प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने UAE बेस्ड एनआरआई कारोबारी सीसी थम्पी को मनी लॉन्डरिंग के मामले में गिरफ्तार किया है। सीसी थम्पी को कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के जीजा और प्रियंका गाँधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का करीबी माना जाता है। थम्पी दुबई में रहकर भारत की कई डिफेंस डील करवाने का भी आरोपित है। थम्पी दुबई सहित भारत के कई लोकेशन पर अवैध संपत्ति बना चुका है।
यह मामला विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के कथित तौर पर उल्लंघन का है। ईडी ने 2017 में कारोबारी पर एक हजार करोड़ रुपए का कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। दुबई के कारोबारी को इससे पहले एजेंसी कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के दामाद रॉबर्ड वाड्रा और हथियार विक्रेता संजय भंडारी के साथ कथित संबंधों पर पूछताछ के लिए भी तलब कर चुकी है। थम्पी के खिलाफ फेमा (FEMA) के कारण बताओ नोटिस के तहत जिन कंपनियों के खिलाफ जाँच चल रही है उनमें हॉलीडे सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड, हॉलीडे प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड और हॉलीडे बेकल रिजॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल है। उनके ऊपर 288 करोड़ रुपए को लेकर जाँच चल रही है।
Enforcement Directorate (ED) has arrested CC Thampi of Holiday Group. He & his 3 companies, Holiday City Centre, Holiday Properties and Holiday Bekal Resorts were under ED investigation, under Foreign Exchange Management Act,1999 for an aggregate amount of Rs. 288 crores pic.twitter.com/zuNWOVPI8A
— ANI (@ANI) January 20, 2020
फरवरी 2019 में रॉबर्ट वाड्रा से सीसी थम्पी के साथ उनके संबंधों को लेकर पूछताछ की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय को शक है कि 2009 में हुए एक पेट्रोलियम करार के लिए एक शारजाह स्थित कम्पनी के माध्यम से डील फाइनल किया गया था। इस कम्पनी के संयुक्त अरब अमीरात स्थित एनआरआई व्यवसायी सीसी थम्पी द्वारा नियंत्रित होने की बात सामने आई थी। वाड्रा से सीसी थम्पी और संजय भंडारी के साथ लंदन में बेनामी संपत्ति रखने के बारे में भी पूछताछ की गई थी। संयुक्त अरब अमीरात में थम्पी की स्काईलाइट्स नाम की कम्पनी है और भारत में स्काईलाइट्स प्राइवेट लिमिटेड के वाड्रा के साथ सम्बन्ध की बात सामने आई है। राजस्थान के बीकानेर में एक अवैध ज़मीन सौदे को लेकर भी ये कम्पनी प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर है। इसकी जाँच चल रही है।
सीसी थम्पी पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन का मामला चल रहा है। यह मामला सैंकड़ों करोड़ रुपयों की हेराफेरी से जुड़ा है। ईडी ने पिछले साल 288 करोड़ रुपए से अधिक के सौदों में दिल्ली-एनसीआर और उसके आसपास कृषि और अन्य भूमि के अवैध अधिग्रहण के लिए उसे कारण बताओ नोटिस दिया था। सीसी थम्पी, रॉबर्ट वाड्रा और संजय भंडारी ‘क़रीबी दोस्त’ हैं।
Opindia.com ने राहुल गाँधी और एचचएल पाहवा के बीच जमीन सौदे को लेकर खुलासा किया था, जिसमें निम्नलिखित तथ्य सामने आए थे:-
जो तथ्य सामने आए, वे हैं:
1. राहुल गाँधी ने कथित रूप से कम कीमत पर एचएल पाहवा से जमीन खरीदी।
2.रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गाँधी वाड्रा द्वारा भी एचएल पाहवा से जमीन खरीदी गई थी। कई मामलों में, एचएल पाहवा द्वारा इन्हीं ज़मीनों को बढ़े हुए मूल्य पर वापस खरीदा गया था। वो भी तब जबकि पाहवा का कैश बैलेंस निगेटिव में था।
3. इस खरीद को साफ-सुथरा दिखाने के लिए, एचएल पाहवा ने सीसी थम्पी से पैसे लिए थे।
4. सीसी थम्पी और संजय भंडारी करीबी दोस्त हैं। उनके बीच कई वित्तीय लेनदेन भी हुए थे।
5. संजय भंडारी एक हथियार डीलर है और रॉबर्ट वाड्रा का करीबी दोस्त भी। उसे रक्षा सौदे और पेट्रोलियम सौदे में कमिशन (किकबैक) भी मिला था।
6. कमिशन (किकबैक) की इसी राशि से संजय भंडारी ने रॉबर्ट वाड्रा से बेनामी संपत्ति खरीदी थी, यहाँ तक कि उसने इन संपत्तियों के नवीनीकरण (रेनोवेशन) के लिए भी भुगतान किया था।
7. इस संपत्ति को फिर सीसी थम्पी को बेचा गया था।
8. फिलहाल ईडी थम्पी के साथ रॉबर्ट वाड्रा की निकटता की जाँच कर रहा है।
9. ये सभी सौदे कॉन्ग्रेस सरकार के दौरान हुए थे।
10. संजय भंडारी एक हथियार डीलर है। 2012 से 2015 के बीच राफेल सौदे में ऑफ़सेट पार्टनर बनने की पैरवी संजय भंडारी कर रहा था लेकिन राफेल बनाने वाली कंपनी दसौं ने उसे अपने साथ करने से मना कर दिया था।
11. 126 राफेल जेट की खरीद से संबंधित फाइल रक्षा मंत्रालय से गायब हो गई थी और बाद में इसे सड़क पर पाया गया था। आरोप है कि भंडारी ने फाइल चुराई थी। आरोप यह भी है कि भंडारी महत्वपूर्ण फाइलों की फोटोकॉपी करता था और जिन डिफेंस कॉन्ट्रैक्टरों के साथ उसके संबंध अच्छे थे, उन्हें वो कॉपी उपलब्ध करवाता था।
12. अरुण जेटली ने आरोप लगाया था कि जब कॉन्ग्रेस सरकार के दौरान राफेल को अंतिम रूप दिया जा रहा था, तो यूरोफाइटर के बारे में बैकरूम बातें हुआ करती थीं।
13. ऐसी अफवाहें भी हैं कि राहुल गाँधी जर्मनी में यूरोफाइटर के प्रतिनिधियों से मिले थे।
इन तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष निकालना आसान है कि रॉबर्ट वाड्रा की तरह राहुल गाँधी भी हथियार डीलर संजय भंडारी से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। संजय भंडारी जो न केवल गाँधी परिवार का करीबी है, बल्कि राफेल सौदे में जिसे दसौं ने फटकार भी लगाई थी। कॉन्ग्रेस के शासनकाल में संजय भंडारी को कथित तौर पर रक्षा और पेट्रोलियम सौदों में कमिशन (किकबैक) भी मिला था।
ऑपइंडिया के खुलासा के बाद इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि ईडी ने राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी के साथ एचएल पाहवा की लैंड डील को लेकर पूछताछ की थी और साथ ही पाहवा को ईडी ने समन भी किया था। अब सीसी थम्पी की गिरफ्तारी के बाद न केवल रॉबर्ट वाड्रा, बल्कि राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी की मुसीबतें भी बढ़ सकती हैं।