Friday, November 8, 2024
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‘EC अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए, 2 मई की काउंटिंग भी रोक देंगे’: मद्रास HC ने कोरोना की दूसरी लहर का बताया जिम्मेदार

मद्रास उच्च-न्यायालय ने ये भी चेतावनी दी है कि 2 मई को होने वाले 5 राज्यों की मतगणना को भी वो रोक देगा, अगर जल्द ही ECI उस दौरान कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन कराने के लिए कोई योजना लेकर नहीं आता है।

मद्रास हाईकोर्ट ने देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए पूरी तरह से चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया है। उच्च न्यायालय ने सोमवार (अप्रैल 26, 2021) को कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि EC के अधिकारियों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। उसने राजनीतिक रैलियों में आयोजन की अनुमति देने के लिए भी EC को फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी पूरी तरह से EC से खिन्न दिखे।

उन्होंने चुनाव आयोग से कहा, “आपका संस्थान अकेले कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है। आपके अधिकारियों पर शायद हत्या के आरोप में मामला दर्ज करना चाहिए।” उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान फेस मास्क पहनने, सैनिटाइजर का प्रयोग करने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे दिशा-निर्देशों का पालन कराने में चुनाव आयोग संपूर्ण रूप से विफल रहा है।

उन्होंने कहा कि कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश के बावजूद ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने ECI के वकील से पूछा, “जब रैलियाँ हो रही थीं तब क्या आप किसी और ग्रह पर थे?” मद्रास उच्च-न्यायालय ने ये भी चेतावनी दी है कि 2 मई को होने वाले मतगणना के दौरान कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन कराने की योजना का खाका आयोग नहीं पेश कर पाया तो वह इस पर रोक लगा देगा।

चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने कहा, “लोगों के स्वास्थ्य को उच्चतम दर्जे की प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ये बात विक्षुब्ध कर देने वाली है कि संवैधानिक संस्थाओं को भी इस सम्बन्ध में बातें याद दिलानी पड़ रही है। अगर कोई नागरिक ज़िंदा बचेगा तभी तो वो एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में मिलने वाले अधिकारों का इस्तेमाल करेगा। परिस्थिति ज़िंदा बचने और सुरक्षा के लिए संघर्षों पर पहुँच गई है। अन्य कोई भी चीज इसके बाद ही आती है।”

इस पीठ में जस्टिस सेंथिलकुमार राममूर्ति भी शामिल थे। उन्होंने भारत और तमिलनाडु के मुख्य चुनाव आयुक्तों को निर्देश दिया कि वे राज्य और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिवों के साथ विचार-विमर्श करें और मतगणना के दिन कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कराने के लिए खाका तैयार करें। शुक्रवार को इस मामले पर फिर सुनवाई होगी। उस दिन कोर्ट देखेगा कि क्या योजना बनाई गई है और क्या कदम उठाए गए हैं।

तमिलनाडु में रविवार को दूसरी लहर के दौरान पहली बार पूर्ण लॉकडाउन लगा। केवल ज़रूरी सेवाओं को ही छूट दी गई थी। 1,05,180 सक्रिय कोरोना मामलों के साथ तमिलनाडु भारतीय राज्यों में 8वें स्थान पर है। राज्य में 13,557 लोग अब तक कोरोना के कारण अपनी जान गँवा चुके हैं। तमिलनाडु में चुनाव संपन्न हो चुका है और सत्ताधारी AIADMK और विपक्षी DMK के बीच मुख्य मुकाबला है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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