की प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार (2 नवंबर 2023) को पेपर लीक मामले में कथित संलिप्तता के लिए राजस्थान कॉन्ग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा के दो बेटों अभिलाष और अविनाश को तलब किया है। परीक्षा पेपर लीक मामले में ईडी द्वारा राजस्थान पीसीसी प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा और एक अन्य विधायक ओमप्रकाश हुडला के घरों पर छापेमारी के एक हफ्ते बाद यह बात सामने आई है। इनके घरों में छापेमारी 26 अक्टूबर 2023 को की गई थी।
राजस्थान में सीकर की लक्ष्मणगढ़ सीट से कॉन्ग्रेस पार्टी के उम्मीदवार डोटासरा का मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार सुभाष महरिया से है। डोटासरा इस निर्वाचन क्षेत्र के विर्तमान विधायक हैं। इस बीच, राजस्थान के मंत्री और कॉन्ग्रेस के नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि पूरी पार्टी डोटासरा के साथ खड़ी है।
#WATCH | Rajasthan minister and Congress leader Pratap Khachariyawas says, "Congress party stands with Govind Singh Dotasara." pic.twitter.com/2Tv9zKVkJE
— ANI (@ANI) November 2, 2023
26 अक्टूबर 2023 को हुई छापेमारी के बाद डोटासरा ने दावा किया था कि ईडी के अधिकारियों ने उनसे कोई पूछताछ नहीं की और न ही उनका बयान लिया। डोटासरा ने आगे कहा कि उन्होंने एक रुपया भी नहीं लिया या कोई अवैध दस्तावेज़ नहीं पाया। उन्होंने उनके और उनके बेटों के फोन, साथ ही एक पेन ड्राइव पर मौजूद ईमेल भी ले लिए।
उन्होंने दावा किया कि पेपर लीक मामले के सिलसिले में ईडी उनके घर की तलाशी लेने आई थी, लेकिन तलाशी वारंट मेरे बेटे अविनाश डोटासरा के नाम पर था, जो एक लेखा अधिकारी है। उनका दावा है कि डोटासरा के जयपुर और सीकर स्थित घरों के साथ-साथ उनके राजनीतिक कार्यालय के और उनके दोनों बेटों के अपार्टमेंट की भी तलाशी ली गई।
कॉन्ग्रेस प्रमुख ने कहा कि लोग उन्हें और उनके परिवार को कलाम अकादमी से जोड़ते रहते हैं, लेकिन इस संस्थान से ना ही उनका और ना ही उनके बेटों और रिश्तेदारों का कोई संबंध है। कलाम कोचिंग संस्थान की भूमिका पेपर लीक मामले में संदेह के घेरे में है। उन्होंने यह भी कहा कि ईडी इसके लिए कोई दस्तावेज या सबूत ढूंढने में असमर्थ रहा।
दरअसल, अगस्त में ईडी ने कलाम एकेडमी की सीकर शाखा पर छापा मारा था। डोटासरा परिवार का गृहनगर सीकर है और उनका विधानसभा क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ भी सीकर जिले में ही है। ईडी ने इस मामले में शामिल आरपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा और अनिल कुमार मीणा नामक एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। ईडी ने जून में पूरे राजस्थान में विभिन्न स्थानों पर शुरुआती छापेमारी की थी।
प्रवर्तन निदेशालय पिछले वर्ष दिसंबर में ग्रेड II शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा प्रश्नपत्रों के लीक होने से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के विभिन्न पहलुओं की जाँच कर रहा है। पेपर लीक मामले में कुल 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें 37 अभ्यर्थी भी शामिल थे। ईडी की जाँच के अनुसार, कम-से-कम 180 उम्मीदवारों को 8-10 लाख रुपए लेकर परीक्षा के प्रश्न पत्र बाँटे गए थे। इसमें भूपेन्द्र सरन को गिरफ्तार किया गया था।
सामने आए एक चौंकाने वाले मामले में राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीबी) ने नवल किशोर मीणा नाम के एक ईडी अधिकारी को उसके सहयोगी बाबूलाल मीणा के साथ 15 लाख रुपए की रिश्वत माँगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इसमें आरोपितों ने 17 लाख रुपए की रिश्वत की माँग की थी।
नवल किशोर मीणा और बाबूलाल मीणा पर मणिपुर चिटफंड मामले में रिश्वत लेने का आरोप है। राजस्थान एसीबी द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ईडी अधिकारियों ने मामले को खारिज करने, संदिग्धों को गिरफ्तार नहीं करने और संपत्ति जब्त करने के बदले में रिश्वत ली।
यह गिरफ्तारी राजस्थान एसीबी द्वारा जाँच के सिलसिले में राजस्थान में कई स्थानों पर छापेमारी के बाद हुई। नवल किशोर मीना को कमाई के ज्ञात स्रोत के मुकाबले आय में असमानता के मामले में पकड़े जाने के बाद राजस्थान एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया था।