Sunday, November 17, 2024
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नतीजों के बाद जश्न नहीं: विजय जुलूस पर चुनाव आयोग का प्रतिबंध, 2 मई को आएगा 5 राज्यों का रिजल्ट

इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि 2 मई को होने वाले मतगणना के दौरान कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन कराने की योजना का खाका आयोग नहीं पेश कर पाया तो वह इस पर रोक लगा देगा।

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर चुनाव आयोग ने आज (अप्रैल 27, 2021) बड़ा फैसला करते हुए 2 मई को चुनावी नतीजों के बाद किसी भी प्रकार के विजय जुलूस पर बैन लगा दिया। आयोग ने स्पष्ट कहा कि जीतने वाला कैंडिडेट सिर्फ दो लोगों के साथ ही जीत का सर्टिफिकेट लेने जा सकता है। 

बता दें कि केरल, असम, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। पश्चिम बंगाल में आखिरी चरण की वोटिंग होनी है। इन 5 राज्यों के नतीजे एक साथ 2 मई को आने हैं। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि आयोग ने यह फैसला मद्रास हाई कोर्ट की चेतावनी के मद्देनजर लिया है। गौरतलब है कि कोविड संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पहले से ही आयोग जरूरी फैसले ले रहा है। कुछ दिन पहले उसने बंगाल में रोड शो, पदयात्रा पर प्रतिबंध लगाया था। 

सोमवार को मद्रास हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को कोरोना की दूसरी लहर का जिम्मेदार बताया था। हाई कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि 2 मई को होने वाले मतगणना के दौरान कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन कराने की योजना का खाका आयोग नहीं पेश कर पाया तो वह इस पर रोक लगा देगा। इससे पहले चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में होने वाले रोड शो पर रोक लगा दी थी। आयोग ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में जनसभाओं में 500 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।

कुछ दिन पहले राज्य में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे। ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग की भूमिका पर प्रश्न खड़ा किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि चुनाव एजेंसी ने भाजपा की सहायता करने का कार्य किया। मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करने का कार्य करता रहा कि टीएमसी के कार्यकर्ता भाजपा के खिलाफ वोटिंग न कर पाएँ।  

टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने अपने समर्थकों को एक संवैधानिक संस्था के खिलाफ उकसाते हुए कहा, “मैं बीरभूम, मुर्शिदाबाद और मालदा समेत जहाँ भी चुनाव होने हैं वहाँ के लोगों से अपील करती हूँ कि अभी से तैयारी कर लें क्योंकि एक तरफ हमें Covid-19 संक्रमण से लड़ना है वहीं दूसरी ओर हमें चुनाव आयोग से भी लड़ना है जो यह षड्यंत्र कर रहा है कि हमारे लोग वोटिंग न कर पाएँ।“

उन्होंने कहा, “यदि पुलिस किसी को अवैध रूप से गिरफ्तार करती है तो उनके परिवार वालों को पुलिस स्टेशन में जाकर बैठना चाहिए और पुलिस स्टेशन का घेराव करना चाहिए। जरूरत पड़ने पर न्यायालय भी जाएँ। हम उच्च न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएँगे और किसी की भी अवैध गिरफ़्तारी के विरुद्ध शिकायत करेंगे।”

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने जब से 8 चरणों में चुनाव कराने का फैसला सुनाया था, तभी से तृणमूल कॉन्ग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी उन पर तरह तरह के आरोप लगा रही थीं। अभी हाल में उन्होंने कहा था महामारी के संकट के बाद भी चुनाव आयोग बाकी बचे चुनाव को एक ही चरण में निपटाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा, जबकि इस मुद्दे पर चुनाव आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका था कि एक बार चुनावों की घोषणा होने के बाद उसमें बदलाव नहीं किया जा सकता है।  

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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