प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस्लामी धर्मांतरण गिरोह से जुड़े 6 ठिकानों पर छापेमारी की। ED ने शनिवार (जुलाई 3, 2021) को दिल्ली और उत्तर प्रदेश के इन ठिकानों पर छापा मारा। जाँच एजेंसी ने अपनी इस कार्रवाई के दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए, जिससे बड़े स्तर पर इस्लामी धर्मांतरण की बात पता चली। मौलाना मोहम्मद उमर गौतम कई संगठनों के साथ मिल कर ये काला कारोबार चला रहा था।
साथ ही ED को इस मामले में विदेशी फंडिंग के भी सबूत मिले हैं। केंद्रीय जाँच एजेंसी का आकलन है कि अवैध धर्मांतरण के लिए इन संगठनों को कई करोड़ रुपए विदेश से मिले हो सकते हैं। ये खुलासा इन्हीं दस्तावेजों से हुआ है। दिल्ली में तीन और यूपी में 3 ठिकानों पे ED की छापेमारी हुई। इसमें दिल्ली के जामिया नगर स्थित ‘इस्लामिक दावा सेंटर (IDC)’ का मुख्य दफ्तर भी शामिल है, जो इन अवैध गतिविधियों का गढ़ था।
यहीं से मौलाना मोहम्मद उमर गौतम और मुफ़्ती काजी जहाँगीर कासमी ऑपरेट करते थे। फ़िलहाल दोनों उत्तर प्रदेश पुलिस की गिरफ्त में हैं। ‘अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन’ के लखनऊ और ‘गाइडेंस एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी’ के संत कबीर नगर स्थित ठिकानों को भी ED ने खँगाला। इन संगठनों के साथ उमर गौतम और जहाँगीर कासमी का सम्बन्ध था। ये अवैध धर्मांतरण में बड़ी भूमिका निभा रहे थे।
ED has conducted search at 6 premises located in Delhi and UP in a forced religious conversion case of Mohd. Umar Gautam, his associate Mufti Qazi Jahangir Qasmi and others. pic.twitter.com/M4rvj9I1En
— ED (@dir_ed) July 3, 2021
ED ने ये कार्रवाई ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ के आरोपों की जाँच के तहत शुरू की है। ATS द्वारा दर्ज की गई FIR को ही इसके लिए आधार बनाया गया है, जिसमें इसका जिक्र है कि कैसे धन का लालच देकर पिछड़ों और दिव्यांगों का धर्मांतरण कराया जा रहा था। ED ने बयान जारी कर इस कार्रवाई की जानकारी दी। अभी इस मामले में आगे की जाँच की जा रही है, जिससे कई राज़ निकलने की संभावना है।
इधर ATS भी उत्तर प्रदेश के 32 जिलों में धर्मांतरण गिरोह का नेटवर्क खँगालने में जुटी है। ये इतना बड़ा नेटवर्क है कि इसके लिए 100 से अधिक अधिकारियों की ज़रूरत पड़ रही है। जाँच के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है, जो आरोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। इरफान शेख, राहुल भोला और अब्दुल मन्नान उर्फ मन्नू यादव को लखनऊ जिला जेल से कस्टडी में लिया गया है।
वहीं मौलाना मोहम्मद उमर गौतम ने इलाहबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर के जाँच को रोकने की माँग की है, जिस पर रमेश सिन्हा और विकास कुंवर श्रीवास्तव की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई भी हुई। इस दौरान आदेश को सुरक्षित रख लिया गया है। ये भी सामने आया है कि उमर और जहाँगीर ने सीएए-एनआरसी के विरोध के दौरान भी 300 से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराया। अपनी सभाओं में ये लोग कहते थे कि CAA और NRC को हटाना है तो इस्लाम को मजबूत बनाना होगा।