दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के मामले में जेल में बंद इशरत जहाँ को कोर्ट से जमानत मिल गई है। कॉन्ग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत को उनके निकाह के लिए 10 दिनों की जमानत पर रिहा किया गया है। बता दें कि कॉन्ग्रेस की पूर्व म्युनिसिपल काउंसिलर इशरत जहाँ के खिलाफ यूएपीए (ग़ैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत कार्रवाई चल रही है। उन्होंने दिल्ली की अदालत से गुरुवार (मई 29, 2020) को जमानत के लिए गुहार लगाई थी।
बता दें कि फ़रवरी में दिल्ली में हिन्दू-विरोधी दंगे भड़के थे, जिसमें इशरत जहाँ और उनके समर्थकों द्वारा लोगों को भड़काने का मामला सामने आया था। इशरत के समर्थक खालिद ने तो पुलिस को रोकने के लिए भीड़ जुटाई थी। एडिशनल सेशन जज प्रवीण सिंह ने इस मामले की सुनवाई की। एडिशनल पब्लिक प्रासीक्यूटर ने इशरत के निकाह के सम्बन्ध में जानकारी जुटाने के लिए समय माँगा था, जिसके बाद जमानत याचिका पर आज सुनवाई हुई। फिर 10 दिनों के लिए जमानत दे दी गई।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जारी हुई सुनवाई में प्रासीक्यूटर धरम चंद ने अदालत से कहा था कि इशरत के निकाह की सत्यता की पुष्टि किए जाने की ज़रूरत है, जिसके बाद ज़रूरी छानबीन की गई। इशरत के जमानत याचिका में लिखा है कि उनकी शादी 2 साल पहले ही तय कर दी गई थी। यानी, इशरत की मानें तो 2018 में ही तय हो गया था कि जून 12, 2020 को उनका निकाह होगा। इशरत जहाँ ने अदालत को भरोसा दिया है कि वो सबूतों और गवाहों के साथ किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ नहीं करेंगी।
इशरत जहाँ के अलावा जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के आसिफ इकबाल तनहा, गुलफिसा खातून, जामिया कोआर्डिनेशन कमिटी की सफूरा जरगर, मीरान हैदर, जामिया अलुमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष शिफा-उर-रहमान, आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन और जेएनयू के छात्र नेता रहे उमर खालिद के खिलाफ दिल्ली दंगों के मामलों में FIR दर्ज किया जा चुका है। इनमें से कईयों की गिरफ़्तारी भी हुई है।
Former congress councillor Ishrat jahan, arrested in the north east Delhi riots case, has been granted interim bail for ten days for her Nikaah.
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) May 30, 2020
बता दें कि इशरत जहाँ की गिरफ़्तारी के बाद कॉन्ग्रेस ने कहा था कि दिल्ली हिंसा में पहले कुछ दिनों तक जानबूझकर कार्रवाई नहीं हुई और बाद में निर्दोषों को फँसाया गया। जवाबदेही तय होनी चाहिए। आनंद शर्मा ने आरोप लगाया था कि अब जो कार्रवाई हो रही है वह एकतरफा है। जो लोग धरने पर थे उन पर संगीन धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।