Saturday, November 16, 2024
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‘दिल्ली पुलिस घर आए तो उनका घेराव करें’: किसान नेता ने वीडियो जारी कर बताया उपद्रवियों को गिरफ्तारी से बचने का तरीका

गुरनाम कहते हैं कि सभी को इन बातों का ध्यान रखते हुए एक्शन लेना है, क्योंकि दिल्ली पुलिस का कोई और इलाज नहीं रहा है, इस तरह की ज्यादतियाँ बर्दाश्त नहीं की जाएँगीं। सभी जगह पुलिस वालों का घेराव करना शुरू कर दो।

दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में पुलिस लगातार उपद्रवियों की पहचान करके उनके ख़िलाफ़ एक्शन लेने में जुटी है। ऐसे में एक किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने एक भड़काऊ वीडियो जारी करके कथित किसानों से अपील की है कि यदि दिल्ली पुलिस उन्हें नोटिस दे तो वह उनके सामने पेश न हों और यदि पुलिस उन्हें पकड़ने उनके घर आए तो वह लोग उन्हें बंधक बना लें।

वीडियो में गुरनाम को कहते सुना जा सकता है, “26 जनवरी को जो दिल्ली में ट्रैक्टर परेड थी, उसको लेकर दिल्ली पुलिस अति क्रूरता कर रही है। बहुत से हमारे किसानों को पहले ही पकड़ा जा चुका है। वह अभी तक जेलों में हैं। इनके ऊपर 307 तक के मुकदमे लगा दिए गए हैं। कई ट्रैक्टर हमारे पकड़े हुए हैं, जो अभी नहीं छूटे हैं। जब किसान वहाँ पर जाता है तो उसे वहीं बैठा लिया जाता है। इसके अलावा उन लोगों पर भी कई तरह के अवैध मुकदमे दर्ज हो रहे हैं जिनकी फोटो आ गई है या वीडियो में जिनकी गाड़ी का नंबर आ गया है। पुलिस इन लोगों को नोटिस भेज रही है और कइयों को घर से आकर गिरफ्तार कर रही है।”

अपनी वीडियो में किसान नेता अन्य प्रदर्शनकारियों से या उस दिन हिंसा में शामिल उपद्रवियों से आगे अनुरोध करते हैं कि अगर किसी को दिल्ली पुलिस नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाती है तो पेश ना हों, क्योंकि वे लोग वहीं पर पकड़ रहे हैं और अगर दिल्ली पुलिस किसी के घर पर छापा मारने आए या पकड़ने आए तो उनका घेराव करें। उनको वहीं बैठाकर पूरे गाँव को इकट्ठा करें। साथ ही इन पुलिस वालों को तब तक न छोड़ा जाए जब तक जिला प्रशासन आकर आश्वासन न दे कि दिल्ली पुलिस आपके गाँव और आपके जिले में नहीं घुसेगी।

कथित किसानों को भड़काने के बाद ये किसान नेता खुद के बचाव में आखिर में इस बात को भी जोड़ते हैं कि जिस भी पुलिस वाले का घेराव किया जाए उसके साथ किसी तरह की मारपीट न हो, किसी तरह की ज्यादती न हो। उनको बैठाकर खिलाएँ-पिलाएँ, लेकिन उन्हें छोड़ा तब तक न जाए जब तक जिला प्रशासन न आ जाए।

गुरनाम कहते हैं कि सभी को इन बातों का ध्यान रखते हुए एक्शन लेना है, क्योंकि दिल्ली पुलिस का कोई और इलाज नहीं रहा है, इस तरह की ज्यादतियाँ बर्दाश्त नहीं की जाएँगीं। सभी जगह पुलिस वालों का घेराव करना शुरू कर दो।

गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का आज 86वाँ दिन है। वह लगातार तीनों कृषि कानून रद्द कराने की माँग पर अड़े हैं। बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने आज ही कहा है कि देश का किसान 70 वर्षों से घाटे की किसानी कर रहा है। अगर इस बार एक फसल की कुर्बानी देनी होगी तो इसके लिए किसान तैयार है। ज्यादा मजदूर लगाकर अगर फसल काटनी पड़ी तो वह उसे भी करेंगे। फसल की वजह से आंदोलन कमजोर नहीं होगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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