झारखंड के सरायकेला में मॉब लिंचिंग का शिकार हुए 24 वर्षीय तबरेज अंसारी की मौत के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 11 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि कथित चोरी को लेकर इस युवक के साथ भीड़ ने मारपीट की थी। इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्तिक एस ने दो पुलिस पदाधिकारियों- खरसावां थाना प्रभारी चंद्रमोहन उरांव व सीनी ओपी प्रभारी विपिन बिहारी सिंह को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। दोनों पर लापरवाही बरतने व अपने वरीय पदाधिकारी को सूचना नहीं देने का आरोप है।
जानकारी के मुताबिक, मामले पर पुलिस प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए एसडीपीओ अविनाश कुमार के नेतृत्व में विशेष जाँच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। एसआईटी में आरआईटी के थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर, आदित्यपुर के थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर, सरायकेला थाना प्रभारी व नए खरसावां थाना प्रभारी को रखा गया है। एसपी के निर्देश पर एसआईटी ने जाँच शुरू कर दी है।
Jharkhand mob lynching: 11 arrested, 2 police personnel suspended; SIT formed for further probehttps://t.co/CXwGWk7642
— India TV (@indiatvnews) June 25, 2019
पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने बताया कि 17 जून को अंसारी अपने दो अन्य साथियों के साथ चोरी की नीयत से रात में सरायकेला के एक गाँव में घुसा था। इस दौरान घर के लोग जाग गए और शोर मचा दिया। जिसके बाद हंगामा होने पर अंसारी के दोनों साथी भाग निकले, जबकि तबरेज अंसारी को ग्रामीणों ने पकड़ कर बिजली पोल से बाँध कर पिटाई की। एसपी ने कहा कि अंसारी के पास से कुछ बेशकीमती सामान बरामद हुए, जो उसने और उसके साथियों ने अन्य गाँवों से कथित तौर पर चुराए थे।
ग्रामीणों की सूचना पर पहुँची पुलिस ने ग्रामीणों की पिटाई से घायल तबरेज अंसारी को हिरासत में लिया। पुलिस ने इलाज कराने के बाद उसे जेल भेज दिया। 22 जून की सुबह तबरेज अंसारी की तबीयत जेल में अचानक बिगड़ गई। जिसके बाद जेल प्रशासन ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा, जहाँ पता चला कि उसे बहुत चोटें आईं हैं। बाद में, अंसारी को जमशेदपुर के टाटा मेन अस्पताल ले जाया गया, जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन, परिजनों ने तबरेज के जिंदा होने की बात कह अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ते देख चिकित्सकों ने उसके परिजनों की डिमांड पर टाटा मुख्य अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन वहाँ भी जाँच कर तबरेज को मृत घोषित कर दिया गया।
इस घटना का एक कथित वीडियो सामने आया है जिसमें कुछ लोग पीड़ित को ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ बोलने के लिए विवश करते हुए दिख रहे हैं। एसपी ने बताया कि जो वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है, उसकी जाँच की जा रही है। जाँच पूरी होने पर सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। वहीं, झारखंड प्रदेश कॉन्ग्रेस के एक नेता ने मृतक के परिवार को ₹25 लाख मुआवजा और उसकी पत्नी को नौकरी दिए जाने की माँग की है।