमकी देते हैं।” उसने बताया कि हिन्दुओं को मुस्लिम बहुल इलाकों की तरफ से गुजरने से मनाही की गई है। उन्होंने मुस्तफाबाद में हाल ही में एक हिन्दू बाइक सवार की मुस्लिम भीड़ द्वारा पिटाई की घटना को भी याद किया।
गौरतलब है कि प्रदीप कुमार वर्मा नामक एक हिन्दू व्यक्ति के गैराज को ताहिर हुसैन व अन्य इस्लामी भीड़ द्वारा तबाह कर दिया गया था। उन्होंने पुलिस को बताया था कि शाह आलम, गुलफाम और रियासत अली ने अपने साथियों के साथ उनकी पार्किंग का शटर तोड़ डाला था और गाड़ियों को तोड़-फोड़ करके गैराज में आग लगा दी थी। साथ ही 20 हजार रुपए भी लूट लिए थे। जब ये सब हो रहा था, ताहिर और लियाकत पेट्रोल बम व पत्थर फेंकने में व्यस्त थे।
प्रदीप ने ये भी बताया कि उन्होंने मुस्लिम भीड़ को ‘हिन्दू है, मारो’ कहते हुए सुना था। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि चाँदबाग में स्थित ताहिर हुसैन के घर को सील कर दिया गया था, लेकिन 5-6 महीने पहले ही उसका सील खोला जा चुका है। हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा के लिए इसी घर का उपयोग हुआ था। यहाँ की छत से मुस्लिम भीड़ को हिन्दुओं के घर की तरफ पेट्रोल बम व पत्थर फेंकने का वीडियो उस वक़्त भी वायरल हुआ था।
आईबी अधिकारी रहे अंकित शर्मा को भी घसीट कर ताहिर हुसैन की इमारत की तरफ ही लेकर जाया गया था। स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि ED कुछ दिनों पहले जाँच के लिए आई थी, जिसके बाद ये घर खुला हुआ है। उसने बताया कि ताहिर हुसैन की बीवी इस घर की मालकिन है और फिलहाल उसके लोग और रिश्तेदार यहाँ रह रहे हैं। जिनके भी परिजन दंगों के कारण जेल में बंद हैं, उनके परिजन/रिश्तेदार यहाँ रह रहे हैं।
एक अन्य ग्राउंड रिपोर्ट में हमने बताया था कि दंगे के प्रत्यक्षदर्शियों ने दिल्ली में चल रही अरविंद केजरीवाल की AAP सरकार पर भी पक्षपात के आरोप लगाए हैं। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि दिल्ली सरकार ने भी हिन्दू पीड़ितों पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि केजरीवाल सरकार ने मस्जिदों में अनाज और फल भेजे, जबकि हिन्दुओं को दुकानों के बाहर लंबी लाइनें लगा कर संघर्ष करना पड़ा। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मस्जिदों में सरकार से आई सामग्रियों का मुस्लिमों में वितरण किया गया।