उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद जिले के मुरादनगर के रहने वाले 18 वर्षीय युवक समीर की हत्या करने का मामला प्रकाश में आया है। मामले में बसपा के पूर्व विधायक वहाब चौधरी समेत उनके दो भतीजों अहद और आफताब को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने जानकारी दी है कि बीते शनिवार (10 जुलाई, 2021) की शाम को समीर अचानक से गायब हो गया था। इसके बाद अगले दिन रविवार (11 जुलाई 2021) को प्रीत विहार कालोनी स्थित कब्रिस्तान में उसका शव मिला।
इस मामले में समीर के पिता ने शिकायत की थी। गाजियाबाद के एसपी (ग्रामीण) ईरज राजा ने हरसाँव पुलिस लाइन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि आरोपितों की पहचान अहद, वहाब चौधरी के रूप में हुई है। वहाब चौधरी मुरादनगर से बसपा के पूर्व विधायक रहे चुके हैं और वर्तमान में भीम आर्मी पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ रावण और आफताब से जुड़े हैं। पुलिस ने उनके पास से 32 बोर की एक पिस्टल और दो जिंदा कारतूस बरामद किया है।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि बसपा के पूर्व विधायक वहाब चौधरी राजनैतिक लाभ लेना चाहते थे। इसके अलावा वह बिरादरी में अपना वर्चस्व कायम करना चाहते थे। इसीलिए चौधरी ने इस हत्याकांड की साजिश रची थी। वहाब चौधरी के बेटे आदिल ने ही अहद को पिस्टल दी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक एसपी ईरज राजा ने बताया है कि पूर्व विधायक वहाब चौधरी के भाई आस मोहम्मद ने मई 2020 में अपनी पत्नी सहाना की हत्या कर दी थी। इस केस में आस मोहम्मद, उसके बेटे अहद, अहद के दोस्त समीर, शाहरुख व आस मोहम्मद की दूसरी पत्नी तबस्सुम उर्फ भूरी को जेल भेजा गया था। अहद के मुताबिक, हत्या के केस में अन्य लोगों को जमानत मिल गई है, लेकिन उसके अब्बा अभी भी जेल में बंद हैं।
अहद ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि समीर और वो दोनों अच्छे दोस्त थे। वहाब ने ही उसे समीर की हत्या करने के लिए उकसाया था। जाँच में सामने आया है कि सहाना की हत्या के मामले में जेल में बंद आस मोहम्मद भी समीर की हत्या की साजिश में शामिल था।
पुलिस के मुताबिक, आस मोहम्मद पत्नी की हत्या का आऱोप समीर पर डालकर अपने ऊपर लगे कलंक को मिटाना चाहता था। जबकि समीर की हत्या के बाद अहद भी जेल चला जाता। तो दूसरा एंगल यह भी है कि ऐसे में वहाब चौधरी उसकी संपत्ति को हड़पना चाहता था।
पुलिस की पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपित अहद ने बताया कि उसने ही समीर को शनिवार (10 जुलाई 2021) की शाम को बाहर खाने के बहाने बुलाया था। इसके बाद उसी रात 10 बजे उसने अपने साथियों के साथ प्रीत विहार के कब्रिस्तान के पास एक खेत में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।
डेढ़ महीने पहले ही जेल से छूटा था समीर
समीर पूर्व विधायक वहाब चौधरी के भाई आस मोहम्मद की पत्नी सहाना की हत्या में शामिल था। लेकिन, नाबालिग होने के कारण वह जेल से बाहर आ गया था। हालाँकि, बाहर आते ही पुलिस ने उसे गैंगस्टर एक्ट में फिर से अंदर कर दिया था। वह डेढ़ महीने पहले ही जेल से बाहर आया था।
इसके बाद पूर्व विधायक वहाब चौधरी ने अहद को घर पर बुलाया और कहा कि उसके अब्बू अभी भी जेल में बंद हैं, जबकि वो (समीर) और उसकी सौतेली अम्मी आजाद घूम रहे हैं। इससे उनकी (वहाब चौधरी) की इमेज को नुकसान पहुँच रहा है। इसी कारण समीर की हत्या करने के लिए पूर्व विधायक ने अहद को उकसाया।