राजस्थान के जोधपुर में हुई हिंसक घटना ने कई परिवारों को झकझोर कर रख दिया। कई हिंदू परिवार इस हिंसा की चपेट में आए। हिंसा के दौरान घटी दर्दनाक हादसे की कहानियाँ सामने आ रही है। जो बताती है कि किस तरह से हिंसक भीड़ ने बर्बरता से हमला किया और बच्चों तक को नहीं बख्शा। कोई दादा के लिए दवा लेने जा रहा था, कोई पापा को खाना खाने के लिए बुलाने के लिए बाहर निकली थी तो कोई शादी का ऑर्डर पूरा कर घर रहा था, कोई काम पर जा रहा था, इस हिंसक मजहबी भीड़ के शिकार हो गए।
इन्हीं में से एक हैं- दीपक परिहार, जो मजहबी भीड़ की हिंसा के शिकार हुए। ‘नवभारत टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, दीपक घंटाघर के पास के गांछा बाजार के रहने वाले हैं। वह अपने दादा के लिए दवा लेने के लिए घर से निकले थे। हालाँकि उन्होंने लगभग 200 लोगों की भीड़ को उपद्रव मचाते देख वापस घर जाना बेहतर समझा। उन्होंने बाइक को वापस घर की तरफ मोड़ भी लिया, लेकिन फिर भी वो भीड़ का शिकार होने से बच नहीं पाए।
उपद्रवियों ने उन्हें देख लिया और घेर कर उन पर हमला कर दिया। एक उपद्रवी ने दीपक की पीठ में चाकू घोंप दिया और मरने के लिए वहीं पर तड़पता छोड़ दिया। बाद में परिजनों द्वारा अस्पताल में उनका ऑपरेशन कर चाकू निकाला गया। फिलहाल उनकी तबियत में सुधार है। दीपक के पिता विजय सिंह ने पुलिस से आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की है।
इसी तरह इस हिंसक भीड़ का शिकार एक 7 साल की एक बच्ची भी हुई। हालाँकि पड़ोस के एक दुकानदार ने उसके ऊपर होने वाले वार को अपने ऊपर ले लिया, लेकिन इस घटना से बच्ची सदमे में आ गई है। वह कुछ भी बोल नहीं पा रही है। दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 7 साल की माननीया सिंघवी के पिता पवन सिंघवी का घर के बगल में ही एक किराने की दुकान है। दिन के तकरीबन 11 बजे माननीया अपने पापा को खाना खाने के लिए बुलाने आई थी।
इसी दौरान उपद्रवियों की नजर उस पर पड़ गई। लाठी और सरिया लेकर भीड़ ने बच्ची पर हमला कर दिया। इसी बीच सामने के दुकानदार अजय पुरोहित बीच में आ गए और उन्होंने किसी तरह से बच्ची को बगल वाले घर में घुसा दिया। हालाँकि वह भीड़ की बर्बरता से नहीं बच पाे। भीड़ ने उन पर लाठी-डंडों से जमकर पीटा। एक तस्वीर और सामने आई है, जिसमें उपद्रवी पुलिस का डंडा लेकर पुलिस को ही पीटते दिख रहे हैं।
ऐसी ही एक कहानी है- 18 साल के मुकुल बोहरा की। वह शादियों में डीजे-साउंड आदि का ऑर्डर लेते हैं। मंगलवार (3 मई, 2022) सुबह 5 बजे भी वह एक शादी का ऑर्डर पूरा कर घर आ रहे थे। इसी दौरान उपद्रवियों ने उन्हें घेर लिया। वह कुछ समझ पाते इससे पहले ही उन्हें स्कूटी से धक्का देकर नीचे गिरा दिया। फिर उपद्रवियों ने सरिया लेकर मुकुल के ऊपर वार करने लगे। इस दौरान मुकुल के पैर में तीन फ्रैक्चर आए। फिलहाल उनका महात्मा गाँधी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
उपद्रवियों हिंसा के दौरान आगजनी की घटना को भी अंजाम दिया। इसी में बुरी तरह से झुलस गए अमित पुरी। अमित पेशे से इंजीनियर हैं और आदिनाथ नगर पाल रोड के रहने वाले हैं। अमित के भाई दिनेश पूरी ने इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को काम पर जाने के दौरान जब अमित कबूतर चौक के पास से गुजर रहे थे तो इसी दौरान अराजत तत्वों ने एक बाइक में आग लगा दी। इतने पर ही वे नहीं रुके।
उन्होंने बाइक के पेट्रोल टैंक में छेद भी कर दिया। फिर क्या था, देखते ही देखते आग चारों तरफ फैल गई और इसकी लपटों में अमित भी आ गए। इस हादसे में अमित के पैर-हाथ और पेट का काफी हिस्सा जल गया। उनका इलाज भी महात्मा गाँधी अस्पताल में इलाज चल रहा है। ये भी सामने आया है कि दंगाई नमाज के दौरान अपने पॉकेट में पत्थर रखे हुए थे।
राजस्थान के जोधपुर में जालौरी गेट और कबूतरों का चौक पर दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प और पत्थरबाजी के बाद पूरे शहर में तनाव का माहौल है। दूसरे दिन भी दंगाइयों की उत्पाती भीड़ ने मजहबी नारे लगाते हुए लोगों के घरों में तेजाब की बोतलें फेंकी। वहीं इन दंगाइयों ने एक हिंदू युवक को चाकू घोंप दिया। यही नहीं इन दंगाइयों ने करीब 40 वाहनों में तोड़फोड़ की और शहर के एटीएम बूथ तक को तोड़ डाला। शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू (Curfew) लगाया गया है। मामले में अभी तक 97 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।