Monday, November 25, 2024
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राकेश टिकैत समेत 6 किसान नेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया गया क्राइम ब्रांच, गाजीपुर बॉर्डर पर तनावपूर्ण माहौल

जिन नेताओं को क्राइम ब्रांच में बुलाया गया है उनमें बूटा सिंह बुर्जगिल, दर्शन पाल सिंह, राकेश टिकैत, शमशेर पंधेर, पन्नू पंधेर और सतनाम पन्नू शामिल हैं। हालाँकि भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अभी इस जाँच में शामिल होने से मना कर दिया है।

गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान देश की राजधानी में घटी हिंसक घटनाओं के बाद से दिल्ली पुलिस सख्त एक्शन में है। दिल्‍ली पुलिस ने आज (29 जनवरी, 2021) क्राइम ब्रांच के दफ्तर में किसान आंदोलन में शामिल 6 किसान नेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया है। बता दें, लाल किले पर दंगाइयों द्वारा किए गए हिंसा और बर्बरता की घटना के जाँच अब दिल्ली पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एसीपी ललित मोहन नेगी को सौंप दी गई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन नेताओं को क्राइम ब्रांच में बुलाया गया है उनमें बूटा सिंह बुर्जगिल, दर्शन पाल सिंह, राकेश टिकैत, शमशेर पंधेर, पन्नू पंधेर और सतनाम पन्नू शामिल हैं। हालाँकि भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अभी इस जाँच में शामिल होने से मना कर दिया है। 26 जनवरी को हुए बवाल के मद्देनजर मामले में देशद्रोह और UAPA के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।

वहीं भारी संख्‍या में गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस बल, पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात किए गए है। गाजीपुर बॉर्डर पर कल से मचे बवाल को लेकर यूपी पुलिस का कहना है कि किसानों की सुरक्षा के लिए पुलिस लगाई गई। किसानों से संवाद में कमी नहीं होने दी जाएगी। किसी को माहौल बिगाड़ने की इजाजत नहीं है।

यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, “हम सभी को विश्वास में लेने के बाद ही अगला कदम उठाएँगे। वहाँ (गाजीपुर सीमा) शांति बनाए रखने के लिए तैनात किए गए बल और किसानों के साथ बातचीत चल रही है। कुछ किसानों ने अपना विरोध वापस ले लिया है। पुलिस कुछ भी अवैध नहीं करेगी, हम बातचीत के माध्यम से सब कुछ कर रहे हैं।”

एडीजी ने कहा, “यूपी सरकार ने शुरू से ही कहा था कि हम किसानों से बात करके इसका हल निकालेंगे। उसी के अनुसार अब तक सब कुछ किया गया है। कल या आज सुरक्षा को मजबूत करना यह देखना था कि कोई उपद्रवी तत्व विरोध में न घुस जाए, जोकि माहौल को बिगाड़े।”

उन्होंने कल फैले अफवाह को लेकर कहा कि, “कुछ लोगों ने आधारहीन संदेह व्यक्त किया और इसे एक दूसरों के बीच फैलाया गया। हम शुरू से कह रहे हैं कि हम केवल बातचीत के माध्यम से एक समाधान की तलाश करेंगे। यूपी में आज भी शांति है। हमारे अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और किसानों से बात कर रहे हैं। बातचीत में कोई कमी नहीं है।”

गौरतलब है कि 26 जनवरी के मौके पर हुए बवाल में शामिल संदिग्धों को पकड़ने के बाद पूछताछ के आधार पर हिंसा भड़काने में शामिल अन्‍य लोगों की भूमिका का भी पता लगाया जा सकेगा। फुटेज के आधार पर भी दंगाइयों की तलाश की जा रही है। दरअसल, पुलिस के पास जो तमाम सीसीटीवी फुटेज और वीडियो मौजूद हैं, उन्हीं की जाँच के बाद इन 6 उपद्रवियों के बारे में पुलिस को पता चला है। अब घटना में शामिल बाकी दंगाइयों की तलाश तेज कर दी गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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