Monday, March 10, 2025
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मस्जिद 3 मंजिल की, फिर भी हर शुक्रवार सड़क पर पढ़ते हैं नमाज: रोडबंदी से त्रस्त साणंद के कारोबारियों ने प्रशासन से लगाई गुहार, कहा- नहीं हुआ समाधान तो करेंगे आंदोलन

अभी तो रमजान का महीना शुरू ही हुआ है, लेकिन भीड़ हर बार बढ़ती ही जा रही है। इनमें से अधिकतर नमाजी प्रवासी हैं।

गुजरात के अहमदाबाद के उपनगरीय इलाके साणंद में हर शुक्रवार को सड़क पर नमाज पढ़ने की खबरें आती है, जिसकी वजह से स्थानीय लोगों खासकर व्यापारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। ऐसे में शनिवार (8 मार्च 2025) को हिंदू नेताओं ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग को ज्ञापन सौंपकर मामले में हस्तक्षेप की माँग की है। व्यापारियों का कहना है कि इस समस्या का तुरंत हल निकाला जाए, क्योंकि इससे उनके व्यापार पर असर पड़ रहा है।

ज्ञापन में कहा गया है, ”साणंद में डाक चौक के पास एक मस्जिद है, जिसके बाहर की सड़क हर शुक्रवार को बंद कर दी जाती है। इस दौरान सड़क पर ही नमाज पढ़ा जाता है। जिसकी वजह से व्यापारियों, पैदल चलने वालों और आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।” ज्ञापन में कहा गया है कि मस्जिद 3 मंजिला इमारत में है। उसमें काफी जगह है। इसके बावजूद सिर्फ आम लोगों को परेशान करने के लिए सड़क पर नमाज पढ़ी जा रही है।

व्यापारियों ने प्रशासन से पूछा है कि क्या तीन मंजिला मस्जिद होने के बावजूद सड़क पर हो रही नमाज को लेकर कोई अनुमति दी गई है? अगर ऐसी व्यवस्था प्रशासन की तरफ से की गई है, तो ये प्रशासन हमें बता दे और अगर ऐसा कोई कदम प्रशासन ने नहीं उठाया है, तो वो तत्काल कार्रवाई करते हुए इन गतिविधियों को रुकवा दे।

हिंदू नेताओं और व्यापारियों ने कहा है कि अगर सड़क पर नमाज पढ़ना बंद नहीं हुआ, तो वो लोग आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएँगे। इस ज्ञापन को साणंद के एसपी, अहमदाबाद के कलेक्टर, साणंद नगरपालिका के अध्यक्ष और मामलातदार को भी भेजी गई है। इसकी कॉपी ऑपइंडिया के पास भी उपलब्ध है।

नमाज अदा करने वाले ज्यादातर प्रवासी, सुरक्षा व्यवस्था पर असर

प्रशासन से हस्तक्षेप की माँग करने वाले व्यापारियों और हिंदू नेताओं में आणंद शहर बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष कमलेश व्यास ने ऑपइंडिया से बातचीत की। उन्होंने बताया कि काफी समय से सार्वजनिक सड़क पर नमाज पढ़ी जा रही है। इस दौरान घंटे – 2 घंटे के लिए सड़क बंद कर दी जाती है। लोगों का आना-जाना थम जाता है, तो व्यापार भी ठप पड़ जाता है।

कमलेश व्यास ने कहा कि अभी तो रमजान का महीना शुरू ही हुआ है, लेकिन भीड़ हर बार बढ़ती ही जा रही है। इनमें से अधिकतर नमाजी प्रवासी हैं। उनका सवाल है कि जब 3 मंजिला मस्जिद बनी है, उसके बावजूद सड़क पर नमाज क्यों पढ़ी जा रही। उन्होंने कहा, “हमें नमाज पढ़ने, किसी धर्म से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सार्वजनिक सड़कों को जाम करके नमाज पढ़ने से आम लोगों को समस्या हो रही है।”

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Meghalsinh Parmar
Meghalsinh Parmar
A Journalist. Deputy Editor- OpIndia Gujarati. Not an author but love to write.

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